24 जुलाई, 1937 को इसी शहर में मनोज कुमार का जन्म हुआ था. आज यह शहर ओसामा बिन लादेन के छुपने की जगह के लिए जाना जाता है और शायद इतिहास भी इसे इसी परिचय के साथ याद करेगा. यहां के बिलाल टाउन इलाक़े में अमेरिकी फोर्सेज ने लादेन के खिलाफ कार्रवाई की थी. बिलाल टाउन के बेहद करीब एक मोहल्ला है हजारा, यहीं मनोज कुमार का पुश्तैनी घर है.
Manoj Kumar

वैसे पार्टिशन के बाद मनोज कुमार का एबोटाबाद से रिश्ता टूट गया लेकिन वे आज भी कहते हैं कि उनका जन्म एबोटाबाद शहर में हुआ और उन्होंने वहीं अपना बचपन बिताया है. मनोज कुमार कहते हैं कि यदि दिल्ली ने उन्हें जीने के तरीके से वाकिफ कराया तो एबोटाबाद ने उन्हें बताया कि बचपन की शरारत क्या होती है.

 एबोटाबाद की हसीन वादियां

Mountain
दो मई की सुबह अचानक मनोज कुमार का शहर पूरी दुनिया में सुर्खियों में छा गया, आखिर क्यों न छाए. अलकायदा का चीफ और दुनिया को मॉस्ट वांटेड आतंकवादी लादेन यहां अमेरिकी फोर्सेज के  ऑपरेशन में जो मारा गया. एबोटाबाद, पाकिस्तान के खैबर पख़्तूनख़्वाह जिले में आता है, जो कभी ब्रिटिश इंडिया का पार्ट था.

Famous Army Hostel

Hostel

इस शहर में मनोज कुमार ने 10 साल गुजारे. फिर पार्टिशन के वक्त वे फैमिली के साथ दिल्ली आ गए. नार्थ दिल्ली के किंग्सवे कैंप स्थित विजयनगर में वे रहा करता थे.  दिल्ली में उन्होंने हिंदू कॉलेज में पढ़ाई की.

हर पाकिस्तानी की पहली पसंद एबोटाबाद

Abbottabad
आज जब पूरी दुनिया एबोटाबाद को लादेन के लिए पहचान रही है, तो हम आपको बता रहे हैं कि इसी शहर से मनोज कुमार का भी रिश्ता है. इसी शहर ने हमें उपकार, पिया मिलन की आस, कांच की गुडिया, रेशमी रुमाल, शहीद जैसी सुपरहिट फिल्में देने वाले मनोज कुमार को दिया है. हर शहर के दो चेहरे होते हैं, बुरे चेहरे पर बात करते हुए अच्छे चेहरे को नहीं भुलना चाहिए.
एबोटाबाद में रात का नजारा

रात का नजारा

एबोटाबाद, पाकिस्तान का सबसे शांत इलाकों में एक माना जाता था. पहले लोग यहां गर्मियों में छु्ट्टियां मनाने आते थे. दूर-दूर तक खुले मैदान, पहाड़ी, हरियाली, सबकुछ यहां हैं. इसके अलावा यह पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में करीब 120 किलोमीटर की दूरी पर है.इस्लामाबाद से यहां पहुंचने में आपको मुश्किल से दो घंटे लगेंगे. यहीं पाकिस्तानी मिलिट्री एकेडेमी भी है.

मशहूर चौक

chowk

यह एबेटाबाद का मशहूर हबीब चौक है. कभी मनोज कुमार कुमार की फैमिली इसी के आसपास रहा करती थी. आज जब पूरी दुनिया इस शहर को लादेन के लिए पहचान रही है, ऐसे में हमने कोशिश की है, आपको यह बताने की यह शहर और भी कई चीजों के लिए पहचाना जाता है.

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