GORAKHPUR: लोक सभा चुनाव करीब आते ही राजनीतिक पार्टियां जहां जोर आजमाइश में लग गई हैं, वहीं वोटर्स भी अपनी पसंद की सरकार चुनने के लिए तैयार हैं। इस बार चुनावी समीकरणों पर युवा वोटर्स की तादाद काफी असर डालेगी। ऐसे ही मिलेनियल्स के लिए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट और रेडियो सिटी की ओर से ऑर्गनाइज्ड राजनी-टी में युवा अपने मुद्दों को दमदारी के साथ रख रहे हैं। इसी चर्चा के क्रम में हम पहुंचे तारामंडल स्थित नौका विहार जहां मिलेनियल्स ने विभिन्न मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय रखी। युवाओं ने जहां विकास की रफ्तार को सराहा वहीं अन्य जरूरी मुद्दों पर सरकार से सवाल भी पूछे।

तेजी से हो रहा विकास

रेडियो सिटी की ओर से कार्यक्रम संचालन कर रहे आरजे सारांश ने सबसे पहले सभी को मिलेनियल्स का मतलब समझाया। इसे बाद जब मुद्दों पर बात हुई तो विकास की रफ्तार से लगाए साइबर क्राइम, डिजीटल इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया, मेक इन इंडिया, करप्शन, एलपीजी सब्सिडी, बेरोजगारी समेत सुरक्षा व्यवस्था जैसे टॉपिक्स पर लोगों ने अपने विचार रखे। मुख्तार ने कहा कि हमारा वोट उसे ही जाएगा जो युवाओं को रोजगार देने की बात करेगा। क्योंकि रोजगार होगा, तभी वह अपना फ्यूचर ब्राइट कर सकेंगे। राधेश्याम ने कहा कि विकास की रफ्तार गोरखपुर में तेजी के साथ बढ़ी है जिसे और तेज किए जाने की जरूरत है।

बेरोजगारों को मिले रोजगार

डॉ। मनोज द्विवेदी ने कहा कि डिजीटल इंडिया सिर्फ हवा हवाई लग रही है। शुरू के दौर में डिजीटल इंडिया को लेकर जिस तेज गति से काम हुआ बाद में ठंडे बस्ते में जाता दिख रहा है। वहीं, डॉ। सुरेश द्विवेदी ने कहा कि युवा बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं जिसे लेकर सरकार को गंभीर होना होगा। आज भी लाखों बेरोजगार युवा रोजगार की तलाश में भटक रहे हैं। जिसे लेकर आज तक किसी भी सरकार ने ठोस कदम नहीं उठाए हैं।

गरीब तक पहुंचे एलपीजी

चर्चा के बीच मुद्रा लोन को लेकर काफी देर तक बहस होती नजर आई। एडवोकेट सुरेश पांडेय ने कहा कि मुद्रा लोन को लेकर आज भी बैंक में आने वाले लोगों को इधर-उधर भटकना पड़ता है। जबकि बैंक कर्मियों को इसके लिए पहले ही सर्कुलर जारी कर दिया गया है। कहीं न कहीं सरकार को कॉन्सेप्ट क्लीयर करते हुए जन-जन को इसका लाभ दिलाने की जरूरत है। इसी तरह एलपीजी सब्सिडी को कई लोगों ने छोड़ने की बात कही ताकि गरीब तक एलपीजी सिलेंडर का लाभ पहुंच सके। इसी तरह प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों के वेतनमान निर्धारित किए जाने की चर्चा की हुई।

सतमोला खाओ, कुछ भी पचाओ

चाहे माध्यमिक स्कूलों में होने वाली बोर्ड परीक्षा हो या फिर कॉलेज में होने वाली उच्च स्तरीय परीक्षा, हर जगह नकल माफियाओं का बोल बाला था। लेकिन सख्ती ज्यादा होने के कारण नकल माफियाओं पर जहां शिकंजा कसा गया है। वहीं पहले की तुलना में रिजल्ट में गिरावट आई है। ये स्टूडेंट्स के फ्यूचर के लिए बहुत अच्छा है। इसके पहले की सरकारों में यूथ के फ्यूचर के साथ खिलवाड़ करने का एक अलग ही ट्रेंड बन चुका था। जबकि वर्तमान में ऐसा होना असंभव है। एजुकेशन पॉलिसी बहुत मायने रखती है। इसलिए हमारे देश के युवा देश ही नहीं विदेशों में भी अपने टैलेंट का लोहा मनवा ही लेते हैं।

मेरी बात

जिस प्रकार उच्च शिक्षा में क्वालिटी बेस्ड एजुकेशन की बात कही जा रही है। इस पर सरकार काम भी कर रही है। लेकिन आगामी लोकसभा चुनाव के लिए भी शैक्षिक योग्यता और उम्र की सीमा निर्धारित की जानी चाहिए। ऐसे लोगों के चुनाव लड़ने पर ही प्रतिबंध लगा देना चाहिए। लेकिन दुर्भाग्य इस बात का है कि कोई भी लीडर इस पर बहस करने को तैयार नजर नहीं आता है। जब राजनीति में शिक्षित यूथ उतरेंगे तो राजनीति के स्तर में सुधार के साथ-साथ बदलाव की एक अलग ही बयार बहेगी।

मुख्तार

कड़क मुद्दा

अगर देश के सबसे कड़क मुद्दे की बात करें तो आज भी देशभर के कचहरी में भ्रष्टाचार व्याप्त है, जिसे दूर करने के लिए सरकार की तरफ से ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। आज भी कचहरी में आने वाले लोगों को न्याय मिलने के बजाय उन्हें गवां कर ही वापस जाना पड़ता है। एक तरफ जहां उन्हें न्याय की उम्मीद होती है तो दूसरी तरफ से उन्हें एक आवेदन के पन्ने के लिए पैसे देने पड़ते हैं। हर टेबल पर रिश्वत के नाम पर चढ़ावा तक देना पड़ता है लेकिन इस मुद्दे पर जब तक दमदारी के साथ गवर्नमेंट काम नहीं करेगी तब तक यह समस्या बरकार रहेगी।

कोट्स

डिजीटल इंडिया पर जितना काम किया गया है निश्चित तौर पर यह तारीफ के काबिल है। लेकिन डिजीटलाइजेशन के इस युग में लोगों को जागरूक करने की बेहद जरूरत है। क्योंकि ई-शिक्षा के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा सकता है। आज भी कई लोग ऐसे हैं जो ई-ट्रांजैक्शन समेत अन्य कैश ट्रांसफर करने में असमर्थ हैं। साइबर क्राइम रोकने के लिए हाई सिक्योरिटी की जरूरत है।

- शाइनी अग्रवाल

स्वच्छता को लेकर जितनी कवायद चल रही है इसमें पब्लिक के सहयोग की बेहद जरूरत है। क्योंकि आज भी लोग स्वच्छता के प्रति जागरूक नजर नहीं आते हैं। जिधर देखो उधर गंदगी कर देते हैं जबकि ऐसा लोगों को नहीं करना चाहिए। स्वच्छता को लेकर पब्लिक को जागरूक होना बेहद जरूरी है।

- संगीता

मुद्रा योजना पर जो गवर्नमेंट बेहतर काम करेगी हमारा वोट उसी को जाएगा। मुद्रा योजना का आज भी लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है। बैंक में जाने पर बैंक की तरफ से मुद्रा योजना के बारे में सही ढंग से जानकारी नहीं दी जाती है। इस योजना को जन-जन तक पहुंचाने के लिए गवर्नमेंट को और काम करना होगा।

- आदित्य ओझा

प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना का शुभारंभ तो कर दिया गया है लेकिन आज भी ज्यादातर लोग इस योजना के लाभ से वंचित हैं। मेरा वोट उसी को जाएगा जो सरकार की योजना को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाए क्योंकि पांच लाख तक इलाज का फायदा मिल रहा है तो निश्चित ही इस योजना का लाभ लोगों को मिलना चाहिए।

प्रणव शाही

मेरा वोट उसी को जाएगा जो युवाओं के हित में बात करेगा क्योंकि देश का भविष्य युवा ही हैं। युवाओं की सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी है। इसलिए सरकार को इस समस्या के समाधान के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। पहले तो वैकेंसी निकालें और उसे समय से परीक्षा कराकर भर्ती प्रक्रिया को पूरी कराएं।

चंद्र प्रकाश

मैं प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करता हूं। मेरा वोट उसी को जाएगा जो देश भर के प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे कैंडिडेट्स के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं करेगा। समय से परीक्षा कराकर उसी वर्ष में रिजल्ट भी डिक्लेयर कर देगा। आज भी प्रदेश स्तर पर होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं के होने के दो साल बाद रिजल्ट डिक्लेयर किया जाता है। इससे प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले युवाओं का भविष्य चौपट होता हुआ नजर आता है।

हितेश

विकास कार्य को लेकर निश्चित तौर पर काम हुए हैं लेकिन जिस गति से होना चाहिए उस गति से नहीं हुआ है। जबकि विकास कार्य के लिए जो भी जिम्मेदार हैं, उन पर शिकंजा कसे जाने की जरूरत है।

अनुराग

आज की डेट में जितने भी प्राइवेट स्कूल हैं वहां योग्य शिक्षक हैं लेकिन उन्हें बोर्ड के ना‌र्म्स के मुताबिक, सैलरी नहीं दी जाती है। इसलिए मेरा वोट उसे जाएगा जो देश भर के प्राइवेट स्कूलों के शिक्षकों के लिए एक मानदेय फिक्स कराएं और उसे भी सम्मानित सैलरी के साथ समाज में जीने का अधिकार दिया जाए।

विवेक

हमारे समाज में आज भी लोग असुरक्षित महसूस करते हैं। मेरा मानना है कि सुरक्षा को और सख्त बनाए जाने की जरूरत है। क्योंकि सुरक्षा होने पर ही विकास संभव है। कोई भी कंपनी या फर्म तभी अपना कारोबार बढ़ाती है या शुरू करती है जब उसे सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नजर आते हैं।

अरविंद

Posted By: Inextlive