2011 में भारत को चैंपियन बनाने वाले युवराज ने लिया संन्यास, वर्ल्डकप में ऐसा रहा है युवी का प्रदर्शन
कानपुर। भारत दो बार वर्ल्ड चैंपियन बना है। पहली बार 1983 में कपिल देव की अगुआई में खिताब अपने नाम किया था। तो दूसरी बार एमएस धोनी की कप्तानी में भारत 2011 में विश्व चैंपियन बना। भारत को ये खिताब दिलाने में युवराज सिंह का अहम योगदान रहा। युवी मैन ऑफ द टूर्नामेंट रहे थे। उन्होंने सिर्फ बल्ले से नहीं गेंद से भी कमाल दिखाया था। युवराज के बल्ले से तब 9 मैचों में 362 रन निकले थे जिसमें एक शतक और चार अर्धशतक शामिल थे। वहीं गेंद से उन्होंने 15 विकेट चटकाए। अब जब 2019 वर्ल्ड कप टीम में युवी शामिल नहीं है तो फैंस को इस स्टार खिलाड़ी की याद जरूर आएगी।
37 साल के हो चुके बाएं हाथ के बल्लेबाज युवराज सिंह तीन वर्ल्ड कप खेल चुके हैं। साल 2000 में इंटरनेशनल क्रिकेट में कदम रखने वाले युवी ने पहला वर्ल्ड कप 2003 में खेला था। उसके बाद 2007 और 2011 में भी वह भारतीय वर्ल्ड कप टीम का हिस्सा रहे। वर्ल्ड कप में युवी के नाम 23 मैचों में 738 रन दर्ज हैं, जिसमें एक शतक भी है। वहीं गेंदबाजी की बात करें तो युवराज ने विश्व कप में 20 विकेट चटकाए है।
युवराज सिंह ने 2003 में इंटरनेशनल करियर की शुरुआत की थी। करीब 17 साल के इंटरनेशनल करियर में युवी ने 304 वनडे खेले जिसमें 36.55 की औसत से 8701 रन बनाए। इस दौरान युवराज के बल्ले से 14 शतक और 52 अर्धशतक निकले। वहीं टेस्ट की बात करें तो युवराज को सिर्फ 40 मैच खेलने को मिले जिसमें मात्र 1900 रन बनाए। टेस्ट में युवराज के नाम 3 शतक हैं।