कानपुर। Live PM Modi on Lockdown 4.0: पीएम मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में 20 लाख करोड़ रुपए के विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा की है। यह भारत के जीडीपी का लगभग 10 प्रतिशत है। पीएम ने इसे आत्‍मनिर्भर भारत अभियान की महत्‍वपूर्ण कड़ी बताया है। पीएम मोदी ने विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा करते हुए कहा कि 'कोरोना संकट का सामना करते हुए, नए संकल्प के साथ मैं आज एक विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा कर रहा हूं। ये आर्थिक पैकेज, 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' की अहम कड़ी के तौर पर काम करेगा। उन्‍होंने आगे जोड़ा कि 'हाल में सरकार ने कोरोना संकट से जुड़ी जो आर्थिक घोषणाएं की थीं, जो रिजर्व बैंक के फैसले थे, और आज जिस आर्थिक पैकेज का ऐलान हो रहा है, उसे जोड़ दें तो ये करीब-करीब 20 लाख करोड़ रुपए का है। ये पैकेज भारत की GDP का करीब-करीब 10 प्रतिशत है।'

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में लॉकडाउन का जिक्र करते हुए कहा कि 'लॉकडाउन का चौथा चरण, लॉकडाउन 4, पूरी तरह नए रंग रूप वाला होगा, नए नियमों वाला होगा। राज्यों से हमें जो सुझाव मिल रहे हैं, उनके आधार पर लॉकडाउन 4 से जुड़ी जानकारी भी आपको 18 मई से पहले दी जाएगी'। पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत में कहा कि 'कोरोना संक्रमण से मुकाबला करते हुए दुनिया को अब चार महीने से ज्यादा हो रहे हैं, एक वायरस ने दुनिया को तहस-नहस कर दिया है। विश्व भर में करोड़ों जिंदगियां संकट का सामना कर रही हैं। सारी दुनिया, जिंदगी बचाने की जंग में जुटी है।' उन्‍होंने आगे जोड़ा कि 'लेकिन थकना, हारना, टूटना-बिखरना, मानव को मंजूर नहीं है। सतर्क रहते हुए, ऐसी जंग के सभी नियमों का पालन करते हुए, अब हमें बचना भी है और आगे भी बढ़ना है।'

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि 'दुनिया को विश्वास होने लगा है कि भारत बहुत अच्छा कर सकता है, मानव जाति के कल्याण के लिए बहुत कुछ अच्छा दे सकता है। सवाल यह है कि आखिर कैसे? इस सवाल का भी उत्तर है- 130 करोड़ देशवासियों का आत्मनिर्भर भारत का संकल्‍प।' उन्‍होंने कहा कि 'आज हमारे पास साधन हैं, हमारे पास सामर्थ्य है, हमारे पास दुनिया का सबसे बेहतरीन टैलेंट है, हम सबसे अच्छे प्रोडक्ट बनाएंगे, अपनी गुणवत्ता और बेहतर करेंगे, सप्लाई चेन को और आधुनिक बनाएंगे, ये हम कर सकते हैं और हम जरूर करेंगे।

पीएम मोदी ने भारतीय संस्‍कृति का जिक्र करते हुए कहा कि 'जो पृथ्वी को मां मानती हो, वो संस्कृति, वो भारतभूमि, जब आत्मनिर्भर बनती है, तब उससे एक सुखी-समृद्ध विश्व की संभावना भी सुनिश्चित होती है।' उन्‍होंने कठिनाई को अवसर में बदलने की बात का जिक्र करते हुए कहा कि 'जब कोरोना संकट शुरु हुआ, तब भारत में एक भी पीपीई (PPE) किट नहीं बनती थी। एन-95 मास्क का भारत में नाममात्र उत्पादन होता था। आज स्थिति ये है कि भारत में ही हर रोज 2 लाख PPE और 2 लाख एन-95 मास्क बनाए जा रहे हैं'।'

पीएम मोदी ऐसे समय में राष्ट्र को संबोधित करेंगे जब उनके सामने दोहरी चुनौती है, जहां एक ओर देश के कई राज्‍यों में कोरोनावायरस के मामले घटते नजर आ रहे थे फिर से बढ़ रहे हैं। अकेले तमिलनाडु में मंगलवार को कोरोना संक्रमण के 716 नए मामले सामने आए हैं, राज्‍य में कुल मामलों की संख्‍या बढ़कर 8718 हो चुकी है। वहीं प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी के बाद कई राज्‍य श्रम की कमी से दो चार हो रहे हैं। इतना ही नहीं जिन राज्‍यों में वह लौटकर गए हैं वहां उनके रोजगार की व्‍यवस्‍था का भी प्रश्‍न है। इतना ही नहीं मुख्‍यमंत्रियों के साथ अपनी बातचीत में वह इस बात को रेखांकित कर चुके हैं कि ग्रामीण इलाकों में महामारी के प्रसार को किसी भी कीमत पर रोकना होगा।

लॉकडाउन के कारण अलग-अलग राज्‍यों में फंसे प्रवासी श्रमिकों को श्रमिक स्‍पेशल ट्रेनों के जरिए उनके गृह राज्‍य भेजने का प्रबंध किया जा रहा है। वहीं कितने ही श्रमिक पैदल ही अपने घरों को रवाना हो गए हैं। इसके चलते बीते दिनों दुखद घटना भी सामने आई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 मई को महाराष्ट्र के औरंगाबाद में एक मालगाड़ी के नीचे आकर जान गंवाने वाले 16 प्रवासी मजदूरों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की मंजूरी दी। प्रधानमंत्री ने औरंगाबाद जिले में रेल दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हुए व्यक्तियों के मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये और गंभीर रूप से घायल हुए प्रत्येक व्यक्ति को 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि, प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) से देने की मंजूरी दी है।

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