World Environment Day 2020: दुनिया भर के पर्यावरण पर कोरोनावायरस का असर, सामने आए यह परिणाम
कानपुर। World Environment Day 2020: दुनिया भर में कोरोनावायरस के कारण जहां बड़ी संख्या में लोग संक्रमण का शिकार हुए हैं, वहीं इसकी चपेट में आकर बहुतों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी है। आर्थिक गतिविधियां भी थम सी गई हैं। बहरहाल इस सबके बीच शोधकर्ताओं को इसमें एक सकारात्मक पहलू भी नजर आया है। बीते बरसों में विकास के जिस मॉडल को हमने अपनाया है उसके कारण पर्यावरण को होने वाली क्षति इस दौरान कम हुई है। वर्ल्ड एनवायरनमेंट डे पर एक नजर डालते हैं साइंस डायरेक्ट डॉट कॉम में प्रकाशित शोध इनडायरेक्ट इफेक्ट्स ऑफ कोविड 19 ऑन द एनवायरनमेंट के नतीजों पर। चीन के हुबेई प्रांत में 2019 के अंत में सोशल डिस्टेंसिंग के कड़े नियम लागू किए गए थे। इसके चलते बिजली संयंत्रों का संचालन व औद्योगिक गतिविधियों थम सी गईं। वाहनों के उपयोग में भी कमी देखी गई।
इस वजह से चीन के प्रमुख शहरों में वातावरण में नाइट्रोजन ऑक्साइड व पॉर्टिकुलेट मैटर के कंसट्रेशन में कमी आई। दुनिया के अन्य हिस्सों मसलन यूरोप में नागरिकों को घरों में ही रहने के निर्देश के बाद वायु प्रदूषण में कमी व हवा की गुणवत्ता में सुधार देखा गया। फ्रांस, जर्मनी, इटली व स्पेन जैसे देशों में वातावरण बेहतर हुआ। इतना ही सोशल डिस्टेंसिंग के कड़े नियमों के कारण समुद्र तट भी पहले से कहीं अधिक साफ सुथरे नजर आए। ज्यादातर देशों में ध्वनि प्रदूषण में भी कमी आई। यातायात के लिए सार्वजनिक व निजी वाहनों के उपयोग व वाणिज्यिक गतिविधियों में कमी का सीधा असर ध्वनि प्रदूषण पर देखा गया।
कोविड 19 का पर्यावरण पर सकारात्मक व नकारात्मक असरसाफ हवा हम सबको पता है कि साफ हवा सभी के जीवन के लिए कितनी महत्वपूर्ण है। इसके बावजूद दुनिया की बड़ी आबादी ऐसी जगहों पर रहती है जहां डब्ल्यूएचओ के मानकों के विपरीत हवा की गुणवत्ता खराब है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक दुनिया भर में हर साल 8 प्रतिशत मौतें वायु प्रदूषण जनित बीमारियों के कारण होती हैं। कोरोना वायरस के चलते दुनिया भर में लागू सोशल डिस्टेंसिंग नियमों व लॉकडाउन का सीधा असर हवा की गुणवत्ता पर देखा गया। रोम, मैड्रिड व पेरिस जैसे शहरों में जहां इस पर नजर रखी गई यह पाया गया कि हवा साफ हुई है। चीन में भी वायु प्रदूषण में कमी देखी गई। साफ समुद्र तटतटीय इलाकों में भी कोरोनावायरस लॉकडाउन का असर देखा गया जहां पहले की तुलना में समुद्र तट कहीं अधिक साफ सुथरे नजर आए। लोगों के गैर जिम्मेदाराना रवैये के कारण दुनिया भर में समुद्र तट प्रदूषित हो रहे हैं। बार्सिलोना, स्पेन से लेकर सालिनास, इक्वाडोर तक यह नजर आया, जहां पहले की तुलना में तटों के निकट समुद्र का पानी पहले से कहीं साफ है।
ध्वनि प्रदूषण में कमी ध्वनि प्रदूषण वह अनावश्यक शोर है जो इंडस्ट्रियल या वाणिज्यिक गतिविधियों के कारण पैदा होता है। दुनिया भर में आबादी के बड़े हिस्से व पर्यावरण के लिए शोर एक बड़ी समस्या बन गया है जिसके चलते लोग कई सारी शारीरिक समस्याओं के शिकार हो रहे हैं। लॉकडाउन के कारण बड़ी संख्या में लोग अपने घरों तक सीमित होकर रह गए, जिसकी वजह से निजी व सार्वजनिक यातायात के लिए वाहनों के उपयोग में कमी देखी गई। इस कारण शोर में कमी आई व ध्वनि प्रदूषण कम हुआ।