आज हम आपको एमीलिया ग्रैबरजिक से मिलवा रहे हैं जो दुनिया की सबसे छोटी बच्‍ची जो प्रीमेच्‍योर जन्‍म लेने के बाद जीवित बची है। इस बच्ची का वजन बहुत कम है जन्‍म के समय एमीलिया का वजन महज आठ औंस और इस बच्ची की लंबाई मात्र 22 इंच ही थी।

जर्मनी में जन्मी थी बच्ची
पश्िचम जर्मनी के विट्टन में पैदा हुई एमीलिया ग्रैबरजिक को देखकर सब हैरान रह गए थे। यह दुनिया की सबसे छोटी बच्ची थी। जन्म के समय इस बच्ची का वजन एक शिमला मिर्च के बराबर था। दुनिया की सबसे छोटी बच्ची एमीलिया की लंबाई मात्र 22 सेमी और वजन 229 ग्राम था। उसके पैर अंगूठे के नाखून से भी छोटे थे।
छब्बीसवें सप्ताह में हुआ जन्म
एमीलिया का जन्म गर्भ के 26वें सप्ताह में ही हो गया था। उसके बाद एमिलिया को 9 महीने तक विशेष देखरेख में रखा गया। जिसके बाद उसके बॉडी पार्ट्स काफी हद तक सामान्य बच्चों की तरह बढ़ने लगे हैं। 9 महीने बाद अब वो करीब 3 किलो की हो गई है। यह बच्ची सबसे कम वजन की पहली प्रीमैच्योर बच्ची है जो की इतने कम वजन के बावजूद जीवित रही।

पहले अमेरिका में जन्मी बच्ची के नाम था रिकॉर्ड
एमीलिया से पहले यह रिकार्ड अमेरिका के शिकागो में जन्मी रूमाइसा रहमान के नाम था। जन्म के समय रूमाइसा का वजन 8.6 औंस था, जबकि एमीलिया का वजन 8 औंस था। जर्मनी के सेंट मेरी हॉस्पिटल में जन्मी एमीलिया के लिए वहां की एक गायकोलॉजिस्ट ने कहा की है कि इतने कम वजन के बाद में बच्चे के बचने की संभावना बहुत कम होती है। परंतु आज तक एमीलिया में किसी भी डिसेबिलिटी के लक्षण नजर नहीं आये हैं ये एक अच्छी बात है।”

डाक्टरों ने कहा फाइटर
एमीलिया की बेहतरीन ग्रोथ और रिकवरी को देखते हुए डॉक्टरों ने उसे 'लिटिल फाइटर' कहा है। कहा जा रहा है कि वह समय से पहले जन्म लेने वाली दुनिया की सबसे हल्की बच्ची है जो जीवित रही। जर्मनी में सेंट मेरी हॉस्िपटल के हेड डॉ. बाहमन घरावी ने एमीलिया के जीवित रहने को चमत्कार ही कहा है। समय से पहले जन्म लेने की वजह से एमिलिया को लर्निंग डिस्ऑर्डर्स और हाइपरएक्टिविटी का खतरा है पर अभी तक एमीलिया ने इसके कोई गंभीर संकेत नहीं दिए हैं। उसे पहले एक छोटे ट्यूब की सहायता से फीड कराया जाता था। हॉस्िपटल का स्टाफ व नर्स उसके दर्द को कम करने के लिए शकर के घोल में डुबी कॉटन बड का उपयोग करती थी।

 

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Posted By: Molly Seth