- खंभों की गलन रुकने से दुर्घटनाओं पर लगेगी रोक

-पश्चिमांचल ने दिया 10 हजार खंभों की सप्लाई का आदेश

Meerut: शहर में बिजली के खंभों के कारण होने वाली दुर्घटनाओं पर अब रोक लगने वाली है। इसके लिए लोहे के खंभों के स्थान पर अब पश्चिमांचल जिंक कोटेड खंभों का फॉर्मूला लेकर आया है। एक ओर जहां जमीन में दबे लोहे के खंभों का कुछ हिस्सा एक समय बाद गलने लगता है, वहीं जिंक कोटेड गेल्वेनाज्ड खंभे से इस तरह की मामलों पर पूर्ण रूप से रोक लग जाएगी।

पश्चिमांचल का न्यू फॉर्मूला

लाइन खींचने के लिए बिजली विभाग की ओर से अब तक लगाए जाने वाले लोहे की खंभों पर रोक लगेगी। जमीन में दबे लोहे की खंभों में गलन की वजह से उनके गिरने की आशंका बनी रहती है, लेकिन विभाग की नई व्यवस्था से इस तरह के खतरे न के बराबर रह जाएंगे। विभाग अब लोहे खंबों के नीचे के एक तिहाई हिस्से को पॉवर कॉर्पोरेशन ने जिंक कोटेड (गेल्वेनाइज्ड) करके जंग प्रतिरोधी बनाने का फैसला लिया है। बिजली अफसरों का दावा है कि ऐसे खंबे जमीन में दबने के वर्षो बाद तक भी नहीं गलेंगे। दुर्घटनाएं नहीं होंगी, लोग सुरक्षित रहेंगे तथा विभाग के प्रति जनता में विश्वास बनेगा।

10 हजार खंभों का आदेश

पीवीवीएनएल के स्टोर में हाल ही में लगभग पांच हजार खंभे मंगाए गए हैं। दस हजार का नया आर्डर भी कंपनी ने दिया है। अधीक्षण अभियंता स्टोर विराग बंसल ने बताया कि अब पुराने गले खंभों के स्थान पर तथा नई लाइनों में जिंक कोटेड खंभे लगाने का ही आदेश है।

खंभे गलने की शिकायतें सभी स्थानों से मिल रही हैं। खंभे ज्यादा से ज्यादा समय तक सही रहें, उसके लिए यह प्रयोग किया जा रहा है। जिससे दुर्घटनाओं पर भी रोक लगेगी।

-वीवी पंत, एमडी पीवीवीएनएल

Posted By: Inextlive