- मुख्य सचिव के आदेश के बाद भी नहीं हो रहे स्थानांतरण

LUCKNOW: राजधानी के एडेड और परिषदीय स्कूलों के कई गुरु जी ऐसे हैं, जो बच्चों को पढ़ाने की जगह जिला विद्यालय निरीक्षक और बीएसए कार्यालय में बाबूगिरी करने में जुटे हैं। शिक्षकों के साथ-साथ इनमें कई कर्मचारी भी शामिल हैं। हद तो यह है कि स्कूल जाए बिना ही उनकी उपस्थिति वेरीफाई करते हुए उनको सैलरी भी दी जा रही है। इन शिक्षकों के स्कूल न जाने से पढ़ाई प्रभावित हो रही है।

पढाई छोड़ बाबू गिरी में जुटे शिक्षक

दरअसल स्टेट के मुख्य सचिव का स्पष्ट आदेश है कि कोई भी शिक्षक व कर्मचारी को कार्यालय में सम्बद्घ न किया जाए। यदि जो सम्बद्घ हैं तो तत्काल उनकेमूल पदों पर भेज दिया जाए। पिछले साल हुए इस आदेश पर कुछ दिन अमल किया गया। लेकिन अब आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है। खासकर जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में कुछ ऐसा ही है। यहां के परीक्षा विभाग में एक शिक्षक हैं छठी राम। यह गुरुजी अर्थशास्त्र के शिक्षक हैं और उनकी नियुक्त जगन्नाथ प्रसाद साहू इंटर कॉलेज में है। लेकिन पिछले काफी समय से गुरु जी यहीं पर परीक्षा के काम में हाथ बंटा रहे हैं। इसी कॉलेज के एक और शिक्षक हैं अभिमन्यू सिंह। इनका विषय कॉमर्स है, लेकिन यह भी ज्यादातर कॉलेज समय के दौरान शिक्षा भवन में ही नजर आते हैं। कुछ ऐसा ही हाल बीएसए कार्यालय का है। यहां पूर्व माध्यमिक विद्यालय जेहटा काकोरी के शिक्षक निखिल निगम भी कम्प्यूटर का काम निपटाते रहते हैं। वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय में भी एक शिक्षक स्कूल में पढ़ाने की जगह एकाउंट्स का काम निपटाते हैं।

कई कर्मचारी भी सम्बद्घ

शिक्षकों के साथ-साथ कार्यालय में कई तृतीय व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भी ऐसे हैं जो मूल तैनाती पर जाने की जगह यहीं पर सम्बद्घ होकर मलाई काट रहे हैं। लाल राम स्वरूप शिक्षा संस्थान बंथरा में चतुर्थ श्रेणी के पद पर तैनात कर्मचारी पुनीत त्रिपाठी डीआईओएस कार्यालय में सम्बद्घ होकर बाबुगिरी कर रहा है। जबकि इसको ऊपर कई बार गंभीर आरोप भी लग चुके हैं। इसके अलावा एक कर्मचारी ऐसे भी हैं जो दूसरे जिले में तबादला होने के बाद भी यहां सम्बद्घ होकर काम कर रहे हैं।

Posted By: Inextlive