- गुप्तार घाट पर हैंडपंपों से आ रहा दूषित और पीले रंग का पानी

- डायरिया पीडि़त बच्चों का मिलना अभी भी जारी, स्वास्थ्य विभाग ने गुप्तार घाट पर चलाया अभियान

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यन्हृक्कक्त्र: शहर की 50 लाख आबादी को सप्लाई किया जाने वाला जलकल का पानी जानलेवा साबित हो सकता है। इसलिए कानपुराइट्स इस पानी का इस्तेमाल बहुत सोच समझकर ही करें या उसे प्यूरीफाई करने के बाद ही इस्तेमाल में लाएं। वैसे तो ये गाइडलाइंस जलकल विभाग को खुद जारी करनी चाहिए थीं, लेकिन इसे विभाग की लापरवाही कहें या फिर जानबूझकर पब्लिक की जिंदगी के साथ खिलवाड़। जो अपनी एक गलती छिपाने के लिए चुपचाप बैठा हुआ है। जी हां, पिछले छह महीने से पानी की गुणवत्ता चेक किए बिना ही घरों में सप्लाई की जा रही है। हालांकि कुछ लोगों ने इसकी शिकायत भी की, लेकिन लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इसका नतीजा ये निकला है कि शहर डायरिया की चपेट में आ चुका है।

आखिर ये लापरवाही क्यों?

जलकल विभाग के आंकड़ों के मुताबिक शहर में 1.8 लाख से ज्यादा पानी के कनेक्शन हैं। इसके अलावा करीब 10 हजार हैंडपंप हैं, जिनसे 50 लाख की आबादी को पानी सप्लाई किया जाता है। इसमें घरों में लगे सबमर्सिबल पंप के आंकड़े शामिल नहीं हैं। लाखों लोगों को इन्हीं दो तरीकों से पानी की सप्लाई की जाती है। जल कल विभाग अपने नलकूपों और पंपिंग स्टेशनों से जो पानी की सप्लाई करता है उस पानी को ट्रीट किया जाता है उसमें क्लोरीन मिलाया जाता है। साथ ही उसमें बैक्टीरिया और ऑक्सीजन का स्तर भी चेक किया जाता है। सभी मानक पूरे होने पर ही इसे सप्लाई किया जाता है, लेकिन पिछले 6 महीने ऐसा हुआ ही नहीं है?

बोरिंग का पानी भी दूषित

गंगा बैराज से लेकर जाजमऊ तक गंगा किनारे कई बस्तियां और पाश एरिया और फैक्ट्री एरिया है। कुछ दिन पहले पाश इलाके सिविल लाइंस के पास स्थित गुप्तार घाट में दर्जनों बच्चों को डायरिया होने के बाद उर्सला और कई निजी अस्पतालों में भर्ती कराना पड़ा। मंगलवार को भी जब आई नेक्स्ट रिपोर्टर गुप्तार घाट पर गया और वहां के हैंड पंपों में आने वाले पानी को लेकर जानकारी की तो पता चला कि ज्यादातर हैंडपंप को रीबोर कराया गया है जिनसे गंदा पानी आ रहा है। इससे खराब हालात जाजमऊ और कैंट एरिया में गंगा किनारे के हैं यहां ज्यादातर लोग बोरिंग वाले पानी का प्रयोग करते हैं ऐसे में वह भी दूषित हो चुका है और उसकी गुणवत्ता क्या है इसकी भी जानकारी किसी को नहीं है।

गुप्तार घाट पर चला सफाई अभियान

गुप्तार घाट में डायरिया फैलने के बाद मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की टीमों ने अभियान चलाया। स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने जहां 60 से ज्यादा परिवारों को दवा का वितरण किया। वहीं नगर निगम की टीमों ने इलाके में सफाई अभियान चलाया। उधर साफ पानी की किल्लत को दूर करने के लिए अब फूलबाग में लगाया गया वाटर एटीएम स्थानीय लोगों के लिए काफी मददगार साबित हो रहा है। 5 रुपए पानी मिलने से अब यहां भीड़ बढ़ गई है।

बीमारियों की बड़ी वजह गंदा पानी

सीनियर फिजीशियन डॉ। एसके गौतम बताते हैं कि पेट की ज्यादातर बीमारियों की तो दूषित पानी ही होता है। पेट दर्द, दस्त, डायरिया, कालरा जैसी बीमारियों की बड़ी वजह गंदे पानी का प्रयोग ही होता है। ऐसे में फिल्टर या आरओ का पानी पीना चाहिए। अगर घर में किसी को पेट में दिक्कत रहती है तो उसे उबाल कर पानी पीना चाहिए।

Posted By: Inextlive