न्‍यूयॉर्क सहित कई दूसरे देशों के करीब 60 शहरों में महिलाओं फ्री द निप्‍पल अभियान के तहत टॉपलेस हो कर प्रर्दशन किया। ये महिलायें पुरूषों की तरह सार्वजनिक स्‍थानों जैसे समुद्र तट पर पुरुषों की तरह अपने ऊपरी वस्‍त्र उतारने की स्‍वतंत्रता की मांग कर रही हैं।

सेमी न्यूड मॉडल्स पर प्रतिबंध लगाने के बाद शुरू हुआ अभियान
हाल ही में अमेरिका के टाइम स्क्वॉयर पर सेमी न्यूड मॉडल्स को आने के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया था। इसके बाद ही एक संगठन ने महिलाओं को टॉपलेस होकर कहीं भी जाने की आजादी देने के लिए फ्री द निप्पल अभियान की शुरूआत की। इसके सर्मथन में न्यूयार्क के मैनहंट्टन में करीब 300 ऑपलेस महिलाओं ने मार्च किया और अपनी मांग दोहरायी। ऐसा ही प्रदर्शन कई दूसरे देशों के लगभग 60 अन्य शहरों में भी किया गया।
पुरुषों को टॉपलेस होने की आजादी पर उठाया सवाल
न्यूयॉर्क में गो टॉपलेस नाम के अभियान से जुड़ी महिलाओं का कहना है कि जब टाइम स्क्वॉयर सहित और कई जगह जेसे समुद्र तटों पर पुरुश अपनी शर्ट उतार कर केवल लोअर्स में घूम और आजा सकते हैं तो महिलाओं के बारे में दोहरा नजरिया क्यों है। इस मूवमेंट की नेता रसेल एक माडल और एक्ट्रेस हैं और उनका नारा है  'Freeing nipples and bodies frees minds as well, restoring self-image and self-esteem' यानि दिमाग को निपल और शरीर से मुक्त करके स्व विकास की ओर लगाया जाए। 

टाइम स्क्वॉयर पर 1992 से ही है टॉपलेस जाने की आजादी  
मैनहंट्टन में हुई इस प्रदर्शन मार्च पर कड़ी निगरानी रखी गयी ताकि ये लोग टाइम स्क्वॉयर पर ना जा सकें। इन प्रदर्शनकारियों की शिकायत ये भी है कि जब 1992 से ही टाइम स्क्वॉयर पर महिला पुरुष दोनों को आने की स्वतंत्रता दे दी गयी थी तो अब रोक का क्या मतलब है। इस बारे में स्थानीय प्रशासन का कहना है कि ये रोक बीते टाइम में महिलाओं के वहां टॉपलेस आने की वजह से हुई कुछ दुर्घटनाओं के कारण लगाई गयी है क्योंकि उनका टाइम स्क्वॉयर की प्रतिष्ठा और शोहरत पर बुरा असर हुआ है। इस बीच कई पर्यटक और वहां मौजूद स्थनीय नागरिकों को इस प्रदर्शन का मजा लेते और हंसते देखा गया। 

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Posted By: Molly Seth