देहरादून

जीवन जीने की प्रत्याशा (लाइफ एक्सपेक्टेंसी) में उत्तराखंड़ की स्थिति देश में बेहतर है। उत्तराखंड में जन्म पर लाइफ एक्सपेक्टेंसी की उम्र 71.3 वर्ष है। जबकि देश में इंसान की औसत उम्र करीब 70 वर्ष है। यही नहीं उत्तराखंड ने मानव विकास सूचकांक में भी अच्छी ग्रोथ हासिल की है। प्रदेश में ह्यूमन डेवलपमेंट इंडेक्स 0.718 है, तो देश के औसत से काफी अधिक है। इसके अलावा प्रति व्यक्ति आय में 30 हजार रुपए वार्षिक की बढ़ोतरी के अलावा लैंगिक दर भी बढ़ी है। प्रदेश के यह गुड न्यूज आज होने जा रहे हिमालयी राज्यों के सीएम कॉन्क्लेव से ऐन वक्त पहले शनिवार को सरकार की तरफ से जारी उत्तराखण्ड इकॉनोमिक सर्वे 2018-19 भाग-2 रिपोर्ट में हुआ है। इस रिपोर्ट को ग्रीन बोनस के हक से जोड़कर देखा जा रहा है।

प्रति व्यक्ति आय में 30 हजार रुपये की वृद्धि

पिछले दो सालों में प्रति व्यक्ति आय में 30 हजार रुपये की वृद्धि हुई है। पर्वतीय क्षेत्रों के विकास के लिये सरकार प्रयासरत है। इन्वेस्टर समिट में 40 हजार करोड़ रुपये के एमओयू पर्वतीय क्षेत्रों के लिए हुए हैं। प्रत्येक न्याय पंचायत पर ग्रोथ सेंटर विकसित किये जा रहे हैं। 58 ग्रोथ सेंटर स्वीकृत किये जा चुके हैं। पिरूल से बिजली बनाने का कार्य किया जा रहा है। सौर ऊर्जा की 600 करोड़ की योजनायें विभिन्न उद्यमियों को पर्वतीय क्षेत्रों के लिए आवंटित की गई हैं। सर्विस सेक्टर में भी काफी इन्वेस्टमेंट पहाड़ों में संभावित है। महिला सशक्तीकरण के लिए एलईडी उपकरण बनाने के लिए ब्लॉक स्तर महिलाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है। सरकार ने इन उपकरणों की खरीद की व्यवस्था भी की है। पर्वतीय क्षेत्रों के विकास पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। पर्वतीय जिलों में प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि के लिए जिलाधिकारियों को विशेष ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। विकासखण्ड स्तर पर यह विचार करना जरूरी है कि कैसे प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि की जा सकती है।

उत्तराखंड की प्रथम मानव विकास रिपोर्ट 2019:

इंस्टीट्यूट फ ॉर ह्यूमन डेवलपमेंट नई दिल्ली के सहयोग से उत्तराखण्ड की प्रथम मानव विकास रिपोर्ट 2019 तैयार की गई है। इस रिपोर्ट के अनुसार राज्य का ह्यूमन डेवलपमेंट इंडेक्स 0.718 है। इस रिपोर्ट में ह्यूमन डेवलपमेंट इंडेक्स लैंगिक विकास सूचकांक बहुआयामी गरीबी सूचकांक यथा शिक्षा स्वास्थ्य व जीवन स्तर एवं राज्य में जन्म पर जीवन प्रत्याशा का आकलन किया गया है। मानव विकास सूचकांक में देहरादून प्रथम हरिद्वार दूसरे व उधमसिंह नगर तीसरे स्थान पर रहे। लैंगिक विकास सूचकांक में उत्तरकाशी प्रथम रुद्रप्रयाग द्वितीय तथा बागेश्वर तृतीय स्थान पर रहे। बहुआयामी गरीबी सूचकांक में उत्तरकाशी प्रथम, हरिद्वार द्वितीय व चम्पावत तृतीय स्थान पर रहे। उत्तराखण्ड राज्य की जन्म पर जीवन प्रत्याशा 71.3 वर्ष है। पिथौरागढ़ जनपद में जन्म पर जीवन प्रत्याशा सर्वाधिक 72.1 वर्ष है। मानव विकास रिपोर्ट में शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, स्वच्छता, विद्युतीकरण, प्रति व्यक्ति आय के क्षेत्र में राज्य की उपलब्धियों के साथ विकास के मार्ग में मौजूद बाधाओं व चुनौतियों व उनको दूर करने के लिए मार्गदर्शक उपायों को भी समावेशित किया गया है। जो भविष्य में बेहतर विकास रणनीतियों के निर्माण एवं क्त्रियान्वयन हेतु राज्य सरकार व विभिन्न विभागों को उत्प्रेरित करती रहेगी। यह रिर्पोट मानव विकास तथा समावेशी विकास को विकास के केन्द्र के रूप में बनाये रखने हेतु राज्य की योजनाओंए नीतियों एवं हस्तक्षेपों के आधार के रूप में कार्य करेगी।

ग्रीन एकाउंटिंग ऑफ फ ॉरेस्ट रिसोर्स

फ्रेमवर्क फ ॉर अदर नेचुरल रिसोर्स एण्ड इण्डेक्स फ ॉर सस्टेनेबल एनवायरमेंटल परफ ॉमर्ेंस फ ॉर उत्तराखंड स्टेट हेतु इंडियन इंस्टीट्यूट फ ॉर फ ॉरेस्ट मैनेजमेंट भोपाल के सहयोग से तैयार की गई है। इस रिपोर्ट में राज्य के वन संसाधनों के आर्थिक महत्व को कीमत के रूप में मापने का प्रयास किया गया है। राज्य 18 वन सेवाओं को फ्लो वैल्यू 95,112,60 करोड़ तथा तीन सेवाओं का स्टॉक वैल्यू 14,13,676,20 करोड़ आंकलित हुआ है। इससे राज्य सरकार की लंबे समय से चली आ रही ग्रीन बोनस की मांग को भारत सरकार के समक्ष अधिक प्रभावी ढंग से रखने में मदद मिलेगी।

ग्रीन बोनस के दावे का आधार

सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शनिवार को मुख्यमंत्री आवास में आर्थिक एवं सांख्यिकी नियोजन विभाग की तरफ से प्रदेश की ह्मूमन डेवलपमेंट रिपोर्ट, ग्रीन एकाउंटिंग ऑफ फ ॉरेस्ट रिसोर्स, फ्रेमवर्क फ ॉर अदर नेचुरल रसोर्स एंड इंडेक्स फॉर सस्टेनेबल एनवायरमेंटल परफ ॉमर्ेंस फ ॉर उत्तराखंड स्टेट तथा उत्तराखंड इकॉनोमिक सर्वे रिपोर्ट 2018-19 भाग-2 जारी की। इस मौके पर सीएम ने कहा कि प्रदेश को बहुत दिन से फ ॉरेस्ट रिसोर्स एवं उसकी एकाउंटिंग की जरूरत थी। राज्य का 70 प्रतिशत भूभाग पर वन होने के साथ ही ग्लेशियर, उंचे, उंचे-उंचे पर्वत, गंगा-यमुना एवं अन्य कई नदियों का का उद्गम क्षेत्र होने के नाते इससे प्राप्त होने वाले पर्यावरणीय व अन्य स्वास्थ्य वर्धक सुविधाओं का लाभ लगभग पूरे देश को मिल रहा है। इस संबंध में अब हमारे पास एक अध्ययन रिपोर्ट है वह राज्य की ग्रीन बोनस की मांग के लिए मजबूत आधार हो सकता है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड मानव विकास रिपोर्ट एवं आर्थिक सर्वेक्षण के आधार पर राज्य के सुनियोजित विकास के लिए योजना बनाने में मदद मिलेगी।

Posted By: Inextlive