सचिव ने दिए सभी जोनल अधिकारियों को स्वीमिंग पूल की लिस्ट बनाने के आदेश

अवैध और मानकों के विपरीत चल रहे वाटर पार्क और स्वीमिंग पूल पर लगेगी सील

Meerut। शहर में अवैध वाटर पार्क का संचालन सरेआम हो रहा है तो वहीं गली-मोहल्लों में मानकों को दरकिनार कर स्वीमिंग पूल चलाए जा रहे हैं। नूरनगर में एक युवक की मौत के बाद मेरठ विकास प्राधिकरण नींद से जागा और अवैध गतिविधियों के संचालन पर रोक की कार्ययोजना बनाई। एमडीए सचिव ने सभी जोनल प्रभारियों को अपने-अपने जोन में संचालित वाटर पार्क और स्वीमिंग पूल की लिस्ट बनाने के निर्देश दिए हैं।

होगी कार्रवाई

एमडीए सचिव राजकुमार ने बताया कि मेरठ में संचालित सभी स्वीमिंग पूल और वाटर पार्क की लिस्ट बनाने के निर्देश चारों जोन के प्रभारियों को दिए गए हैं। जोनल प्रभारी इन स्वीमिंग पूल्स का मौका मुआयना कर विभिन्न विभागों की एनओसी के अलावा एमडीए स्वीकृत मानचित्र भी देखेंगे। अवैध स्वीमिंग पूल्स के खिलाफ सीलिंग के आदेश भी सचिव ने जोनल प्रभारियों को दिए हैं।

प्रशासन हुआ चौकन्ना

डीएम अनिल ढींगरा के निर्देश पर जिला प्रशासन ने भी सभी एसीएम को अपने-अपने क्षेत्र में संचालित स्वीमिंग पूल्स और वाटर पार्क के निरीक्षण के आदेश दे दिए हैं। सिटी मजिस्ट्रेट शैलेंद्र प्रताप सिंह को नोडल अधिकारी नामित करते हुए डीएम ने एक सप्ताह में जांच रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं।

इनसेट में

यह हैं पुराने मामले

14 जून, 2017

खत्ता रोड पर बने स्विमिंग पूल में डूबने से एक युवक की हुई थी मौत।

17 मई, 2017

जिटौली और जेबरी गांव के बीज खेत में बने स्वीमिंग पूल में डूबने से एक युवक की हुई थी मौत।

26 जून, 2013

लिसाड़ी गेट थाने के पिलोखड़ी पुल के पास वाटर लैड स्वीमिंग पूल में हुई थी युवक की मौत।