-आईसीएमआर की सहमति से आरएमआरआई में पेटेंट को ले वर्कशॉप

PATNA CITY : मेडिकल या किसी अन्य क्षेत्र में किए गए रिसर्च या नए प्रोडक्ट का निर्माण इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टीज राइट(आईपीआर) से पेटेंट जरूर कराएं। अपने रिसर्च को जर्नल या न्यूजपेपर में पब्लिस्ड कराने से पहले पेटेंट कराना आवश्यक होता है नहीं तो कोई दूसरा उसका लाभ ले उठा लेता है। यह बात कोलकाता से आए डिप्टी कंट्रोलर ऑफ पेटेंट्स एंड डिजाइनस के सोउमन घोष, असिस्टेंट कंट्रोलर शांतनु डे व डॉ। एस बनर्जी ने मंगलवार को आरएमआरआई में आयोजित इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टीज राइट के कार्यक्रम में कही।

बताया कैसे पेटेंट कराएं

कार्यक्रम का इनॉगरेशन आईजीआईएमएस के डायरेक्टर प्रो। एनआर बिस्वास, पटना विवि के प्रो वीसी प्रो। आरके वर्मा व डॉ। प्रदीप दास ने दीप जला कर किया। वहीं गेस्ट का वेलकम आरएमआरआई के डायरेक्टर डॉ। प्रदीप दास व डॉ। सीएस लाल ने संचालन किया। आईसीएमआर के एक्स साइंटिस्ट व कोलकाता डाबर के डॉ। के सत्यनारायण ने पेटेंट कराने के सिस्टम के बारे में बताया। कार्यक्रम में जानकारी देते हुए कहा गया कि पीएम के मेड इन इंडिया के तहत जो भी साइंस के एरिया में नया काम करते हैं, कैसे उसे पेटेंट किया जाए। पेटेंट के लिए कानून है, उसकी जानकारी दी गई। प्रो। बिस्वास ने फार्मा के क्षेत्र में इंटेलिलेक्चुअल प्रोपर्टी राइट्स पर प्रकाश डाला। डॉ। प्रदीप दास ने कहा कि छोटी-बड़ी सोच को पेटेंट कराइए, ताकि देश का दुनिया में नाम हो। इससे इकॉनोमी में भी सुधार होगा। हालांकि बिहार में पेटेंट ऑफिस नहीं है। इसका रिजनल ऑफिस कोलकाता में है, जहां से किसी प्रोडक्ट या रिसर्च को पेटेंट कराया जा सकता है। कार्यक्रम में डॉ। एसके सिंह, डॉ। एके गुप्ता, डॉ। श्रीकांत केसरी, संजय चौबे आदि मौजूद थे। वोट ऑफ थैंक्स डॉ। वीएनआर दास ने दिया।

Posted By: Inextlive