योगी आदित्यनाथ सरकार ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को किसानों के लिए मुआवजे की उनकी चिंता को फर्जी करार दिया है। सरकार ने कहा कि इस सबके पीछे का उद्देश्य उनके अपने छोटे राजनीतिक लाभ हैं। मुख्यमंत्री राज्य में किसी भी आपदा के कारण किसी भी व्यक्ति की मृत्यु पर पूर्ण और त्वरित वित्तीय सहायता प्रदान करते हैं।


लखनऊ (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को किसानों के लिए उनकी फर्जी चिंता के लिए नारा दिया है, जिसका उद्देश्य उनके अपने छोटे राजनीतिक लाभ के लिए है। यूपी के मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा, सपा प्रमुख अखिलेश यादव को पता होना चाहिए कि मृतक किसानों के परिवारों के लिए 25 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा यूपी विधानसभा चुनाव से पहले सिर्फ एक और नौटंकी है। उन्होंने कहा कि अखिलेश, जो अपने पूरे पांच साल के कार्यकाल के दौरान किसानों के बजाय परिवार पर ध्यान केंद्रित करते थे, अचानक से किसानों का 'सम्मान' करने लगे हैं। किसानों को मुआवजा देने की बात करते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री राज्य में किसी भी आपदा के कारण किसी भी व्यक्ति की मृत्यु पर पूर्ण और त्वरित वित्तीय सहायता प्रदान करते हैं। बता दें अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा था कि अगर वह सत्ता में आते हैं तो मृतक किसानों के परिवारों को 25 लाख रुपये का मुआवजा देंगे। क्या निर्दोष कारसेवकों के जीवन का कोई मूल्य नहीं है?


मंत्री ने कहा, निश्चित रूप से किसान ही नहीं, हर व्यक्ति का जीवन अनमोल है। वहीं सपा प्रमुख को यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि क्या निर्दोष कारसेवकों के जीवन का कोई मूल्य नहीं है? क्या उनके परिवारों को मुआवजा नहीं मिलना चाहिए? सपा प्रमुख के पास उत्तर नहीं होगा वोट बैंक की राजनीति और तुष्टिकरण ही सपा की पहचान है। उन्होंने समाजवादी पार्ट प्रमुख से उनके पिता मुलायम सिंह यादव के कार्यकाल के दौरान में हुए कारसेवक नरसंहार पर सवाल उठाया, जिसमें राम मंदिर के निर्माण की मांग में कई लोगों की जान चली गई थी। उन्होंने कहा, जो लोग चुनाव के दौरान जीवन के महत्व के बारे में बात कर रहे हैं, उन्होंने राम भक्तों पर गोलीबारी का आदेश दिया है। इन कारसेवकों में सबसे बड़ी संख्या गांव-गिरावों के किसान थे, जो भगवान राम के उपासक थे। किसान सपा और उसके नेता के लिए वोट बैंक हो सकते हैं

सरकार के प्रवक्ता ने किसान सपा और उसके नेता के लिए वोट बैंक हो सकते हैं, लेकिन भाजपा सरकार और पार्टी के लिए, वे हमेशा 'अन्नदाता' थे और रहेंगे। किसानों के कल्याण को प्राथमिकता पर रखते हुए जितना काम किया गया है और उनके लिए शुरू की गई सफल योजनाओं की संख्या किसी भी सरकार के दौरान नहीं हुई है। योगी आदित्यनाथ सरकार ने पीएम-किसान जैसी किसानों के लिए कल्याणकारी योजनाओं के कार्यान्वयन में कीर्तिमान स्थापित किया है। किसानों की कर्जमाफी से लेकर किसानों को रिकॉर्ड भुगतान करने और किसानों को आपदा राहत देने जैसे कदम शामिल हैं। उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान जब अखिलेश और उनके जैसे कई अन्य नेताओं को सेल्फ क्वारंटाइन किया गया था, तब सरकार और भाजपा के कार्यकर्ता किसानों की सेवा में लगे हुए थे।

Posted By: Shweta Mishra