आज तक हम आपको विशेष हस्‍त रेखाओं की जानकारी देते हुए आपकी जिंदगी के घटनाक्रम और आने वाले उतार चढ़ाव की जानकारी देते रहे हैं। इसी क्रम में आज आप जानेंगे कि हाथों की लकीरों के माध्‍यम से कैसे पता करें अपनी सेहत का हाल।

नंबर एक: अगर आपके चंद्र पर्वत पर नक्षत्र का चिन्ह हो तो आप पेट रोग से परेशान रहेंगे।
नंबर दो: अगर हृदय रेखा पर गोल द्वीप का चिन्ह हो, शनि क्षेत्र के नीचे मस्तिष्क रेखा पीली पड़ने लगे, आयु रेखा के पास मंगल क्षेत्र पर काला चिन्ह हो या फिर हृदय रेखा पर कालातिल या द्वीप हो तो अचानक बेहोशी या हार्ट अटैक का खतरा हो सकता है।
नंबर तीन: यदि हाथ और नाखून पीले पड़ने लगें और नाखूनों पर धब्बे जैसे दिखने लगें, साथ ही बुध रेखा कटी फटी दिखे तो ऐसे लोग आंतों की बीमारी से परेशान हो सकते हैं।
नंबर चार: यदि शनि के नीचे द्वीप का निशान दिखे तो रीढ़ की हड्डी की बीमारी जैसे स्पांटिलाइटिस हो सकती है।
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नंबर पांच: अगर  शनि क्षेत्र उच्च और रेखाओं से भरा हो, बुद्ध शनि रेखा लहरदार लंबी हो और अंगुलियों का बीच का हिस्सा लंबा होता है तो दांतों से जुड़े रोग हो सकते हैं।
नंबर छह: अगर मस्तिष्क रेखा के मंगल के पास वाले हिस्से पर सफेद दाग नजर आयें और दोनों हाथों में हृदय रेखा गीच से खंडित हो तो ये गुर्दे के रोगों की निशानी हो सकती है।
नंबर सात: अगर बुद्ध रेखा पर काले निशान के साथ नक्षत्र और द्वीप के चिन्य दिखें तो ये पीलिया होने की ओर इशारा करते हैं।
नंबर आठ: अगर मस्तिष्क रेखा पर शनि क्षेत्र के नीचे के हिस्से में जंजीर जैसा निशान दिखे तो ये फेंफड़े और गले के रोगों के बारे में संकेत देता है।
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नंबर नौ: हाथ के नाखून ऊंचे उठे हो और मस्तिष्क रेखा शनि पर्वत से बुद्ध पर्वत तक पंखदार हो कर जाती है तो ऐसे व्यक्ति को टीबी होने का खतरा रहता है।
नंबर दस: हाथ की अंगुलिया नुकीली, मूड़ी हुई हों और पर्वत नीचे दबे हों, याफिर नाखून लाल हों और उन पर चकत्ते जैसे हों तो ये मिर्गी रोग का कारण हो सकते हैं।
नंबर ग्यारह: अगर हथेली में उच्च शनि पर्वत ढेर सारी रेखाओं के साथ हो, मस्तिष्क रेखा शनि पर्वत के नीचे खंडित हो जाए, स्वास्थ्य रेखा घिसी एवम् छिन्न भिन्न हो साथ ही आयु रेखा को काटते हुए चंद्र पर्वत से रेखा निकल जाए तो पैरों और गठिया का रोग हो सकता है।
नंबर बारह: चंद्र पर्वत पर नक्षत्र चिह्न हो और चंद्र पर्वत के नीचे का भाग उच्च एवम् कई रेखाओं से कटा हुआ हो साथ ही उस पर भी नक्षत्र चिह्न हो तो व्यक्ति को जलोदर रोग हो सकता है।
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नंबर तेरह: चंद्र पर्वत के ठीक ठाक उन्नत होने पर एसिडिटी रोग हो सकता है।
नंबर चौदह: बांसुरी की तरह घूमे नाखून और सॉफ्ट हथेली होने पर स्किन डिसीज हो सकती है।
नंबर पंद्रह: अगर किसी के नाखून ट्रैंग्लर, छोटे हों, उच्च शनि पर्वत कई रेखाओं से कटा हो साथ ही उस पर नक्षत्र का चिह्न हो और चंद्र पर्वत पर जाल होने के साथ मुख्य रेखाएं भी शुभ न हो तो लकवा रोग हो सकता है। 

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Posted By: Molly Seth