Kanpur: छात्र राजनीति ही सक्रिय राजनीत की पहली सीढ़ी है. इसीलिए प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होते ही छात्र नेताओं के चेहरे चमकने लगे थे. करीब सात साल तक बैन रहने के बाद छात्रसंघ चुनाव फिर बहाल कर दिए गए हैं. ज्यादातर कॉलेजेस में एडमिशिन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और चुनाव प्रचार चरम पर है.


पूर्व छात्र नेता और मठाधीश सक्रिय हो गए हैं। सिटी में स्टूडेंट्स पॉलिटिक्स में खूनी संघर्ष, चंदा वसूली और अराजकता के इतिहास को देखते हुए पुलिस भी सतर्क हो गई। पूर्व छात्र नेताओं, मठाधीशों और दावेदारों की गतिविधियों पर नजर रखने के डीआईजी ने मास्टर प्लान तैयार किया है। हर एक्टिवटी पर रखते हैं नजर


डीआईजी के मास्टर प्लान के मुताबिक, ‘मैं हूं ना’ मूवी में मेजर राम के कैरेक्टर की तरह ही डिपार्टमेंट के नए जवानों को कॉलेजेस में ‘अंडरकवर कॉप’ डेप्यूट किया गया है। इन्हें खास तरह की ट्रेनिंग दी गई है जिससे कोई भी इन पर शक न कर सके। ये जवान क्लास अटेंड करने के साथ ही स्टूडेंट्स के बीच घुल-मिलकर उनकी हर एक्टिविटी पर नजर रखेंगे और सभी खबरें अपने सीनियर्स को देंगे। जिससे किसी भी स्थिति से समय रहते निपटा जा सके। न्यूली रिक्रूटेड पुलिस पर्सनल्स स्टूडेंट्स की तरह ड्रेसअप रहेंगे। ये स्टूडेंट्स कॉलेज कैंटीन, क्लास रूम्स, लाइब्रेरी, प्ले ग्राउंड, पार्किंग के साथ हर उस जगह पर एक्टिव रहते हैं जहां हुड़दंगी और संदिग्ध स्टूडेंट्स का मूवमेंट होता है। ताकि न बिगड़े माहौल

कौन स्टूडेंट कहां रहता है, उसका फ्रेंड सर्किल में कौन-कौन लोग शामिल हैं? उनमें कितने क्रिमिनल बैकग्राउंड के हैं? कौन-कौन चुनाव में उतरने की तैयारी कर रहा है? कौन पूर्व छात्र नेता उसे सपोर्ट कर रहा है? फाइनेंस करने वाले कौन लोग हैं? इन अंडरकवर एजेंट्स के जरिए पुलिस ने ऐसी तमाम इनफॉर्मेशन जुटा भी ली हैं। चुनाव के दौरान ये जानकारियां पुलिस के लिए काफी अहम साबित होंगी। प्रिसिंपल्स भी कर रहे हेल्पइस पूरे मास्टर प्लान को अंजाम तक पहुंचाने में पुलिस और डिग्री कॉलेज के प्रिंसिपल्स एक-दूसरे के सम्पर्क में हैं। इस बाबत कॉलेजेस में टीमों का गठन कर दिया गया है। वो डिग्री कॉलेज में घूमने भी लगे है। पुलिस ने संबंधित थानों से अपराध में शामिल रहे छात्र नेताओं का क्राइम रिकॉर्ड भी मांगा है। जिससे पहले से ही इनपर नकेल की जा सके।मठाधीशों के नंबर सर्विलासं परमास्टर प्लान तैयार करने वाले डीआईजी अमिताभ यश ने बताया कि कैम्पेनिंग के लिए कुछ मठाधीश किस्म के छात्रनेता सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट्स का भी सहार ले रहे हैं। पुलिस ने इंटरनेट से ऐसे संदिग्धों की पहचान कर उनके फोन भी सर्विलांस पर ले लिए हैं। नहीं होगी व्यापारियों से वसूली !

इलेक्शन के दौरान पुराने मठाधीश खुद को हाइलाइट करने के लिए सक्रिय हो जाते हैं। वो उम्मीदवारों चुनावी गुर सिखाते हैं। चुनाव खर्च के लिए मार्केट और व्यापारियों से चंदा वसूली भी कराते हैं। कुछ व्यापारी पचड़े से बचने के लिए एक बार में चंदा  दे देते हैं तो कुछ आनाकानी करते हैं। ऐसे व्यापारियों को डराने-धमकाने के लिए मठाधीश छात्र शक्ति का इस्तेमाल करते हैं। डिसिप्लिन से समझौता नहीं छात्रसंघ चुनावों को देखते हुए कॉलेजेस के प्रिंसिपल्स ने भी अपने स्तर से तैयार शुरू कर दी है। वीएसएसडी कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ। दिलीप सरदेसाई ने बताया कि स्टूडेंट्स को हिदायत दे दी गई कि वो डिसिप्लिन में रहें और पढ़ाई पर ही फोकस करें। डिसिप्लिन मेनटेन करने के लिए प्रॉक्टर के नेतृत्व में एक टीम भी बनाई गई है। इस सिलसिले में पुलिस-प्रशासन के साथ जल्द मीटिंग भी होनी है। नवाबगंज पुलिस को 23 जुलाई को इस संबंध में लेटर भी लिखा गया है। पुलिस से मांगी सुरक्षापीपीएन कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर एसएन सिंह ने बताया कि एडमिशन के दौरान कई बार ऐसी नौबत आ गई थी कि फोर्स बुलानी पड़ी। स्टूडेंट यूनियन  के इलेक्शन आने वाले हैं। 31 जुलाई को इस सिलसिले में कर्नलगंज पुलिस स्टेशन को लेटर लिखकर सिक्योरिटी की मांग की है।

Posted By: Inextlive