-आई नेक्स्ट और मोहक हॉस्पिटल की प्रस्तुति पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट में लोगों ने बढ़-चढ़कर किया पार्टिसिपेट

-लंग्स पॉवर जानने को लेकर रही क्यूरिआसिटी, ब्रीदो मीटर टेस्ट के साथ फैलाई अवेयरनेस

ALLAHABAD: टुबैको एडिक्ट हैं तो एलर्ट हो जाइए। क्योंकि, जब जागो तभी सवेरा होता है। आज ही स्मोकिंग या चेविंग से तौबा कर लीजिए। कहीं ऐसा न हो कि देर हो जाए और आपके लंग्स का दम निकल जाए। यकीन नहीं है तो हम बताते हैं। नो टुबैको डे पर आई नेक्स्ट और मोहक हॉस्पिटल द्वारा ऑर्गनाइज पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट में ऐसी फाइंडिंग्स सामने आई हैं जो वाकई आपको सोचने पर मजबूर कर देंगी। ब्रीदो मीटर टेस्ट के दौरान बड़ी संख्या में कम उम्र लोगों के लंग्स कमजोर पाए गए तो कुछ खतरे के निशान पर थे। सच्चाई जानने के बाद बहुतों ने टुबैको छोड़ने का संकल्प भी लिया।

चालीस फीसदी ने हकीकत स्वीकारी

शहर में पांच स्थानों पर हुए टेस्ट के दौरान चौंकाने वाली फाइंडिंग्स सामने आई। 40 फीसदी लोगों ने ब्रीदो मीटर टेस्ट के दौरान किसी न किसी रूप में टुबैको लेने की बात स्वीकार की। इनमें से बड़ी संख्या में 30 से 35 साल के यंगस्टर्स थे। उनके मुताबिक वर्क प्रेशर को कम करने के लिए नशे को हाथ लगाया और कब एडिक्ट हो गए, पता ही नहीं चला। कुछ 50 साल के ऊपर के भी थे लेकिन वह ऑल रेडी अस्थमा या सीओपीडी जैसी खतरनाक बीमारियों को फेस कर रहे थे।

35 फीसदी के कलेजे का निकला दम

आई नेक्स्ट के इस प्रोग्राम की सबसे बड़ी चौंकाने वाली बात यह रही कि 35 फीसदी ब्रीदो मीटर टेस्ट को पास नहीं कर पाए। उ8नको एक या दो नहीं बल्कि कई मौके दिए गए लेकिन वह उतने प्वाइंट्स नहीं ला पाए जो उनके लंग्स की पॉवर को प्रूव कर देता। दरअसल, ब्रीदो मीटर टेस्ट में यंगस्टर्स को 500 पीईएफआर और ओल्ड एज को मिनिमम 400 पीईएफआर (पीक रेस्पेरेटरी फ्लोरेट) लाना जरूरी था लेकिन वह पीछे रह गए। मौके पर ही इनको बताया गया कि स्मोकिंग या टुबैको चबाने के चलते ही यह हालात बने हैं और इससे दूरी बनाए बिना लंग्स को दुरुस्त नहीं रखा जा सकता। नशा न छोड़ने पर वह अस्थमा, सीओपीडी या ब्रांकाइटिस जैसी खतरनाक बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं।

ये तो पहले से ही मरीज निकले

टेस्ट का हिस्सा बनने वाले सात से आठ फीसदी लोग ऐसे थे जिनकी एज 45 साल से अधिक थी और वे पहले से ही लंग्स रिलेटेड डिजीज के शिकार थे। इनका ब्रीदो मीटर टेस्ट भी कमजोर पाया गया। वे कई साल पहले स्मोकिंग से तौबा कर चुके थे इसके बाद भी लंग्स को पहले जैसी पावरफुल स्थिति में नहीं पा सके। बैंककर्मी 52 साल के लाल बहादुर का ब्रीदो टेस्ट महज 170 पीईएफआर रहा तो डॉक्टर भी चौंक गए। उन्होंने बताया कि वह 25 साल से वह स्मोकिंग कर रहे थे और छह महीने पहले उन्होंने इस छोड़ा है। बावजूद इसके कमजोरी और हाथ-पांव दर्द से आज भी परेशान हैं।

पैसिव स्मोकिंग से परेशान हैं महिलाएं

मेल ही नहीं बल्कि फीमेल्स भी पैसिव स्मोकिंग से परेशान हैं। हाउस वाइफ सीमा सिंह का ब्रीदो मीटर टेस्ट कमजोर पाए जाने पर उन्होंने माना कि न चाहते वह भी उन्हें डेली सिगरेट के धुएं से दो-चार होना पड़ता है। उनके हसबैंड घर पर भी स्मोकिंग करते हैं। सुबह-शाम मिलाकर वह दस से अधिक सिगरेट पी जाते हैं। इसका असर उनकी फैमिली की लाइफ स्टाइल पर भी पड़ रहा है। बैंकिंग सेक्टर में काम करने वाली रोली पांडे ने भी माना कि ऑफिस में कलीग्स के स्मोकिंग करने से उनको दिक्कत महसूस होती है। वर्किंग प्लेस पर किसी भी तरह के नशे पर पाबंदी लगाया जाना जरूरी है।

लगी रही लंबी लाइन

स्टैनली रोड स्थित मोहक हॉस्पिटल के ओनर डॉ। कमल सिंह के अलावा चेस्ट फिजीशियन डॉ। आशुतोष गुप्ता, सिप्ला के धीरज त्रिपाठी ने आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। टेस्ट के लिए शहर में पांच अलग-अलग स्थानों पर लगाए गए कैंपों में जबरदस्त भीड़ देखने को मिली। हर एज ग्रुप के लोगों ने अपने लंग्स की पॉवर को जानने की क्युरिआसिटी दिखाई। इस फ्री ऑफ कास्ट कैंप में ब्रीदो मीटर टेस्ट कमजोर पाए जाने पर लोगों को टुबैको छोड़ने के फायदे भी बताए। जानकारी मिलने के बाद कई लोगों ने नशा छोड़ने का वादा भी किया। डॉ। गुप्ता ने कैंप में आने वालों को एक वीक तक बगैर कंसल्टेशन फीस के देखने की सुविधा देने की घोषणा की है।

यहां लगे कैंप

-स्टैनली रोड स्थित मोहक हॉस्पिटल

-रामबाग सुंदरम टॉवर स्थित रेस्परेटरी केयर सेंटर

-बाई का बाग स्थित बड़ौदा उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक

-सिविल लाइंस चौराहा

-विकास भवन

fact file

कितने की हुई जांच

भ्00 से अधिक

ब्रीदो मीटर टेस्ट में फेल हुए

फ्भ् फीसदी

टुबैको एडिक्ट की संख्या

ब्0 फीसदी

लंग्स डिजीज के शिकार

7 से 8 फीसदी

ब्रीदो मीटर टेस्ट पास करने वाले

भ्0 फीसदी

स्मोकिंग करने वालों की कॉमन एज

ख्0 से फ्भ् साल

कैसे छोडे़ स्मोकिंग

पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट के दौरान डॉ। कमल सिंह और डॉ। आशुतोष गुप्ता ने स्मोकिंग के नुकसान और उसे छोड़ने के तरीके लोगों को बताए।

-दिन में केवल दो सिगरेट पीने पर भी बॉडी को नुकसान होता है। इसका धुआं लंग्स में उत्तेजना पैदा कर हवा नलियों को सिकोड़ता है। अधिक बलगम बनने से नलियों में रुकावट पैदा होती है, जिससे सांस लेना मुश्किल हो जाता है।

-सिगरेट छोड़ना चाहत हैं तो अपने हाथों को बिजी रखिए। उंगलियों के बीच सिगरेट की जगह पेंसिल को पकडि़ए।

-कुछ देर चुइंगम चबाइए, ताजा फल या सब्जियां खाइए। ढेर सारा पानी पीजिए।

-ऐश ट्रे को घर से दूर फेंक दीजिए। ऐसी जगहों से दूर रहिए जो स्मोकिंग की इच्छा पैदा करती हैं।

-डॉक्टर की सलाह पर निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी भी ले सकते हैं।

Posted By: Inextlive