यमुना ब्रिज से कूदकर प्रतियोगी छात्र ने की खुदकुशी, तीन पन्नों का सुसाइड लेटर भेजा था दोस्त के मोबाइल पर

किला घाट संगम के पास मिली थी बॉडी, चार साल से कर रहा था प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी

PRAYAGRAJ: नए यमुना ब्रिज से कूद कर प्रतियोगी छात्र विशाल अग्रहरि (22) ने, न सिर्फ सुसाइड किया बल्कि बेरोजगारी को लेकर बड़ा सवाल भी खड़ा कर दिया है। माता पिता के नाम तीन पन्ने के सुसाइड नोट में उसने जो बातें लिखी हैं, उसे पढ़ने वाला हर अभिभावक हिल सा गया। पुल से छलांग लगाने के पूर्व वह इस सुसाइड लेटर को अपने एक दोस्त के मोबाइल पर वाट्सएप किया था। शनिवार देर रात उसके सुसाइड नोट को देख दोस्त सीधे कीडगंज थाने पहुंचा और पुलिस को जानकारी दिया। गुमशुदगी दर्ज कर पुलिस तलाश कर ही रही थी कि रविवार देर शाम उसका शव संगम किलाघाट के पास मिल गया। सूचना पर पहुंचे भाई राहुल ने उसकी शिनाख्त की।

सुल्तानपुर का रहने वाला था

सुल्तानपुर के गोसाईगंज स्थित विठुनपुर गांव निवासी विशाल अग्रहरि पुत्र हजारी लाल अग्रहरि चार भाइयों में छोटा था। उससे छोटी एक बहन है। विशाल यहां कोतवाली क्षेत्र के नार्थमलाका में किराए पर रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था। सुसाइड नोट के मुताबिक कुछ दिनों पहले तक वह प्राइवेट जॉब कर रहा था लेकिन यहां उसका मन नहीं लगा। सगाई भी हो चुकी थी तो वह खुद से जंग लड़ने लगा था।

प्लीज, मम्मी पापा माफ करना

'सुसाइड नोट उसने लिखा है, प्रिय मम्मी पापा, भइया व बहन शालिनी मैं जिंदगी से पूरी तरह तंग आ गया हूं। न तो मेरा कॅरियर बन रहा और न ही मेरे साथ कुछ अच्छा हो रहा है। मैने नौकरी के लिए बहुत कोशिश की। हर बार नाकामयाबी ही मिली। मेरी मेहनत के आगे किस्मत रोड़ा बनी रही। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा। इसलिए मैं जिंदगी छोड़कर जा रहा हूं। मैं पिछले चार साल चार महीने से बाहर रह रहा था। कई वर्षो से इलाहाबाद में तैयारी कर रहा था। मैने बहुत सारे एग्जाम दिए पर कुछ नहीं मिला। मेहनत मैने बहुत की थी। लेकिन, कामयाब नहीं हो पा रहा था। प्लीज, मम्मी पापा मुझे माफ कर कीजिएगा। मैं आप को वो खुशी नहीं दे सका जो एक मां बाप को अपने बेटे से अपेक्षा होती है। मैने रेलवे जेई के लिए सबसे ज्यादा मेहनत की उस पेपर में सबसे ज्यादा उम्मीद थी, पर इस बार भी मेहनत पर पानी फिर गया। मैं बहुत ज्यादा डिप्रेश हो गया हूं। मुझे हर हाल में 2019 में नौकरी चाहिए थी पर ऐसा नहीं हो सका। सुसाइड की पहले ही मन बना लिया था। लेकिन बीच में सगाई थी, इस लिए मैं नहीं किया.' इसी तरह की तमाम बातें वह लेटर लिखा है। उसकी पीड़ा और सुसाइड लेटर को देखने वाला मौजूद हर अभिभावक की आंखें छलक पड़ीं।

मृतक के दोस्त ने बताया तो गुमशुदगी दर्ज कर तलाश की जा रही थी। उसके द्वारा भेजे गए सुसाइड नोट को भी दिखाया था। पोस्टमार्टम बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है।

धाकेश्वर सिंह,

इंस्पेक्टर कीडगंज

Posted By: Inextlive