‘फॉरेस्‍ट बाथिंग’ या कि हिंदी में कहें तो जंगल स्‍नान। यह शब्‍द आपने भले ही पहली बार सुना होगा लेकिन बिना दवा और एक्‍सरसाइज के फिट एण्‍ड फाइन रहने के लिए जापानी लोग इसका इस्‍तेमाल तो कई दशक से कर रहे हैं। आखिर क्‍या है ‘फॉरेस्‍ट बाथिंग’ और इसके जरिए आप अपनी जिंदगी कैसे बना सकते हैं हेल्‍दी। world environment day पर आइए जानें स्‍वस्‍थ जिंदगी जीने का नया तरीका।

नो जॉगिंग नो वर्कआउट सिर्फ ‘फॉरेस्ट बाथिंग’: जिंदगी को टेंशनफ्री, हेल्दी और खुशनुमा बनाने के लिए जापानियों ने इस नेचुरल विधि पर सालों रिसर्च की है। जिसमें हेवी वर्कआउट, जिमिंग और जॉगिंग के बिना भी लोगों की जिंदगी को हेल्दी और टेंशनफ्री बनाया जाता है। ‘फॉरेस्ट बाथिंग’ में जंगल या कहें तो घने पेड़ों की पंक्तियों के बीच कुछ देर शांति से घूमना फिरना होता है।


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ज्यादा चुस्त और एनेर्जेटिक रहने के लिए बने हैं ‘फॉरेस्ट बाथिंग’ क्लब: वैसे तो ‘फॉरेस्ट बाथिंग’ जापान के साथ साथ यूरोपियन कंट्रीज से लेकर कनाडा तक पॉपुलर होती जा रही है, लेकिन जापान की हेल्थ पॉलिसी का हिस्सा होने के कारण यहां शहरी बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी वीक में कुछ समय निकालकर ‘जंगल बाथ’ जरूर करते हैं। इसे प्रमोट करने के लिए जापान में तमाम ‘फॉरेस्ट बाथिंग’ क्लब भी बन गए हैं। यहां के लोगों को मानना है कि ऐसा करने से उनका तनाव कम रहता है और ज्यादा चुस्ती फुर्ती के साथ वो ज्यादा खुश महसूस करते हैं। world environment day पर आप भी जंगलो से सीखिए हेल्दी जिंदगी।

 

 

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तो जनाब आप क्या सोच रहे हैं। तरीका भले ही जापानियों का है, लेकिन अपने इंडिया में कौन सा जंगलों और पेड़ों की कमी है। फिर देर किस बात की, चलिए हम भी जरा लेते हैं ‘फॉरेस्ट बाथिंग’ का मजा।

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Posted By: Chandramohan Mishra