जरीन खान जल्‍दी ही अपनी फर्स्‍ट पंजाबी मूवी गिप्‍पी ग्रेवाल की शूटिंग स्‍टार्ट करने जा रही हैं जिसमें उनके अपोजिट राजीव खंडेलवाल लीड रोल में होंगे.

सलमान खान के साथ वीर मूवी में अपना डेब्यु करने के बाद जरीन खान को कई बड़ी फिल्मों में चांस मिला पर अभी तक वो अपना सही मुकाम हासिल नहीं कर पायी हैं. अपनी जगह बनाने के लिए वो कड़ी मेहनत कर रही हैं और उन्हें यकीन है कि जल्दी ही उन्हें लोग अच्छी एक्ट्रेस के तौर पर एक्सेप्ट करने लगेंगे.
Comedy vs romance
मुझे कॉमेडी और रोमांस, दोनों ही तरह की मूवीज पसंद हैं. कॉमेडी मूवीज करते वक्त आपको बहुत स्पॉन्टेनियस होना पड़ता है, साथ ही साथ आपकी कॉमिक टाइमिंग भी अच्छी होनी चाहिए. वहीं रोमांटिक मूवीज में आपको ऑडियंस को यह कंविंस कराना होता है कि आप उस एक्टर के बेइंतहा प्यार करते हैं जो हो सकता है कि आपके लिए बिल्कुल अजनबी हो. स्क्रीन पर मैजिकल मोमेंट्स क्रिएट कर पाना काफी मुश्किल है पर एक एक्टर के तौर पर यही तो हमारा काम होता है.
Sustaining in the industry
न्यूकमर्स के लिए इंडस्ट्री में काफी रास्ते खुल रहे हैं और डायरेक्टर्स भी रिस्क लेने को तैयार हैं. जब मैंने डेब्यू किया था तब माहौल ऐसा नहीं था. लोग एक्सपेरिमेंट करने को तैयार नहीं थे और आपको उन्हें अपनी एबिलिटीज को लेकर कंविंस करना पड़ता था. इस दौरान जो सबसे जरूरी चीज मैंने सीखी वो यह है कि, यहां आपके कनेक्शंस तो काफी हो सकते हैं पर एक अच्छा एक्टर बनने के लिए आपको कड़ी मेहनत करनी पड़ती है. यही वो चीज है जो आपको आगे ले जाती है.

हो सकता है कि आप काफी खूबसूरत हों और आपके कॉन्टैक्ट्स काफी अच्छे हों, पर यह सिर्फ आपको इंडस्ट्री में ब्रेक दिलाने में हेल्प करेगा, इससे ज्यादा कुछ नहीं. अगर आप लोगों को अपने टैलेंट से कंविंस नहीं कर पाएंगी तो कोई आपकी तरफ दोबारा मुडक़र भी नहीं देखेगा. एक मूवी में काफी इनवेस्टमेंट लगा होता है और लोग आप पर इनवेस्ट तभी करेंगे जब उन्हें लगेगा कि आप यह डिजर्व करती हैं. इंडस्ट्री में एक आउटसाइडर होना काफी चैलेंजिंग हो सकता है क्योंकि कई बार यहां आपको काफी अकेलापन महसूस होता है.
Flab to fab
हमारा शेड्यूल इतना रैंडम होता है कि हमारे पास वर्कआउट के लिए ना तो एनर्जी बचती है और ना टाइम. पर हमारा प्रोफेशन ऐसा है कि हमें अच्छा ही दिखना होता है. जब मैं वर्कआउट शुरू कर देती हूं तो फिर मैं जिम जाने को लेकर भी रेग्युलर हो जाती हूं. यही कमिटमेंट डिफरेंस पैदा कर देता है. अब मुझे अपनी बॉडी से प्यार हो गया है. जब आप वर्कआउट के लिए कमिटेड हो जाते हैं तो आप खुद को वक्त देने का कमिटमेंट भी कर लेते हैं, यह वक्त सिर्फ आपके लिए होता है. पूरे दिन में अपने लिए एक घंटा निकालना मुश्किल नहीं है पर यह 60 मिनट आपके लिए सबसे इम्पॉर्टेंट जरूर होते हैं. मैं अलग-अलग चीजें करने की कोशिश करती हूं. मैं कार्डियो, बूट कैम्प, डान्सिंग, वेट-ट्रेनिंग और योगा के बीच स्विच करती रहती हूं. मैं लगातार अपनी बॉडी को चैलेंज करती हूं.
Across languages
बॉलीवुड और बाकी फिल्म इंडस्ट्रीज में ज्यादा डिफरेंस नहीं है. सबसे टफ काम लैंग्वेज को सही तरह से समझना होता है. क्राफ्ट और पैशन एक जैसा ही रहता है. नवंबर में मैं अपनी पंजाबी डेब्यू मूवी गिप्पी ग्रेवाल की शूटिंग शूरू कर दूंगी.

Posted By: Kushal Mishra