सीएम योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को राजधानी स्थित अंबेडकर विश्वविद्यालय में लोक भारती के तत्वावधान में आयोजित छह दिवसीय शून्य लागत प्राकृतिक कृषि शिविर के उद्घाटन के अवसर पर कहा कि कृषि की प्राचीन परंपरा को अपनाकर हम स्वस्थ व सक्षम भारत की संकल्पना को साकार कर सकते हैं। खाद्य सुरक्षा एक वैश्विक समस्या है। जमीन घट रही है जनसंख्या बढ़ रही है अनाज की पूर्ति के लिए हम सभी को प्राकृतिक वस्तुओं का उपयोग करना होगा। गांवों का विकास कर ही हम देश का विकास कर सकते है। कृषि से नौजवानों के पलायन को रोकने के लिए आवश्यक है कि परंपरागत खेती को नया स्वरूप प्रदान किया जाए।


शून्य लागत कृषि शिविर का शुभारंभयोगी ने कहा कि यूपी कृषि पर निर्भर सबसे बड़ा राज्य है। इस प्रकार की कार्यशाला किसानों को जागरूक करने में मददगार साबित होगी। शून्य लागत प्राकृतिक कृषि, किसान व प्रदेश के लिए महत्वपूर्ण है। इसके माध्यम से हम भूमि की उर्वरता को अक्षुण्ण बनाए रख सकते हैं। इस तकनीक को समृद्ध करने में गोवंश का सबसे अधिक महत्व है। प्रकृति प्रदत्त गुणों के कारण ही गाय को माता की संज्ञा दी गई है। यह एक अभिनव प्रयोग है। देशी गोवंश को संरक्षित करना हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि वे खेती के साथ पशुपालन डेरी उद्योग से भी जुड़े। एंटी भूमाफिया टास्क फोर्स बनाई
सीएम ने कहा कि सरकार ने एंटी भूमाफिया टास्क फोर्स का गठन किया है, जिसके माध्यम से अब तक 44 हजार हेक्टेयर जमीन मुक्त करायी जा चुकी है। ऐसी भूमि का उपयोग गो केंद्र खोलने में भी किया जाएगा। इस अवसर पर उन्होंने मासिक पत्रिका 'लोक सम्मान' के विशेषांक का विमोचन भी किया। इस अवसर पर पद्मश्री सुभाष पालेकर ने कहा कि प्राकृतिक खेती को अपनाकर हम पूरी मानवता की वास्तविक सेवा कर सकते हैं। नई पीढ़ी को अच्छा अनाज उपलब्ध हो इसके लिए रसायनिक खादों व उर्वरकों के उपयोग को बंद करना होगा। इस अवसर पर कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, परिवार कल्याण राज्य मंत्री स्वाती सिंह आदि मौजूद थे।

Posted By: Mukul Kumar