आई एक्सक्लूसिव

-कानपुर समेत यूपी के कई जिलों में फैला है जाकिर का नेटवर्क

-2008 में पहली बार जाकिर नाईक का शहर से कनेक्शन सामने आया था

-ग्रीनपार्क स्टेडियम में उसका कार्यक्रम कराने की तैयारी भी की गई थी

>kushagra.pandey@inext.co.in

KANPUR : पिछले दिनों बांग्लादेश में हुए आतंकी हमले से सुरक्षा एजेंसियों के राडार पर आए इस्लामिक धर्मगुरु जाकिर नाईक का कानपुर समेत यूपी के कई जिलों में नेटवर्क फैला है। उसके यहां पर हजारों शागिर्द हैं, जो उसको फंडिंग करने के साथ ही भड़काऊ भाषणों को सुनकर युवाओं समेत अन्य लोगों में नफरत का जहर घोल रहे हैं। उसके शागिर्दो में ज्यादातर शिक्षित और अच्छी फैमिली से जुड़े लोग ताल्लुक रखते हैं। कुछ सालों पहले उसकी कानपुर, इलाहाबाद समेत यूपी के अन्य जिलों में स्पीच कराने की तैयारी की गई थी, लेकिन तभी मुस्लिम संगठनों के पोल खोलने पर शासन को उसके प्रोग्राम को कैंसिल करना पड़ा था, जिसे पता चलने पर उसके शागिर्द भी भड़क गए थे और उन्होंने लखनऊ में प्रदर्शन कर अपना विरोध दर्ज कराया था।

विरोध में आ गए थे लोग

इस्लामिक धर्मगुरु जाकिर नाईक का कानपुर समेत यूपी से एक दशक पुराना कनेक्शन है, लेकिन 2008 में उसका पहली बार कनेक्शन सामने आया था, जब उसके शागिर्दो ने यूपी के सभी बड़े जिलों में उसकी स्पीच कराने की तैयारी की थी। उनको कानपुर और इलाहाबाद में प्रशासन की परमीशन भी मिल गई थी, जिसमें इलाहाबाद के प्रोग्राम के कार्ड तक छप कर बंट गए थे। जाकिर को मुंबई से दिल्ली के रास्ते इलाहाबाद रवाना होने के लिए एयरपोर्ट भी पहुंच गया था, लेकिन विरोध होने पर उसे उल्टे पांव वापस लौटना पड़ा था।

सौ कारों से इलाहाबाद पहुंचे थे शागिर्द

इलाहाबाद में जाकिर नाईक के प्रोग्राम को लेकर उसके शागिर्द काफी उत्साहित थे। उसका स्वागत करने के लिए कानपुर से करीब सौ कारों का काफिला इलाहाबाद पहुंचा था। इस काफिले में शहर के नौकरीपेशा से लेकर टेनरी मालिक और डॉक्टर भी थे। वे एयरपोर्ट के बाहर नाईक का वेट कर रहे थे कि तभी उनको प्रोग्राम कैंसिल होने का पता चला था। जिससे वे इतना भड़क गए कि वे विरोध प्रदर्शन करने के लिए वहां से लखनऊ पहुंच गए। उन लोगों ने वहां पर विधानसभा के सामने प्रदर्शन करने की कोश्ि1ाश की थी।

ग्रीनपार्क में प्रोग्राम कराने की तैयारी थी

इलाहाबाद के बाद कानपुर में जाकिर नाईक की प्रोग्राम कराने की तैयारी की गई थी। यहां पर ग्रीनपार्क स्टेडियम में उसका प्रोग्राम होना था। उसके प्रोग्राम का सारा खर्च बिजनेसमैन शागिर्द उठा रहे थे। उन्होंने जाकिर के रुकने के लिए होटल में रूम भी बुक करा लिए थे। इसके साथ ही शहर में पर्चे भी बांटे गए थे, लेकिन इलाहाबाद के बाद यहां का प्रोग्राम भी मुस्लिम संगठनों के विरोध करने पर कैंसिल कर दिया गया था।

------------------

लादेन के सपोर्ट पर कैंसिल

यहां पर जाकिर के शागिर्द हैं, तो उसके विरोधी भी यहां मौजूद हैं। उसके प्रोग्राम का पता चलने पर मुस्लिम संगठन सक्रिय हो गए थे। उन्होंने जाकिर के नफरत फैलाने वाले वीडियो दिखाकर डीएम से प्रोग्राम कैंसिल करने की मांग की थी, लेकिन उन्होंने मंत्री का दबाव होने की दुहाई देकर उन्हें लौट दिया गया था। इसके बाद मुस्लिम संगठनों ने एक साथ तत्कालीन प्रमुख सचिव को जाकिर के विवादित वीडियो दिखाए थे। इस बार वे जाकिर के लादेन को सपोर्ट करने वाले वीडियो को भी साथ ले गए थे। जिसे देखने के बाद उसके प्रोग्राम को कैंसिल किया गया था।

---------------------

पॉलिटिकल कनेक्शन से मिली थी परमीशन

विवादित धर्मगुरु जाकिर का यूपी में पॉलिटिकल कनेक्शन भी है। इसी वजह से उसके प्रोग्रामों को प्रशासन से मंजूरी मिली थी। सोर्सेज के मुताबिक जाकिर का प्रोग्राम तो सपा के कद्दावर नेता ने ही आयोजित करवाया था, लेकिन उसकी परमीशन बसपा के एक कद्दावर मंत्री और सांसद के कहने पर दी गई थी। दोनों जाकिर के टच में रहते हैं। इसके अलावा उसके अन्य दलों के नेताओं से भी मजबूत कनेक्शन हैं। वहीं उसके एक समर्थक डॉक्टर ने पिछला विधानसभा चुनाव भी कानपुर से लड़ा था।

---------------------

जाकिर नाईक मुसलमान नहीं है। वो इंसानियत का दुश्मन है। वो युवाओं को बरगला रहा है। शहर के प्रमुख डॉक्टर, टेनरी मालिक समेत अन्य लोग जकात के पैसे से उसको फंडिंग कर रहे है। उनकी जांच कर कार्रवाई करनी चाहिए।

हाजी मोहम्मद सलीस, महामंत्री आल इंडिया सुन्नी उलेमा काउंसिल

जाकिर नाईक मुसलमान नहीं है। वो नफरत फैला रहा है। शहर के कई लोग उसके टच में है और उसे फंडिंग कर रहे है। उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।

डॉ। हीना जाकिर, महिला शहर काजी

Posted By: Inextlive