नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया NPCI ने UPI इंटरचेंज और पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स के लिए एक सर्कुलर जारी किया है। इसके तहत PhonePe और Google Pay जैसे कंपनियों को UPI मर्चेंट ट्रांजेक्शन पर फीस लेना बंद करना होगा।

नई दिल्ली (आईएएनएस)नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने कहा कि वह UPI इंटरचेंज और पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स के लिए सभी घरेलू UPI मर्चेंट ट्रांजेक्शन पर जीरो (0) फीस लगाने पर सहमत हो गया है। इसका मतलब है कि PhonePe और Google Pay जैसी कंपनियों को UPI मर्चेंट ट्रांजेक्शन पर फीस लेना बंद करना होगा। एनपीसीआई ने बताया है कि इसको लेकर एक सर्कुलर भी जारी किया गया है, जो 1 जनवरी, 2020 से प्रभावी है और 30 अप्रैल, 2020 तक की अंतरिम अवधि के लिए फीस को समाप्त कर दिया गया है। हालांकि, उन्होंने यह भी बताया है कि यह सर्कुलर मैनडेट EMI, ओवरड्राफ्ट अकाउंट और बिजनेस-टू-बिजनेस (बी2बी) कलेक्शन और पेमेंट्स जैसी सेवाओं पर लागू नहीं है।

स्टेकहोल्डर्स को मिल सकती है राहत

बता दें कि मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) के उन्मूलन के बाद लेनदेन शुल्क को खत्म करने का कदम उठाया गया है। बता दें कि इस वक्त बैंक RuPay डेबिट कार्ड और UPI ट्रांजेक्शन पर एमडीआर चार्ज नहीं ले रहे हैं। ऐसे में यह उम्मीद की जा रही है कि अन्य स्टेकहोल्डर्स को भी इससे राहत मिल सकती है। हालांकि, इस कदम से PhonePe, Google Pay और Amazon Pay जैसे डिजिटल पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स के राजस्व को बड़ा नुकसान झेलना पड़ सकता है क्योंकि उन्होंने UPI इकोसिस्टम में अधिक से अधिक बाजार हिस्सेदारी हड़पने के लिए भारी खर्च किया है।

थर्ड पार्टी एप्स शायद ही कर सकेंगे कमाई

इस नियम के लागू होने के बाद पीएसपी शुल्क की माफी से शायद ही कोई पार्टी थर्ड पार्टी एप्स (टीपीए) जैसे कि गूगल पे, फोनपे, अमेजन पे और अन्य यूपीआई लेनदेन पर कुछ भी कमा सके। अभी तक प्रत्येक UPI P2M लेनदेन पर, ये लोग पीएसपी शुल्क के माध्यम से औसतन 0.30 - 0.35 रुपये कमा रहे थे। अब देखना यह है कि आगे कौन सा तरीका इन डिजिटल भुगतान खिलाड़ियों को बाजार में बने रहने में मदद कर सकते हैं।

Posted By: Mukul Kumar