स्लग: जिंदगी मिलेगी दोबारा फाउंडेशन की रिम्स से सेवा शुरू, हेल्पलाइन नंबर 9709500007 जारी

-लावारिस शव व मरीजों की मदद के लिए बढ़ाया कदम

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RANCHI (5 Nov): हर किसी की अंतिम इच्छा होती है कि जब वो इस जीवन को अलविदा कहें, तो उसे ससम्मान विदाई दी जाए। लेकिन बहुत सारे ऐसे लोग भी हैं, जो पूरे जीवन दु:ख में रहे और अंतिम यात्रा भी अच्छे से नसीब नहीं हो पाई। लेकिन रांची के कुछ युवाओं ने एक नई पहल की है, जिससे ऐसे लोगों को ससम्मान से अंतिम विदाई दी जा सके, जिनके पास अंतिम संस्कार में भी संकट है। जिंदगी मिलेगी दोबारा फाउंडेशन नामक नि:शुल्क शव वाहन की शुरुआत रविवार को की गई। आईएमए हॉल में आयोजित प्रोग्राम में रांची एसएसपी कुलदीप द्विवेदी ने इसकी शुरुआत की।

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जिंदगी मिलेगी दोबारा फाउंडेशन

जिंदगी मिलेगी दोबारा फाउंडेशन की शुरुआत रांची के युवाओं ने की है। जिसके फाउंडर राजगढि़या स्पेशलिस्ट केयर के अश्रि्वनी राजगढि़या हैं। इसके अलावा आलोक अग्रवाल, पूनम अग्रवाल, अरविंद मंगल, सुमन मंगल, हर्षव‌र्द्धन बजाज, जय विकास सिंघानिया, गुडि़या सिंघानिया, कुणाल बोरा, निखिल केडिया, श्वेता केडिया, सौरभ मोदी, पूजा मोदी, सचिन सिंघानिया, नेहा सिंघानिया, साकेत सर्राफ , निधि सर्राफ , विक्रम साबू्र, विनिता साबू, विपुल अग्रवाल, शिनु अग्रवाल, विवेक बागला, प्रीति बागला, अश्विनी राजगढि़या, खूशबू राजगढि़या टीम में शामिल हैं।

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पत्नी की बात से िमली प्रेरणा

जिंदगी मिलेगी दुबारा फ ाउंडेशन की नींव रखने के उद्देश्य के बारे में फ ाउंडेशन के अध्यक्ष अश्रि्वनी राजगढि़या ने बताया कि आज से कुछ महीने पहले की बात है। टीवी पर न्यूज देखा कि ओडि़शा में एक व्यक्ति अपने पत्‍‌नी के शव को टांगकर घर ले जा रहा है। मुझे यह देखकर काफ बुरा लगा। मैं अपनी वाइफ खूशबू राजगढि़या से इसके बारे में बातें भी की। उसने मुझे ताना देते हुए कहा कि तो फि र तुम कुछ ऐसा क्यों नहीं करते जिससे ऐसे लोगों को मदद मिले। जैसे मैं ही कसूरवार हूं। यह बात मेरे दिल को बार-बार कूरेद रही थी। मैंने रियलाइज किया, सच में कसूरवार यह समाज है। मैं हूं। और अगर ऐसे हालात रोके जा सकते हैं, तो मुझे करना पड़ेगा। उस रात मैं इसको लेकर काफी परेशान रहा। मैं इतना गंभीर हो गया कि अगले दिन दोस्तों से फ ाउंडेशन शुरू करने की बात कही। शुरुआत में तो एक ही वाहन की सोच रहा था, लेकिन दोस्तों की बदौलत अब चार वाहन शुरू हो गए, जो लोगों को नई जिंदगी देने का काम करेंगे।

रिम्स में तीन वाहन मौजूद रहेंगे

अध्यक्ष अश्रि्वनी राजगढि़या ने बताया कि फ ाउंडेशन की पहल से तीन शव वाहन हर दिन सुबह दस से रात आठ बजे तक रिम्स कैंपस में मौजूद हैं। इसमें चादर, पानी, फ ोन फ्र रहेगा। रिम्स के बाहर व्हील चेयर की व्यवस्था रहेगी। रिम्स में लावारिस मरीजों के लिए क्0 अटेंडेंट की सुविधा प्रदान की जाएगी। एक एंबुलेंस रांची पुलिस से टाई-अप रहेगा, जिसका मकसद शहर में कोई घटना हो तो घायल को फ ौरन अस्पताल तक पहुंचाया जा सके। हर वाहन पर एक डोनेशन बॉक्स रहेगा, जिसमें लोग अपने मनमुताबिक डोनेशन कर सकेंगे। इसमें महीने में करीब भ्0 हजार रुपए तो जमा हो ही जाएंगे। इसी जमा रुपए से जरूरतमंदों का इलाज कराया जाएगा, जो रुपए अफ ोर्ड न कर पा रहे हैं, ताकि उन्हें दोबारा जिंदगी मिल सके। अश्रि्वनी ने बताया कि सभी सुविधाओं को प्राप्त करने के लिए हेल्पलाईन नंबर 9709भ्00007 जारी किया गया है। सभी सुविधाएं इसी नंबर से प्राप्त की जा सकेंगी।

फ्री में हर सुिवधा मिलेगी

अश्रि्वनी बताते हैं कि जिंदगी मिलेगी दोबारा फाउंडेशन के जरिए सबसे पहले शवों को ससम्मान घर पहुंचाने का काम होगा। जरूरतमंद के अंतिम संस्कार की व्यवस्था भी फ ाउंडेशन ही करेगा। साथ ही शुरू होगी मरीजों को रिम्स के गेट से इमरजेंसी, कैजुअल्टी तक पहुंचाने के लिए ट्रॉली और स्ट्रेचर की सेवा। सबसे बड़ी सेवा यह कि जिन्हें हमारा समाज, हमारी सरकार भी लावारिस कहकर सुविधाओं से वंचित कर देता है। वैसे मरीजों की समुचित सेवा हो सके, इसके लिए अटेंडेंट की सुविधा भी देंगे। ये सुविधाएं फ्री होंगी। शुरुआत में राजधानी के क्00 किलोमीटर के दायरे में यह सुविधा दी जा रही है। जरूरत के हिसाब से इसकी संख्या बढ़ाई जाएगी।

Posted By: Inextlive