- शराब कारोबारी के भाई धर्मेंद्र की हत्या

- कांशीराम शहरी आवास के पास बदमाशों ने की वारदात

GORAKHPUR : तारामंडल एरिया में बदमाशों ने शराब कारोबारी के भाई को गोलियों से छलनी कर दिया। घटना ट्यूज्डे मार्निग करीब आठ बजे हुई। बदमाशों ने फिल्मी अंदाज में करीब ख्0 राउंड गोलियां दागी। गोलियों की तड़तड़ाहट से पूरा एरिया थर्रा उठा। सूचना पाकर मौके पर एसएसपी सहित कई पुलिस अधिकारी पहुंच गए। घटना के पीछे प्रधानी चुनाव की रंजिश बताई जा रही है, लेकिन प्रापर्टी के मामले को लेकर भी पुलिस जांच में जुटी है। मृतक के भाई प्रमोद ने बेलघाट के प्रधान संघ अध्यक्ष गिरजेश के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कराया है।

बड़े भाई से मिलने आया था दारा

सिकरीगंज एरिया के सिकरीडीह बुजुर्ग निवासी रामाश्रय जायसवाल शराब के कारोबारी हैं। उनके चार बेटे प्रमोद कुमार, प्रदीप, परमानंद और धर्मेद्र उर्फ दारा जायसवाल हैं। संतकबीरनगर जिले में शराब का कारोबार करने वाले प्रमोद सहारा स्टेट में फैमिली के साथ रहते हैं। कभी-कभी दारा भी वहां आता-जाता था। ट्यूज्डे मार्निग धर्मेंद्र सहारा स्टेट से कार से निकला। तभी बाइक सवार तीन बदमाशों ने उसका पीछा शुरू किया। बदमाशों को पीछे लगा देखकर वह हालात समझ गया। कांशीराम आवास योजना के पास पहुंचते ही बदमाशों ने गोली दाग दी। करीब ख्0 राउंड फायरिंग में दारा कार में निढाल हो गया।

ताबड़तोड़ गोलियों से थर्रा उठा इलाका

बदमाशों ने ताबड़तोड़ गोलियां दागी। बाइक पर पीछे बैठा बदमाश दोनों हाथों में पिस्टल से गोलियां चला रहा था। गोलियों से पूरा इलाका थर्रा उठा। लोग डर कर सड़क के किनारे हो गए। दारा की मौत सुनिश्चित होने पर बदमाश फरार हो गए। लोगों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस अफसर भारी फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए। बताया जाता है कि दारा की मां कलावती देवी पूर्व प्रधान रही हैं। इस बार दारा इलेक्शन की तैयारी में लगा था। आरोप है कि बेलघाट के प्रधान संघ अध्यक्ष गिरजेश से विवाद चल रहा था। सिकरीगंज कसबे में भूमि को लेकर उनके बीच अदावत बढ़ गई।

जवाबी गोली नहीं चला सका दारा

खतरा भांपकर भागने के चक्कर में दारा अपने पास मौजूद लाइसेंसी रिवाल्वर यूज नहीं कर सका। पुलिस पहुंची तो रिवाल्वर को कब्जे में ले ली। बताया जाता है कि बिजनेस और प्रापर्टी के कारोबार को लेकर दारा को हमले की आशंका थी। दो माह पूर्व सिकरीगंज कसबे में भूमि को लेकर विवाद हुआ था। दोनों पक्षों में मारपीट हुई थी।

अजीत शाही से जुड़ा रहा है धर्मेद्र

पुलिस का कहना है कि धमर्ेंद्र का जुड़ाव अजीत शाही से रहा है। वह पवन सिंह के साथ भी रहता था। ट्यूज्डे को जिस कार में वह सवार था, वह पवन सिंह की बताई जा रही है। पुलिस का कहना है कि रजिस्ट्रेशन नंबर के आधार पर तस्दीक की जा रही है। बारीगांव निवासी पवन सिंह सिटी में रहकर प्रापर्टी के कारोबार में लगा है। इसके साथियों का काम विवादित भूमि पर कब्जा करना, लोगों को धमकी देने का बताया जा रहा है।

पेशेवर बदमाशों ने की वारदात

दिनदहाड़े किये गए मर्डर ने गोरखपुर पुलिस को हिला दिया है। सिटी में कई माह बाद हुई बड़ी वारदात को पुलिस ने चुनौती माना है। बदमाशों तक पहुंचने के लिए अफसरों ने जेल में बंद अंशु दीक्षित से पूछताछ की। शूटर्स को किस गैंग ने हायर किया, उनको किसने भेजा, किस लिए धर्मेद्र की जान ली गई, इन सवालों के जवाब में पुलिस अजीत शाही, पवन सिंह और उनके सहयोगियों की तलाश में लगी है। एसएसपी ने बताया कि अजीत शाही पांच हजार का इनामी है।

वारदात की जड़ तक पहुंचने के लिए कई लोगों से पूछताछ की जा रही है। वारदात के पीछे प्रधानी रंजिश है या फिर कोई अन्य वजह, इसकी तस्दीक के लिए पुलिस टीम लगा दी गई है। जल्द ही बदमाशों को अरेस्ट कर लिया जाएगा।

प्रदीप कुमार, एसएसपी

Posted By: Inextlive