- आय बढ़ाने के लिए जिला पंचायत लगाने जा रहा मोबाइल टावर्स पर टैक्स

- नगर निगम में भी तीन साल पहले उठा था मुद्दा, लेकिन नहीं हुआ अमल

GORAKHPUR: नगर निगम के जिम्मेदार विभाग की आय बढ़ाने के बहुत दावे करते हैं। लेकिन इस मामले में वे जिला पंचायत से भी पीछे हैं। तीन साल से नगर निगम अपने एरिया के मोबाइल टावर्स पर टैक्स लगाने की सोच ही रही है। जबकि जिला पंचायत ने इस टैक्स को ग्रामीण अंचल के टावर्स पर लागू भी कर दिया है। पिछले साल 19 मार्च को हुई जिला पंचायत की आम सभा में इसे स्वीकृति मिली थी, जिसे इस वित्तीय वर्ष में लागू किया जा रहा है। जिला पंचायत ने मोबाइल टावर्स की गिनती भी पूरी कर ली है। टैक्स से होने वाली उस अतिरिक्त आय का इस्तेमाल जिला पंचायत, शहर और टाउन एरिया में खाली पड़ी जमीनों को कॉमर्शियल रूप से डेवलप करने में करेगी।

80 लाख का होगा फायदा

जिला पंचायत के अधिकारियों का कहना है कि अभी लाइसेंस शुल्क के रूप में मोबाइल टावर्स से टैक्स लिया जाएगा। लगभग 10 हजार रुपए प्रति टावर शुल्क निर्धारित किया गया है। बता दें, जिले में लगभग 1200 मोबाइल टावर लगे हुए हैं। जिनमें लगभग 800 टावर जिला पंचायत के एरिया में आते हैं। 400 टावर नगर पंचायत और टाउन एरिया में लगे हैं। टावर्स पर टैक्स से जिला पंचायत को सालाना 80 लाख रुपए की आय प्राप्त होगी। एक अधिकारी ने बताया कि यह धनराशि जिला निधि में जमा हो जाएगी। यह पैसा जिला पंचायत स्थापना कार्यो (जिला पंचायत कर्मचारियों का वेतन व ऑफिस खर्च) और जिले के विकास कार्यो (शौचालय, नाला और पुलिया आदि के निर्माण) पर खर्च होगा। वहीं इस राशि से शहर और टाउन एरिया में मार्केट वाली जगहों पर जिला पंचायत की खाली पड़ी जमीनों को मार्केट के रूप में विकसित किया जाएगा।

निगम को मिलते करोड़ रुपए

शहर में वैसे तो टावर लगाने की परमिशन नगर निगम देता है। लेकिन जिस जमीन पर टावर लगाता है, उसका उपयोग कॉमर्शियल होता है। ऐसे में नगर निगम चाहता तो इन टावर्स पर टैक्स लगा सकता था। तीन साल पहले निगम में यह मुद्दा उठा भी था, लेकिन बाद में इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। नगर निगम अगर शहर के टावर्स पर टैक्स लगाता तो उसे प्रति वर्ष लगभग एक करोड़ रुपए की आय प्राप्त होती। इस पैसे का शहर के विकास कार्यो में इस्तेमाल हो सकता था।

वर्जन

जिला पंचायत एरिया में आने वाले सभी मोबाइल टावर्स पर टैक्स लगाने का कार्य शुरू कर दिया गया है। इसके लिए जिला पंचायत के कर निरीक्षक व कर संग्रह कर्ताओं को टावर्स की गिनती करने का आदेश दिया गया था। लिस्ट आने के बाद सभी कंपनियों को नोटिस भेज दिया जाएगा।

- संतोष कुमार सिंह, अपर मुख्य अधिकारी, जिला पंचायत

Posted By: Inextlive