भारत में सोने चांदी के गहनों की शुद्धता पर लगातार उठ रहे सवालों पर वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल ने अंतिम मुहर लगा दी है। जिससे साफ हो गया है कि भारत में गहनों की शुद्धता की कोई गारंटी नहीं है। यहां पर हॉलमार्किंग प्रणाली के गहनों में गड़बड़ी व्‍याप्‍त है। जिससे अब भारत में हॉलमार्क ज्वैलरी की शुद्धता ग्लोबल स्टेंडर्ड पर खरी नहीं उतर रही है।


भरोसे से पर्दा हटा अगर आप अपने सोने चांदी के गहनों को शु्द्ध मानते हो तो आप भ्रम में हो। हो सकता आप ये सोच रहे हों कि आपने हॉलमार्किंग प्रणाली वाले गहने लिए हैं तो वे तो पूरी तरह से शुद्ध होंगे। आपके गहने खरे सोने के हैं, लेकिन यह सरासर गलतफहमी है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल ने कल लोगों के भरोसे से पर्दा हटा दिया है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल का कहना है कि भारत की हॉलमार्क गोल्ड ज्वैलरी की शुद्धता अब भरोसेमंद नहीं है। इस पर भरोसा करके शुद्ध सोने चांदी के गहने लेना बिल्कुल बेकार है। इस दौरान यह भी साफ हुआ कि भारत की हॉलमार्क ज्वैलरी भरोसेमंद ज्वैलरी की श्रेणी में नहीं आती है। जिससे दुनिया के कई सारे देश इससे किनारा करते हैं। अच्छा फायदा होगा
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की माने तो भारत में वैसे भी हॉलमार्क ज्वैलरी 30% से भी कम है। इसके बाद भी वह शुद्धता के मानक से दूर है। जब कि भारत में करीब 4 लाख ज्वैलर्स हैं। ऐसे में अगर सही हॉलमार्क प्रणाली के तहत यहां से गोल्ड ज्वैलरी एक्सपोर्ट की जाए तो अच्छा फायदा होगा। ज्वैलरी एक्सपोर्ट 8 अरब डॉलर से बढ़कर 40 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। गौरतलब है कि भारत में हॉलमार्किंग ज्वैलरी को शहरों से गांवों तक में लोग शुद्धता के रूप में लेते हैं। इसके साथ ही सबसे खास बता तो यह है कि देश में करीब 300 से ज्यादा हॉलमार्किंग सेंटर्स हैं। बावजूद इसके  देश में हॉलमार्क ज्वैलरी का ये हाल हो रहा है।

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Posted By: Shweta Mishra