Yes Bank Crisis: इस साल हुई यस बैंक की शुरुआत, अर्श से फर्श पर आने की पूरी कहानी
कानपुर। Yes Bank Crisis: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने गुरुवार को न सिर्फ यस बैंक के बोर्ड को सस्पेंड किया बल्कि बैंक में होने वाले ट्रांजेक्शन की भी सीमा तय कर दी है। अब यस बैंक में अकाउंट रखने वाले ग्राहक एक महीने में 50 हजार से ज्यादा रुपये नहीं निकाल सकते हैं। आरबीआई ने बीती रात एक नोटिफिकेशन जारी करके कहा कि यस बैंक के कस्टमर्स अगले एक महीने तक सिर्फ 50 हजार रुपये ही निकाल सकेंगे। हालांकि, कुछ आपातकालीन स्थितियों जैसे मेडिकल इमरजेंसी या स्कूल फीस के लिए रकम की सीमा बढ़ाकर 5 लाख तक की गई है मगर ये रकम डिमांड ड्रॉफ्ट के जरिए ही विथड्रॉल की जा सकेगी। इस क्राइसिस के बीच हम आपके सामने यस बैंक का टाइमलाइन लेकर आए हैं। आइये, उसपर एक नजर डालें।
1999राणा कपूर, उनके रिश्तेदार अशोक कपूर और हरकीरत सिंह ने डच रबोबैंक के साथ मिलकर रबो इंडिया फाइनेंस कंपनी खोलने की योजना बनाई।
2002तीनों को रबोबैंक के सपोर्ट से यह कंपनी खोलने की मंजूरी मिल गई।2003हरकीरत सिंह इस प्रोजेक्ट से अलग हो गए। इसके बाद राणा कपूर और उनके रिश्तेदार अशोक कपूर ने इस कंपनी को यस बैंक के रूप में प्रमोट किया।2005यस बैंक ने 300 करोड़ के आईपीओ के साथ स्टॉक मार्केट को जबरदस्त प्रभावित किया।
2017यस बैंक ने वित्त वर्ष 2017 के लिए 6,355 करोड़ रुपये के ग्रॉस बुरे ऋणों में गिरावट की सूचना दी।2018सितंबर में यस बैंक का शेयर 30 प्रतिशत नीचे गिरा।2019वित्त वर्ष 2019 के लिए बैंक ने फिर से घाटा दिखाया। नए सीईओ रवनीत गिल ने 2 बिलियन डॉलर तक कैपिटल बढ़ाने की योजना की घोषणा की।2019बैंक ने प्लेज हिस्सेदारी को लागू करके बैंक में राणा कपूर की पूरी हिस्सेदारी बेच दी।2020बैड लोन के झटके से यस बैंक का बैलेंस शीट पूरी तरह से हिल गया।2020बैंक ने कहा कि कुछ एनआरआई उनके पोटेंशियल इन्वेस्टर्स हैं।5 मार्च, 2020आरबीआई ने खराब वित्तीय स्थिति के कारण मोरेटोरियम में प्लेस कर दिया।