- स्कूल प्रिंसीपल ने 200 से अधिक स्टूडेंट्स का कर दिया एक साल का अवकाश घोषित

- सुबह स्कूल पहुंचकर पेरेंट्स ने किया जमकर हंगामा

- बुढ़ाना गेट एसडी ग‌र्ल्स का है मामला

Meerut : बुढ़ाना गेट स्थित एसडी ग‌र्ल्स की बालिकाओं को स्कूल न जाना उस समय भारी पड़ गया, जब एक-दो दिन की छुट्टी करने के बाद स्कूल से उनकी साल भर के लिए छुट्टी दे दी गई। स्कूल प्रिंसीपल के आदेश से दो सौ से भी अधिक बालिकाओं से लिखवाई गई इस एप्लीकेशन में लिखा गया था कि वह स्कूल नहीं आई थी, जिसके कारण उनका एक साल का अवकाश घोषित कर दिया गया है। एप्लीकेशन देखकर पेरेंट्स भड़क गए और शुक्रवार की सुबह स्कूल पहुंचकर जमकर हंगामा किया।

क्या था पूरा मामला

तीन अक्टूबर को दशहरे की छुट्टी थी। अगले दिन बुढ़ाना गेट स्थित एसडी ग‌र्ल्स की दो सौ से अधिक बालिकाओं ने अवकाश कर लिया था। इस पर सख्त कार्रवाई करते हुए प्रिंसीपल ने बच्चों से एक साल की छुट्टी घोषित करते हुए लिखवा डाली। जब ये एप्लीकेशन बच्चों ने घर जाकर अपने पेरेंट्स को दिखाई तो शुक्रवार सुबह आठ बजे पेरेंट्स ने स्कूल में जमकर हंगामा किया। हंगामा बढ़ता देख प्रिंसीपल ने पेरेंट्स को स्कूल के अंदर बुलाकर उनसे बात की। काफी देर पेरेंट्स से नोकझोंक के बाद पेरेंट्स को समझा बुझाकर घर भेज दिया।

स्कूल न आने का दिया था आदेश

पेरेंट्स द्वारा दिखाई गई एप्लीकेशन में साफ लिखा था कि बच्चों के अनुपस्थित रहने के कारण उनका पूर्ण वर्ष के लिए अवकाश घोषित कर दिया गया है। ये भी लिखा था कि आपको सूचित किया जाता है कि आपने अपनी पुत्री को कल भेजा तो स्कूल उसे लौटा देगा। इसका उत्तरदायित्व आपकी बेटी का ही होगा। लेटर में बच्चों की क्लास टीचर व प्रिंसीपल ने हस्ताक्षर कर रखे थे।

पेरेंट्स ने किया हंगामा

लेटर को लेकर सुबह आठ बजे पहुंचे पेरेंट्स ने स्कूल के बाहर और अंदर जमकर हंगामा किया। स्कूल गेट कीपर व टीचर के समझाने के बावजूद भी पेरेंट्स न मानें। हंगामे को ज्यादा बिगड़ता देखकर स्कूल प्रिंसीपल रेखा शर्मा ने बच्चों को स्कूल के अंदर बुलाकर समझाने का प्रयास किया। ऐसे में कुछ पेरेंट्स का कहना था कि उन्होंने किसी मजबूरी के कारण ही बच्चों की छुट्टी करवाई थी, लेकिन एक दो दिन स्कूल न भेजने पर बच्चे को एक साल के लिए स्कूल से बाहर करना टीचर्स की गलत बात है। वहीं कुछ पेरेंट्स ने बताया कि एक दिन पहले दशहरा था, इसलिए अगले दिन बच्चे स्कूल नहीं आ सके थे। इसमें प्रिंसीपल को बच्चों को समझाना चाहिए था। स्कूल से एक साल के लिए निकालने से तो बच्चा मान मार्यादा के डर से कुछ गलत कदम भी उठा सकता है।

जागरुकता के लिए लिखवाया था

जब स्कूल के बाहर हंगामा बढ़ा तो पेरेंट्स को अंदर बुलाकर प्रिंसीपल ने उन्हें समझाकर वापस भेज दिया। हालांकि प्रिंसीपल रेखा का कहना है कि स्कूल में बच्चे अक्सर छुट्टी ज्यादा किया करते हैं। जब पेरेंट्स को इसकी सूचना दी जाती है तो वो इस ओर बिल्कुल भी ध्यान नहीं देते हैं। बच्चों व अभिभावकों में डर बिठाने के लिहाज से ही ये एप्लीकेशन लिखवाई गई थी। ताकि बच्चों को स्कूल के डर का एहसास हो सके।

मजबूरी में करवाई थी छुट्टी

बेटी आठवीं क्लास में पढ़ती है। उसकी तबीयत ठीक नहीं थी। इसलिए मजबूरी में उसकी छुट्टी करवानी पड़ी थी। मगर प्रिंसीपल ने बच्चों से कहा कि कल से स्कूल मत आना अब एक साल तक।

हाजरा, इंद्रापुरी निवासी

मेरी बहन एक दो दिन ही स्कूल नहीं आई थी। वो हाईस्कूल में पढ़ती है, जब उसको ये एप्लीकेशन लिखवाई गई तो वह तभी से बस रो ही रही है।

कमल, लिसाड़ी गेट

बिटिया को उल्टी दस्त लगे हुए है बहुत दिन से इसलिए स्कूल नहीं भेजा था। उसकी ज्यादा तबीयत खराब थी, इसी तनाव में स्कूल में सूचना नहीं दे सके थे।

कंचन, न्यू हनुमानपुरी निवासी

मेरी बेटी तो कक्षा सातवीं में पढ़ती है, उसके नाना की मौत हो गई थी। घर में माहौल ही ऐसा था, इसलिए स्कूल नहीं भेज पाए थे। बच्ची ने अपनी क्लास टीचर को इस बारे में बताया था, लेकिन फिर भी उससे एप्लीकेशन लिखवाई गई।

इस्लाम, लिसाड़ी गेट निवासी

मैनें ऐसा केवल बच्चों व उनके पेरेंट्स में डर बैठाने के लिए किया था। ताकि बच्चों व उनके पेरेंट्स को किसी तरह से स्कूल बुलाया जा सके। मेरा मकसद बच्चों को स्कूल से निकालना नहीं था।

रेखा शर्मा, प्रिंसीपल, एसडी ग‌र्ल्स इंटर कॉलेज बुढ़ाना गेट।

Posted By: Inextlive