एक कार का प्राइस कितना हो सकता है? क्या आप इसका एक अनुमान लगा सकते हैं. पिछले दिनों एक न्यूज आई कि लेम्बोर्गिनी अवेंटाडॉर एलपी 700-4 का प्राइस 48 करोड़ रुपये दर्ज किया गया. इस कार में हीरे जड़े हुए थे. लेकिन क्या यही दुनिया की सबसे महंगी कार है. पिछले दिनों 1963 फरारी 250 जीटीओ कार को एक प्राइवेट ऑक्शन के थ्रू 5.2 करोड़ डॉलर में बेचा गया. इंडियन करेंसी के अकार्डिंग इस कार का प्राइस 321 करोड़ रुपये हुआ. इस प्राइस को देखते हुए ये कार दुनिया की सबसे महंगी कार बन गई है.


एक इंगलिश न्यूज एजेंसी के एकार्डिंग एक मिलिनियर ने इस कार को ऑक्शन में खरीदा है. उस शख्स के नाम का खुलासा नहीं किया गया. 5.2 करोड़ डॉलर में फरारी 250 जीटीओ को प्राइवेट कलेक्टर पॉल पाप्लार्डो ने बेचा है. आपको बता दें कि इससे पहले भी जो कार दुनिया की सबसे महंगी कार डिक्लेयर की गई थी वो भी फरारी 250 जीटीओ ही थी. उस टाइम इसका प्राइस 3.5 करोड़ डॉलर यानी 200 करोड़ रुपये था. इससे ये साबित हो जाता है कि अमीरों के बीच ये कार सबसे ज्यादा पॉपुलर है. इससे पहले जिस कार को सबसे महंगा बताया गया था वह भी फरारी 250 जीटीओ (हरे रंग) थी, तब इसका प्राइस 3.2 करोड़ डॉलर था. अब इसका प्राइस 5.2 करोड़ डॉलर हो गया है यानी प्राइस में 49 % का इजाफा हो गया.


तो आखिर इस कार में ऐसा क्या खास है? आइये हम आपको इससे जुड़े कुछ इंट्रेस्टिंग फैक्ट बताते हैं.

फरारी 250 जीटीओ को जिओटो बिज्जानिरी के लीडरशिप में काम कर रही टीम ने डिजाइन किया है. इन रेसिंग कारों को 250 जीटी एसडब्ल्यूबी रोड़ के आधार पर बनाया गया है. हर कार में 300 एचपी की पावर, 3.0 लीटर वी12 इंजन है. इसमें 5 स्पीड मैन्युअल ट्रांस्मिशन है जिससे ये 280 किमी प्रति घंटा की टॉप स्पीड पर पहुंच जाती है.फरारी का प्राइस करोड़ों में पहुंचने से इसे लोगों ने कारों की 'मोना लिसा' कहना शुरू कर दिया है. यहां तक कि पुरानी, क्लासिक फरारी खासतौर पर 1950 से 1960 के बीच की कारों का प्राइस हर साल 15 % बढ़ रहा है.

Posted By: Surabhi Yadav