आज हम ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं कि किस राशि के जातक के लिए कौन सा रत्न लकी साबित होता है और उसको धारण करने से उसकी सोई किस्मत जाग सकती है।

ज्योतिष एक ऐसा शास्त्र है जो भौतिक परिस्थियों मानसिक स्थितियों तथा चेतना के संयोग से जीवन को समग्रता की ओर ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मनुष्य की प्रगति में 12 राशियों के स्वामी ग्रहों तथा उनके रत्न का भाग्योदय में महत्वपूर्ण योगदान होता है।

आज हम ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं कि किस राशि के जातक के लिए कौन सा रत्न लकी साबित होता है और उसको धारण करने से उसकी सोई किस्मत जाग सकती है।

मेष

इस राशि के जातक के लिए लकी रत्न देशी मूंगा होता है क्योंकि इस राशि का स्वामी मंगल है।

वृष


वृष राशि का स्वामी शुक्र होता है। ऐसे जातक को हीरा पहनना चाहिए। हीरा आपके भाग्योदय में सहायक हो सकता है।

मिथुन

इस राशि का स्वामी बुध है, इसलिए इस राशि के जातकों को मरगज धारण करना चाहिए।

कर्क

कर्क राशि के जातकों के लिए मोती और मून स्टोन भाग्योदय में सहायक होता है। इसके अलावा उनके लिए चांदी भी लकी साबित हो सकता है। इस राशि का स्वामी चंद्रमा है।

सिंह

इस राशि का स्वामी सूर्य है, इसलिए ऐसे जातकों को गुलाबी माणिक्य धारण करना चाहिए।

कन्या

कन्या राशि का स्वामी ग्रह बुध है, इस राशि के जातकों के भाग्योदय में पन्ना सहायक हो सकता है। ऐसे जातकों को पन्ना पहनना चाहिए।

तुला

इस राशि के जातकों के लिए लालिमायुक्त अमेरिकन डायमंड और हकीक लकी रत्न होते हैं। इस राशि का स्वामी शुक्र है।

वृश्चिक


इस राशि का स्वामी मंगल है, इसलिए ऐसे जातकों की किस्मत इटेलियन मूंगा पहनने से चमक सकती है।

धनु

धनु राशि के लोगों के लिए पोखराज लकी रत्न होता है क्योंकि इस राशि का स्वामी ग्रह बृहस्पति है।

मकर

मकर राशि के स्वामी शनि देव हैं, इसलिए नीलम ऐसे जातकों के लिए उपयुक्त होता है।

कुंभ

इस राशि के स्वामी भी श​नि देव हैं लेकिन ऐसे जातकों को नीलम नहीं धारण करना चाहिए। कुंभ राशि के लोगों को जमुनिया रत्न पहनना चाहिए।

मीन

मीन राशि के लोगों के लिए लकी रत्न टोपाज है, इसका स्वामी ग्रह बृहस्पति है।

इसके अतिरिक्त दो ग्रह राहु और केतु छायाग्रह की श्रेणी में रखे गए हैं जो शनि के द्वारा संचालित होते हैं किन्तु इनके रत्न अलग होते हैं। राहु के लिए गोमेद रत्न है। जो तीन प्रकार का होता है- महादशा में सिलोनी गोमेद, अन्तरदशा में उड़ीसा गोमेद और प्रत्यन्तर दशा में गया का गोमेद धारण करना चाहिए। केतु के लिए लकी रत्न लाजवर्थ एवं लहसुनिया होता है।

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Posted By: Kartikeya Tiwari