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ALLAHABAD: जनता भले ही महंगाई से कराह रही हो, लेकिन चुनाव लड़ने वाले महंगाई डायन के कहर से मुक्त हैं। उन्हें यह मुक्ति कोई और नहीं बल्कि खुद चुनाव आयोग ही दे रहा है। चुनावी खर्च की दरों में बरती गई नरमी इस ओर साफ इशारा कर रही है। वह भले ही मार्केट में अधिक पैसे खर्च करें लेकिन खर्च तय दरों के हिसाब से जोड़ा जाएगा। हालांकि, आयोग ने प्रत्याशियों के चुनावी खर्च की लिमिट भी तय कर रखी है।

 

मार्केट में तो लगी है आग

नगर निकाय चुनाव की नामांकन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। नाम वापसी की प्रक्रिया के बाद प्रचार-प्रसार जोर शोर से शुरू हो जाएगा। इसके साथ ही प्रत्याशियों के चुनावी खर्च पर आयोग द्वारा नजर रखी जाने लगेगी। उनके इस खर्च को अंडर लिमिट रखने के लिए चुनाव आयोग ने दरें भी तय कर रखी हैं। इसी दर के आधार पर प्रत्याशियों का चुनावी खर्च जोड़ा जाएगा। लेकिन असलियत है कि यह दरें बाजार के रेट से कम हैं। वहां महंगाई ने आग लगा रखी है। हकीकत में आयोग की रेट लिस्ट मार्केट रेट से काफी कम हैं। जीप या ट्रक एक दिन के लिए बुक करने पर क्भ्00 रुपए और साथ में डीजल देने का प्रावधान है। लेकिन चुनाव आयोग की रेट लिस्ट में यह केवल 800 रुपए और डीजल है। इसी तरह से आयोग की लिस्ट में ड्राइवर की प्रतिदिन की पगार फ्00 रुपए तय की गई है, जबकि हकीकत में यह भ्00 रुपए है। इसी तरह कई अन्य चीजों के दाम में भी अंतर साफ नजर आता है।

सरकारी और मार्केट के दाम में अंतर

वस्तु आयोग का रेट वास्तविक रेट

जीप व ट्रक 800 प्लस डीजल क्भ्00 प्लस डीजल

सूमो व क्वालिस क्ब्00 प्लस डीजल ख्000 प्लस डीजल

कार क्ख्00 प्लस डीजल ख्000 प्लस डीजल

होटल का कमरा ख्800 से भ्भ्00 8 से 9 हजार

सामान्य कमरा ब्भ्0 से क्भ्00 ख्000 से शुरुआत

ड्राइवर का वेतन प्रतिदिन फ्00 भ्00

एम्पलीफायर एवं माइक्रोफोन सहित लाउड स्पीकार का किराया प्रतिदिन 700 900 से क्000

फाइबर ग्लास प्रति सैकड़ा ब्0 भ्0

ढोल नगाड़ा (तीन व्यक्ति) क्ख्00 क्भ्00 से ख्000

तीन महीने में देना होगा हिसाब किताब

प्रत्याशियों को चुनावी खर्च का हिसाब किताब नामांकन से तीन माह के भीतर प्रशासन को सौंपना होगा। अगर उनका खर्च तय लिमिट से अधिक है तो इसकी सूचना प्रशासन को देनी होगी। बता दें कि उनके खर्च पर नजर रखने के लिए जिला स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है।

इनका इतना चुनावी खर्च

मेयर - ख्भ् लाख

पार्षद - ख् लाख

नगर पंचायत अध्यक्ष- क्.भ् लाख

नगर पंचायत सदस्य -फ्0 हजार

विधानसभा चुनाव के दौरान दरों में बढ़ोतरी की गई थी। जारी रेट बाजार से ही लिए गए हैं। अगर कोई प्रत्याशी तय लिमिट से अधिक खर्च करता है तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। खर्च पर नजर रखने के लिए जिला स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है।

-अवनीश चंद्र द्विवेदी, कमेटी अध्यक्ष व मुख्य कोषाधिकारी