- गवर्नर राम नाईक ने केकेसी में स्वामी विवेकानंद जयंती पर योग का दिया ज्ञान

LUCKNOW: 'मेरी शुरुआत की पढ़ाई गांव से हुई है। मेरे पिता जी वहीं के हेडमास्टर थे, उस समय समय से मैं रोज 25 सूर्य नमस्कार करता हूं। उसी का रिजल्ट है कि आज भी 81 साल की उम्र में इतना स्वस्थ हूं और आप लोगों के बीच में भाषण दे रहा हूं। सूर्य नमस्कार करना स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है.' यह बात मंगलवार को राज्यपाल राम नाईक ने श्री जय नारायण पीजी कॉलेज में स्वामी विवेकानंद जयंती पर आयोजित समर्थ भारत पर्व के मौके पर बतौर चीफ गेस्ट के तौर पर कहीं। इस अवसर विभिन्न कॉलेजों के करीब दो हजार से अधिक स्टूडेंट्स को सूर्य नमस्कार और योगा भी सिखाया गया। राज्यपाल ने कहा कि आज के समय में योग का महत्व काफी बढ़ गया है। हमने भी 26 जून को योग दिवस मनाया है। उन्होंने कहा कि ऐसा लोग कहते हैं दुनिया में हम पिछडे़ हैं। इसलिए दुनिया को स्वामी विवेकानंद के विचारों को समझने की जरूरत हैं।

तो विवेकानंद को जानें

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि महापौर डॉ। दिनेश शर्मा ने कहा कि भारत को जानना है तो विवेकानंद के जीवन के बारे में पढि़ए। उन्होंने कहा कि जीवन में तकलीफ तब आती है जब जवाबदेही तय होती है। जो सच्चा कर्तव्य पालन करता है वो सीखता भी है और जीतता भी। महापौर ने कहा कि युवा अपने आज को संवारें, कल खुद ही संवर जाएगा। इस अवसर पर राज्यपाल ने स्वामी विवेकानंद केंद्र की ओर से जारी पुस्तक स्प्रीचुवल लाइफ का विमोचन भी किया।

अमीर बने युवाओं के आर्दश

इस अवसर पर मुख्य वक्ता रामकृष्ण मठ के स्वामी निर्विकल्पा नंद ने कहा कि अक्सर लोग बोलते हैं युवा समाज दिशा हीन हो गया है। नाम और पैसा कमाने की चक्कर में युवा बिजनेस मैन, धनकुबेर और क्रिकेटर को अपना आदर्श बना रहे हैं। इससे देश की उन्नति कैसे होगी। स्थिति यह है कि युवा वर्ग दिगभ्रांत हो गया है। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेका नंद का सपना था कि लोगों के मन के दुख को दूर किया जाए। इसके लिए उन्होंने सबसे पहले यूथ को टारगेट किया। उन्होंने कहा कि समाज का सुधार करना है तो इसकी शुरुआत यूथ से होगी।

Posted By: Inextlive