-21 जून को पहली बार इंटरनेशनल लेवल पर मनाया जाएगा

-संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में मिल चुका है ग्रीन सिग्नल

-पीएम खुद हैं इंट्रेस्टेड, यूजीसी ने भी जारी किया डायरेक्शन

ख्क् जून को पहली बार इंटरनेशनल लेवल पर मनाया जाएगा

-संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में मिल चुका है ग्रीन सिग्नल

-पीएम खुद हैं इंट्रेस्टेड, यूजीसी ने भी जारी किया डायरेक्शन

vikash.gupta@inext.co.in

ALLAHABAD: vikash.gupta@inext.co.in

ALLAHABAD: प्राइम मिनिस्टर नरेन्द्र मोदी की पहल रंग लाती नजर आ रही है। यूनाइटेड नेशन की ओर से व‌र्ल्ड योगा डे मनाए जाने का ग्रीन सिग्नल मिलने के बाद से ही उत्साह की लहर देखी जा रही है। वहीं अब इसमें यूनिवर्सिटी और कॉलेजेस का भी पार्टिसिपेशन सुनिश्चित करने को कहा गया है। इसके लिए यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन ने आदेश जारी कर दिया है।

क्77 देशों ने दी थी मंजूरी

गौरतलब है कि भारत को दुनियाभर की नजर में योग गुरु के रूप में स्थापित करने के लिए लास्ट इयर ही यूनाइटेड नेशन में एक प्रस्ताव लाया गया था, जिसमें कहा गया था कि दुनियाभर में योगा दिवस मनाया जाना चाहिए। इसके लिए ख्क् जून की तिथि निर्धारित की गई थी। प्राइम मिनिस्टर नरेन्द्र मोदी की ओर से तैयार किए गए इस प्रपोजल को दुनिया के क्77 देशों ने पसंद किया था, जिसके बाद संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इसे हरी झंडी भी दे दी। यूएन की बैठक में इतनी बड़ी संख्या में किसी इश्यू पर क्77 देशों की सहमति पहली बार बनी थी।

युवाओं को जोड़ने की कवायद

इसके लिए भारत में भी तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। मिनिस्ट्री लेवल पर इसके लिए डायरेक्शन भी जारी किए जा रहे हैं। इसी क्रम में यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन ने इस दिन से सीधे युवाओं को जोड़ने का फैसला किया है, जिससे उनमें भी योगा के प्रति चेतना पैदा की जा सके। बता दें कि ख्क् जून वह तिथि है, जिस दिन उत्तरी ध्रुव में दिन की अवधि सबसे लंबी होती है। दुनिया के कई हिस्सों में इस दिन को खासा महत्वपूर्ण माना जाता है।

संस्कृति के प्रति समझ के लिए जरूरी

यूजीसी की ओर से देशभर में स्थापित यूनिवर्सिटी और कॉलेजेस से कहा गया है कि वे इस दिन को सेलिब्रेट करने के लिए पहले से तैयारियां कर लें। इस दिन विभिन्न कार्यक्रमों की श्रृंखला का आयोजन किया जाए। जिसमें पोस्टर प्रदर्शनी, फिल्मों का प्रदर्शन, वर्कशॉप, प्रशिक्षण, रैली आदि प्रोग्राम किए जा सकते हैं। यूजीसी के सचिव प्रो। जसपाल एस संधू की ओर से जारी किए गए निर्देशों में कहा गया है कि युवाओं की सीधी भागीदारी इसलिए भी जरूरी है, जिससे उनमें अपनी संस्कृति के प्रति समझ पैदा हो सके।

Posted By: Inextlive