प्रेस फ्रीडम डे के एक दिन पहले ही मिड-डे के पत्रकार ज्‍योतिर्मय डे की हत्‍या के जुर्म में छोटा राजन सहित 9 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। यूनेस्‍को की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2016 के दौरान भारत में 5 पत्रकारों की हत्‍या कर दी गई। दुनिया में पत्रकारों की हत्‍या के हर 10 मामलों में से 9 मामलों में सजा नहीं मिली। तो दुनिया में कौन सा ऐसा इलाका है जहां फैज अहमद फैज की यह नज्‍म 'बोल कि लब आजाद हैं तेरे'... गुनगुनाने की जरूरत नहीं पड़ती। आइए जानते हैं आखिर क्‍यों जरूरी है अभिव्‍यक्ति की स्‍वतंत्रता।


पश्चिमी यूरोप और उत्तरी अमेरिका में हालात कुछ बेहतर


कानपुर।
यूनेस्को की 'वर्ल्ड ट्रेंड्स इन फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशंस ऐंड मीडिया डेवलपमेंट' पर ग्लोबल रिपोर्ट 2017/2018 के अनुसार, धरती पर अरब देशों में प्रेस की आजादी को सबसे ज्यादा खतरा है। 2012 से 2016 तक चार सालों के दौरान दुनिया में मारे गए कुल 530 पत्रकारों में से 191 पत्रकारों की हत्या इसी इलाके में की गई थी। उसके बाद दूसरा सबसे खतरनाक इलाका लैटिन अमेरिका और कैरेबियन है जहां इन चार सालों के दौरान 125 पत्रकारों का मर्डर किया गया। तीसरे नंबर पर हमारा इलाका यानी एशिया प्रशांत आता है जहां इस दौरान 107 पत्रकार मार दिए गए। चौथे नंबर पर अफ्रीका का इलाका है जहां इन चार सालों के दौरान 73 पत्रकार हलाक हो गए। पांचवां नंबर आता है मध्य-पूर्व यूरोप जहां इस समय अवधि में 17 पत्रकारों की हत्या की गई। इस रिपोर्ट के अनुसार, पश्चिमी यूरोप और उत्तरी अमेरिका दुनिया ऐसा इलाका है जहां अभिव्यक्ति की आजादी अपेक्षाकृत सबसे बेहतर है। इसके बावजूद यहां चार सालों की उस अवधि में सचाई से दुनिया को रूबरू कराने वाले 17 पत्रकार मार दिए गए।

(2012 से 2016 के दौरान मारे गए पत्रकारों में सबसे ज्यादा टीवी और प्रिंट से थे : साभार यूनेस्को)

पाकिस्तान से भी ज्यादा पत्रकार भारत में मारे गएरिपोर्ट में कहा गया है कि 2016 के दौरान दुनिया में सबसे ज्यादा पत्रकार अफगानिस्तान और मेक्सिको में मारे गए थे। एक साल के दौरान दोनों देशों में 13-13 जर्नलिस्ट्स मार दिए गए। वहीं इस एक साल के दौरान पाकिस्तान से ज्यादा भारत में पत्रकारों की हत्या कर दी गई। पाकिस्तान में 2016 में 4 मीडियाकर्मी मारे गए वहीं भारत में मार गए पत्रकारों की संख्या 5 थी। भारत के अन्य पड़ोसी देशों की बात करें तो इस अवधि के दौरान बांग्लादेश में 2 और म्यांमार में 1 पत्रकार की हत्या हुई थी। सबसे नीचले पायदान पर अमेरिका रहा जहां इस एक साल में 1 पत्रकार की हत्या की गई।(दुनिया के देश जहां 2012 से 2016 के दौरान मारे गए पत्रकारों की संख्या : साभार यूनेस्को)

Posted By: Satyendra Kumar Singh