RANCHI: एचईसी के यूनियन नेता राणा संग्राम सिंह के छोटे बेटे राणा यशवंत सिंह का अंतिम संस्कार शनिवार को सीठियो घाट पर किया गया। बड़े बेटे अमर कुमार सिंह ने मुखाग्नि दी। इससे पहले धुर्वा स्थित उनके आवास से सुबह नौ बजे शवयात्रा निकाली गई। इसमें मजदूर यूनियन के सैकड़ों नेता समेत आसपास के हजारों लोग शामिल हुए। इधर, देर शाम झारखंड एथलेटिक एसोसिएशन ने बिरसा मुंडा स्टेडियम में पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी यशवंत सिंह को नम आंखों से श्रद्धांजलि दी। मौके पर बड़ी संख्या में कोच व खिलाड़ी मौजूद थे। गौरतलब हो कि धुर्वा थाना क्षेत्र के वीर कुंवर सिंह चौक पर आपसी विवाद में हुई गोलीबारी में यशवंत सिंह की मौत हो गई थी।

हत्या के आरोपी अमर सिंह को जेल

धुर्वा थाना पुलिस ने यशवंत सिंह हत्याकांड के आरोपी अमर सिंह व ड्राइवर राजेश यादव को जेल भेज दिया है। वहीं, पुलिस ने अमर सिंह के पास से बरामद मास्कट राइफल को भी जांच के लिए एफएसएल भेजा है।

राणा प्रताप सिंह ने दर्ज कराई प्राथमिकी

दाह संस्कार के बाद राणा प्रताप सिंह ने धुर्वा थाना जाकर आरोपी अमर कुमार सिंह के खिलाफ भाई यशवंत सिंह की हत्या, गोली चलाने और रॉड से हमला कर जख्मी करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कराई है। इसमें कहा गया है कि जब वे लोग अमर सिंह से बात कर रहे थे तो वह आवेश में आ गया और राइफल निकालकर मार डालने की धमकी देने लगा। जब तक हमलोग संभलते, उसने छोटे भाई यशवंत सिंह को गोली मार दी। इसके बाद अमर सिंह फरार हो गया।

बेटे के ड्राइवर को छुड़वाने थाना पहुंचे राणा संग्राम सिंह

हटिया एएसपी प्रशांत आनंद ने यशवंत सिंह हत्याकांड के बाद राणा प्रताप सिंह के ड्राइवर सुमेर को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था। इसकी सूचना रात में ही राणा संग्राम सिंह को मिली। वे अपने बड़े बेटे रामइकबाल सिंह, मंझले बेटे राणा प्रताप सिंह सहित ख्0 अन्य लोगों के साथ जगन्नाथपुर थाना पहुंचे। उनलोगों ने हटिया एएसपी को जानकारी दी कि उसे क्यों पकड़ कर रखा गया है। इसके बाद उसे तत्काल पीआर बांड पर छोड़ दिया गया।

नर्वस दिखे राणा संग्राम सिंह, युवकों में उबाल

बेटे का अंतिम संस्कार करने के बाद राणा संग्राम सिंह नर्वस दिख रहे थे। वे बार-बार यही कह रहे थे कि अब तो बूढ़े हो चुके हैं। काश, जमीन विवाद पहले ही सलट जाता, तो दो परिवार बर्बाद नहीं होते। इधर, दो परिवारों की लड़ाई में युवकों का खून उबल रहा है।

हत्याकांड के सूत्रधार को तलाश रही पुलिस

अमर सिंह झंझट होने के बाद अक्सर बिहार के आरा जिले के सोनवर्षा में रहता था। कुछ महीने पहले जब अमर सिंह अपनी पत्नी सीमा सिंह के साथ वहां रह रहा था, तो किसी बात को लेकर उसने अपनी पत्‍‌नी को पीटा था। इसके बाद वह सोनवर्षा चला गया था, ऐसे में वह रांची कैसे आया? बताया जा रहा है कि अमर सिंह के अपनी पत्‍‌नी सीमा सिंह के साथ अच्छे संबंध नहीं थे। ऐसे में सीमा सिंह मायके में न रहकर अपने पति के साथ क्यों रह रही थी? पुलिस यह मान कर चल रही है कि जमीन विवाद में भाई-भाई का नहीं हो सकता है तो बीच में दामाद की अड़चन लगाने के पीछे मकसद क्या था? पुलिस परिवार के सभी लोगों के कॉल डिटेल्स खंगाल रही है, ताकि हत्याकांड के मुख्य सूत्रधार तक पहुंचा जा सके।

क्या कहा जख्मी राणा प्रताप ने

हमले में जख्मी यशवंत सिंह के मंझले भाई राणा प्रताप सिंह का कहना है कि शुक्रवार की सुबह दोनों भाई गाड़ी से निकल कर कहीं जा रहे थे। इसी क्रम में अमर सिंह अपनी इनोवा कार से आया और ओवरटेक करते हुए गाड़ी को रोक दिया। दोनों भाई गाड़ी में बैठे थे। अमर सिंह ने अपनी राइफल यशवंत सिंह के गर्दन पर भिड़ा दी। यशवंत सिंह ने कहा कि आप घर के दामाद हैं, ऐसा करना आपको शोभा नहीं देता। तब राणा प्रताप सिंह ने अमर सिंह को कहा कि कम से कम गर्दन से राइफल हटा कर बात कीजिए। फिर भी अमर सिंह नहीं माना। इस पर जब राणा नीचे उतरा, तो उसे रॉड से मारकर जख्मी कर दिया गया।

क्या कहा हत्या के आरोपी अमर सिंह ने

हत्या के आरोपी अमर सिंह का कहना है कि वह केवल उनलोगों से केस उठाने के लिए कह रहा था। राइफल उसकी गाड़ी में थी। इसी बीच उनलोगों ने उसके साथ मारपीट करनी शुरू कर दी। यह देख उसने गाड़ी से हथियार निकाला और गोली चला दी। गोली यशवंत सिंह के गर्दन में लगी। वह वहीं पर गिर गए। अमर सिंह ने बताया कि जब वह वहां से भागने लगा तो उनलोगों ने गाडि़यों को घेर कर अंधाधुंध फायरिंग कर दी। ऐसे में वह भाग कर जगन्नाथपुर थाना पहुंचा और सरेंडर कर दिया।

यशवंत पर आठ केस दर्ज करा चुका था अमर सिंह

जानकारी के मुताबिक, उधर, अमर सिंह ने यशवंत सिंह पर बिहार के मोहनिया में पांच, बक्सर में दो व आरा कोर्ट में एक केस दर्ज कराया था। अमर सिंह तीन साल से यशवंत सिंह के पीछे पड़ा था। जब भी यशवंत सिंह की बस कैमूर किंग रांची से आरा जाती थी, तो अमर सिंह उसके ड्राइवर व खलासी की पिटाई कर देता था। इसके बावजूद यशवंत सिंह चुप रहते थे। ड्राइवर की पिटाई और अमर सिंह के कंटीन्यू तंग किए जाने के कारण यशवंत सिंह टूट चुके थे। उन्होंने भी अमर सिंह के खिलाफ आरा में केस दर्ज कराना चाहा। पुलिस प्रोटेक्शन देने की मांग की, लेकिन प्रोटेक्शन नहीं मिला। अंत: में यशवंत सिंह ने पटना हाईकोर्ट में केस दर्ज कराया था और नोटिस भेजवाया था।

Posted By: Inextlive