पहले दिखाते तेजी तो न जाती छात्र की जान

बड़ा सवाल, हट गए कब्जेदार तो भी अब कोई क्यों लेगा हॉस्टल

vikash.gupta@inext.co.in

PRAYAGRAJ: बीते कुछ सालों से इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में हास्टल एलाटमेंट और पजेशन एक ऐसा मुद्दा बन चुका है जिसका कोई इलाज नहीं। हास्टल की समस्याएं इस कदर हावी हैं कि छात्र जान तक गंवा देते हैं। छात्र रजनीकांत यादव के सुसाइट नोट ने इस बात पर मुहर भी लगाई है। वह बात अलग है कि अब जांच पड़ताल का दौर चलता रहेगा। लेकिन एक आम छात्र की मौत ने कई सुलगते हुए सवाल खड़े कर दिए हैं।

पुलिस कर पाएगी कार्रवाई?

बता दें कि करेंट एकेडमिक सेशन 2018-19 में हास्टल में रेड नहीं डाली जा सकी। इसके चलते नव प्रवेशी छात्रों को हास्टल में पजेशन नहीं मिला। विवि को उम्मीद थी कि हास्टल में काबिज दबंगों के खिलाफ लगातार दर्ज होने वाली एफआईआर से अवैध कब्जेदार भाग खड़े होंगे। लेकिन समय बीतने के साथ इसका भी असर फीका पड़ता दिख रहा है। क्योंकि, जिस संख्या में अभी तक एफआईआर दर्ज की जा चुकी है और बाकी बचे सभी हास्टल्स में यदि ऐसे ही एफआईआर दर्ज होती रही तो बड़ा सवाल ये होगा कि क्या पुलिस सभी के खिलाफ कार्रवाई कर पाएगी?

सवाल वही भगाएं कैसे?

मौजूदा हालात को हास्टल में काबिज अवैध कब्जेदार भी अच्छी तरह से समझ रहे हैं। उनमें भय तो है और कुछ कब्जेदारों ने हास्टल छोड़ा भी है। लेकिन मूल सवाल वहीं पर आकर अटक जा रहा है कि आखिर सभी कब्जेदारों को बलपूर्वक कैसे हास्टल से खदेड़ा जाए? आम छात्र इसके लिए विवि प्रशासन को ही जिम्मेदार ठहराते हैं। साल 2018 का पूरा समय बीत गया। लेकिन हास्टल में पुलिस बल न मिलने का हवाला देकर छापेमारी का अभियान नहीं शुरु किया जा सका। वहीं अब जब प्रयागराज में कुंभ का आयोजन चल रहा है, तब विवि प्रशासन ने थोथी कार्रवाई को अंजाम देना शुरु किया है।

मार्च में शुरु होनी हैं परीक्षाएं

बता दें कि किसी भी एफआईआर में पुलिस पहले जांच करती है फिर एक्शन मोड में आती है। जनवरी बीत चुकी है और फरवरी का आगाज हो चुका है। मार्च में विवि की वार्षिक परीक्षाएं शुरु हो जाएंगी। ऐसे में एफआईआर की टाईमिंग पर उठ रहे सवालों के बीच सवाल ये भी है कि जो नव प्रवेशी अभी तक हास्टल मिलने का वेट कर रहे थे। उन्हें इससे कौन सी राहत मिलेगी? सवाल यह भी उठ रहा है कि अब पूरी फीस देकर 01 से 02 माह के लिए हास्टल कोई क्यों लेगा? पिछली बार इन्हीं हालातों के चलते सभी हास्टल्स में कमरे खाली रह गए थे।

इन बातों पर करें गौर

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- अभी तक पांच हास्टल्स में काबिज अवैध कब्जेदारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है।

- इनमें डॉ। ताराचन्द्र, एसएसएल, डायमंड जुबिली, पीसीबी और जीएन झा हास्टल शामिल है।

- इन पांच हास्टल्स में अभी तक करीब 188 अवैध कब्जेदारों के खिलाफ एफआईआर हुई है।

- विवि में हास्टल्स की कुल संख्या 20 है।

- अनुमान के मुताबिक यदि ऐसे ही कार्रवाई चलती रही तो 500 से 800 के बीच अवैध कब्जेदारों के खिलाफ एफआईआर का आंकड़ा पहुंच सकता है।

Posted By: Inextlive