एक मल्टीनेशनल कम्पनी में जॉब कर रहे रवीश शुक्ला 28 को जब पीठ में हल्का दर्द शुरू हुआ तो इसे उन्होंने सिम्पल बैक पेन समझ कर टाल दिया. एक दिन अचानक ऑफिस में काम करते वक्त बैक पेन की वजह से जब उनका हिलना भी मुश्किल हो गया तो तब पता चला कि प्रॉब्लम उनके स्पाइन तक आ चुकी है. रवीश ऐसे अकेले नहीं हैं अर्थोपेडिक सर्जन डॉ. आरके सिंह की मानें तो यंग प्रोफेशनल्स में बैक पेन की प्रॉब्लम तेजी से बढ़ी है.

Reasons behind back pain
डॉक्टर्स के मुताबिक बैक पेन के पेशेंट्स की संख्या हर साल 20 परसेंट बढ़ रही है. डॉक्टर्स का यह भी मानना है कि बैक पेन के लिए कोई एक वजह जिम्मेदार नहीं है. सिडेंटरी लाइफस्टाइल, लांग सिटिंग ऑवर्स, स्ट्रेस, सनलाइट से दूर रहना, ये सभी फैक्टर्स मिलकर बैक पेन के लिए जिम्मेदार होते हैं...

Bad posture: बैड पॉश्चर की वजह से सर्टेन मसल्स पर ज्यादा स्ट्रेन होने लगता है जिसका असर सीधे स्पाइन पर होता है, फिर एक वक्त के बाद बैक पेन शुरू हो जाता है.
Stress: स्टे्रस भी बैक पेन के लिए एक बड़ी वजह है. स्ट्रेस के दौरान मसल्स टोन्ड नहीं होते जिससे बॉडी वेट का प्रेशर सीधे बैक बोन पर आता है.
Non- exposure to sunlight: जो लोग जनरली सनलाइट से दूर रहते हैं उनमें विटामिन डी की कमी होती है जिससे उनकी बोन्स वीक होते हैं.
Unhealthy diet: बोन्स स्ट्रांग बने रहें इसके लिए जरूरी है कि आप डाइट में डेली कैल्शियम वगैरह लेते रहें.  
Inactive lifestyle: डॉ. आरके सिंह के मुताबिक अगर आप डेस्क जॉब करते हैं तो बॉडी के एक खास हिस्से पर ज्यादा स्ट्रेस आता है. डेली आधे घंटे की एक्सरसाइज बैक बोन को मजबूत रखने के लिए काफी है.

आर्थोपेडिक सर्जन डॉ. आरके सिंह के मुताबिक डेस्क जॉब करने वालों को आधे घंटे रोज एक्सरसाइज करनी चाहिए.एक्सरसाइज से मसल्स टोंड रहते हैं ऐसे में आप लांग सिटिंग भी करते हैं तो स्पाइन पर बहुत ज्यादा स्ट्रेस नहीं पड़ता है.

 

Posted By: Surabhi Yadav