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RANCHI इनकी खूबसूरती और कलात्मकता पर्यटकों को खींचती हैं। झारखंड सरकार भी इन्हें व‌र्ल्ड हेरिटेज साइट का दर्जा दिलाना चाहती है, पर इस प्रक्रिया में इतनी अड़चनें हैं कि झारखंड के चार टूरिस्ट प्लेस अब तक व‌र्ल्ड हेरिटेज टैग का इंतजार ही कर रहे हैं। 18 अप्रैल को पूरी दुनिया में जहां व‌र्ल्ड हेरिटेज डे मनाया गया, अगर झारखंड के इन चार प्लेसेज को व‌र्ल्ड हेरिटेज साइट का दर्जा मिल गया होता तो अपना स्टेट को भी व‌र्ल्ड टूरिज्म के मैप पर एक अलग पहचान मिलती।

टैग मिलता तो गौरव की बात होती

कंजर्वेशन एक्सपर्ट और इंटैक के एक्स कन्वेनर श्रीदेव सिंह ने बताया कि झारखंड की चार पुरातात्विक महत्व की धरोहरें जिनमें इटखोरी का भद्रकाली मंदिर, दुमका के मलूटी स्थित शिव मंदिर, साहेबगंज की जामी मस्जिद और हजारीबाग के इस्को की रॉक पेंटिंग्स को व‌र्ल्ड हेरिटेज साइट का दर्जा दिलाने के लिए झारखंड सरकार ने पहल की थी। कोलकाता में पिछले साल हुई केंद्र सरकार की व‌र्ल्ड हेरिटेज कमिटी की बैठक में इसके लिए प्रेजेंटेशन भी दिया गया था। कमिटी ने इन साइट्स का डिटेल डिस्क्रिप्शन मांगा था, पर इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया, जिससे मामला ठंडे बस्ते में चला गया। उन्होंने बताया कि चतरा जिले में स्थित भद्रकाली बुद्धिस्ट, जैन और हिंदू धर्मावलंबियों का पूजा स्थल है। यह एक टूरिस्ट साइट भी है। यहां मां तारा की काले रंग की प्रतिमा है जो बौद्ध धर्मावलंबियों को खास तौर पर आकर्षित करती हैं।

केव आर्ट का है महत्व

भद्रकाली मंदिर की तरह ही हजारीबाग से 46 किमी दूर इस्को का केव आर्ट भी अंतराष्ट्रीय टूरिस्ट्स को आकर्षित करता है और इसमें व‌र्ल्ड हेरिटेज साइट का दर्जा दिलाने के लिए जरूरी अर्हता भी है। दूसरी ओर दुमका से 16 किमी दूर शिव के मंदिरों का गांव मलूटी भी देशी-विदेशी सैलानियों को आकर्षित करता है। मलूटी में टेराकोटा से बने 106 मंदिर हैं। साहेबगंज में 16वीं शताब्दी में निर्मित जामी मस्जिद भी हेरिटेज साइट का दर्जा पा सकती है। ये चारों पर्यटक स्थल झारखंड को इंटरनेशनल टूरिस्ट मैप पर लाने की क्षमता रखते हैं, लेकिन इसके लिए सरकारी प्रयासों की जरूरत है। श्रीदेव सिंह कहते हैं कि एक बार इन स्थलों को हेरिटेज साइट का दर्जा मिल जाएगा, तो फिर न सिर्फ यहां पर्यटकों का फ्लो बढ़ेगा बल्कि इससे सरकार की आमदनी भी बढ़ेगी।

तैयार हो रही है रिपोर्ट

झारखंड सरकार के आर्कियोलॉजी और आर्ट एंड कल्चर डिपार्टमेंट के डिप्टी डायरेक्टर अमिताभ कुमार कहते हैं कि झारखंड के पुरातात्विक महत्व के पर्यटन स्थलों को व‌र्ल्ड हेरिटेज साइट का दर्जा दिलाना लंबी प्रक्रिया है। 10 जुलाई 2012 में जब इसके लिए प्रेजेंटेशन दिया जा रहा था तो मैं उस टीम में शामिल था। उस प्रेजेंटेशन का रिव्यू होगा और अभी उसपर रिपोर्ट तैयार की जा रही है। झारखंड के ऐतिहासिक महत्व की धरोहरों में व‌र्ल्ड हेरिटेज साइट का दर्जा पाने की आपार संभावनाएं हैं और इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

Posted By: Inextlive