-कार्यशाला के लिए मेरठ पहुंचे उत्तर प्रदेश के मुख्य सूचना आयुक्त जावेद उस्मानी

-फरवरी 2015 में पेंडिंग थीं 53 हजार सूचनाएं, अब रह गईं 48 हजार सूचनाएं

Meerut: उत्तर प्रदेश के मुख्य सूचना आयुक्त जावेद उस्मानी ने कहा कि किसी भी विभाग का जनसूचना अधिकारी अब बिना कारण बताए सूचना देने से मना नहीं कर सकता। आरटीआई 2005 के तहत यह जरूरी है कि सभी प्रकार की सूचनाएं आवेदक को दें। यदि आवेदक को धमकी मिल रही है या उसे किसी तरह का खतरा महसूस हो रहा है तो वह पुलिस सुरक्षा भी प्राप्त कर सकता है।

बताना होगा कारण

मंगलवार को मंडल के सभी विभागों के प्रथम अपीलीय व जन सूचना अधिकारियों की वर्कशाप के लिए मेरठ आए जावेद उस्मानी ने बताया कि केवल उन्हीं सूचनाओं को वे नहीं दे सकते जो अधिनियम की कुछ धाराओं के तहत उल्लेखित किए गए हैं, लेकिन इसका कारण बताना होगा।

48 हजार पेंडिंग

मुख्य सूचना आयुक्त जावेद उस्मानी ने बताया कि प्रदेश में 18 हजार जन सूचना अधिकारी हैं। हर महीने करीब 700 से 800 सूचना के लिए आवेदन आते हैं। फरवरी 2015 में करीब 53 हजार सूचनाएं पेंडिंग थीं। वर्तमान में यह घट कर 48 हजार रह गई हैं।

लगेगा जुर्माना

उन्होंने बताया निर्धारित समय में यदि अधिकारी सूचना नहीं देता है या फिर अधूरी देता है तो आयोग मैक्सिमम 25 हजार रुपए का अर्थदंड निर्धारित करता है। इसके बावजूद भी सूचना प्रेषित नहीं की गई तो आयोग शासन को उस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई के लिए संस्तुति करता है।

उत्तर प्रदेश में जन सूचना अधिकारी 18000

हर महीने आवेदन 700-800

पेंडिंग 48000

सूचना न देने पर जुर्माना अधिकतम 25000

यदि ऐसा कोई आवेदक शिकायत लेकर पुलिस के पास आता है उसको हर संभव सुरक्षा प्रदान की जाएगी। मामले की जांच के बाद उसे जरूरत पड़ने पर सुरक्षाकर्मी मुहैया कराए जाएंगे।

- डीसी दूबे, एसएसपी

आरटीआई की पूरी जानकारी के लिए देख सकते हैं विभाग की वेबसाइट

upsic.up.nic.in

Posted By: Inextlive