-बिजली समस्या को लेकर मंत्री और अधिकारी ने कई बार की मीटिंग

-नहीं निकला कोई सॉल्यूशन, दावे हुए फेल

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RANCHI : झारखंड के ऊर्जा मंत्री राजेंद्र सिंह और बिजली बोर्ड के अधिकारी बिजली व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए लास्ट वीक कई बार मीटिंग कर चुके हैं, लेकिन सॉल्यूशन कुछ भी नहीं निकला। न तो राजधानी को फुल लोड बिजली मिली और न ही लोडशेडिंग की प्रॉब्लम से छुटकारा ही मिला। मंत्री ने अधिकारियों को बिजली समस्या से निपटने के लिए निर्देश भी दिए और बाद में फ्0 जुलाई तक स्थिति ठीक होने के संकेत दिए। पर, परेशानी जस की तस है। इससे निपटने के लिए टास्क फोर्स भी बनाई गई है, लेकिन फायदा कुछ भी नहीं हुआ।

भ् से 8 घंटे हो रही लोडशेडिंग

रांची में बिजली की लोडशेडिंग कम होने का नाम नहीं ले रही है। जैसे ही ट्रांसफॉर्मर पर लोड बढ़ता है, लोडशेडिंग शुरू हो जाती है। इससे बरियातू में 8 घंटे, लालपुर में 7 घंटे, किशोरगंज में म् घंटे, अशोकनगर में भ् घंटे और रातू रोड में 8 घंटे लोडशेडिंग जारी है। इसे देखकर तो यही कहा जा सकता है कि अधिकारियों के दावे फेल हो गए हैं।

झारखंड बनने के बाद से किसी भी गवर्नमेंट ने नहीं किया उपाय

झारखंड बनने के बाद यहां कई बार गवर्नमेंट्स बदलीं। बाबूलाल मरांडी की गवर्नमेंट बिजली की समस्या से लोगों को निजात नहीं दिला सकी। इसके बाद जब अर्जुन मुंडा गवर्नमेंट ने भी बिजली की समस्या से निपटने के लिए कुछ नहीं किया। झारखंड के पास सिर्फ पतरातू थर्मल पावर और सिकिदरी हाइडल ही हैं, जिनसे बिजली की सप्लाई होती है। इसके अलावा हमें बिजली परचेज ही करनी पड़ती है।