- अखिलेश ने दिखायी अपनी ताकत, पार्टी से मनाही के बाद भी पहुंचे पार्टी के 90 परसेंट विधायक

- रामगोपाल, धर्मेद्र यादव, अबू आजमी भी पहुंचे पांच कालिदास

LUCKNOW :

साल 2016 का समापन ऐसा होगा किसी ने सोचा भी नहीं था। अखिलेश ने अपने पिता मुलायम को पूरी ताकत के साथ दिखा दिया कि अब राजनीति का तरीका बदल गया है। इस बदलाव को उन्हें भी स्वीकार करना पड़ेगा। जिस मीटिंग को अवैध बताया गया था उसी मीटिंग की वजह से मुलायम को झुकना पड़ा और अखिलेश व रामगोपाल यादव का छह साल के लिए किया गया निष्कासन वापस ले लिया गया। अभी फैसला सिर्फ मुलायम की ओर से हुआ है। अखिलेश की ओर से इस बारे में कोई बात अभी नहीं की गयी है। रामगोपाल ने कहा है कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, अधिवेशन पहले से तय था और वह तय समय पर होगा। आजम खां ने जरूर कहा है कि सबकुछ ठीक हो गया है।

अखिलेश में जताई आस्था

पहले प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव ने प्रत्याशियों को पार्टी ऑफिस बुलाया था। इसके लिए सुबह का 10.30 बजे का समय तय किया गया था। वहीं अखिलेश यादव ने एक घंटे पहले साढ़े नौ बजे विधायकों को अपने आवास पर बुला लिया। सुबह नौ बजे से ही विधायकों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था। विधायकों के मोबाइल बाहर ही जमा कराये जा रहे थे। साढ़े नौ बजते बजते डेढ़ सौ से अधिक विधायक पांच कालिदास पहुंच गये थे। देखते ही देखते यह संख्या दो सौ के पार कर गयी। भारी संख्या में एमएलसी और प्रत्याशी भी पहुंच गये। पांच कालिदास पर जिलाध्यक्ष और पार्टी के अन्य तमाम पदाधिकारी भी पहुंचे थे, उन्हें नये जनता दर्शन हाल में बैठा दिया गया।

3 मंत्री को छोड़ सभी पहुंचे

अखिलेश यादव की ओर से बुलायी गयी बैठक में तीन मंत्रियों गायत्री प्रसाद प्रजापति, रियाज अहमद और शारदा प्रताप शुक्ला को छोड़कर बाकी सभी मंत्री अखिलेश यादव की मीटिंग में पहुंचे। कुछ मंत्री ऐसे भी थे, जो पूरी स्थिति का आंकलन करने के बाद पांच कालिदास मार्ग पहुंचे। वहीं कई विधायक ऐसे थे जिन्होंने पार्टी दफ्तर पर भीड़ कम देखकर पाला बदल लिया और अखिलेश के साथ आ गये। मीटिंग में शामिल होने वालों में 204 समाजवादी पार्टी के विधायक तीन अन्य पार्टियों के विधायक, 37 एमएलसी और 53 वे कैंडीडेट जिन्हें अखिलेश यादव ने घोषित किये हैं। वहीं मुलायम की मीटिंग में कुल 21 विधायक और मुलायम सिंह की ओर से घोषित प्रत्याशियों में से 107 प्रत्याशी पहुंचे थे।

विरोधी खेमों के विधायकों पर भी नजर

पांच कालिदास पर आयोजित मीटिंग में पहुंची विधायक गजाला लारी को मीटिंग हाल में जाने से रोक लिया गया उन्हें विधायक होने के बावजूद भी अंदर नहीं जाने दिया गया। क्योंकि विधायकों की लिस्ट में गजाला के नाम के आगे क्रॉस का निशान लगा था। ऐसे ही विधायक उदय राज को भी नहीं जाने दिया गया। गजाला लारी और उदय राज को शिवपाल गुट का माना जाता है।

Posted By: Inextlive