लखनऊ/मुंबई (आईएएनएस/पीटीआई)। Lockdown कोरोना वायरस की वजह से देश भर में लागू लाॅकडाउन की वजह से वैसे तो इन दिनों बड़ी संख्या में लोग परेशान हैं लेकिन सबसे ज्यादा परेशानी प्रवासी मजदूरों को है। हाल ही में लगभग 225 प्रवासियों के एक समूह तीन कंटेनर ट्रकों में छुपकर हैदराबाद (तेलंगाना) से, नागरपुर, बीकानेर व राजस्थान पहुंचा। इस समूह में एक युवती और दो बच्चे भी शामिल हैं। इन लोगों ने हैदाराबाद से राजस्थान के बीकानेर-नागौर तक की लगभग 2,000 किमी की यात्रा 60 घंटे में पूरी की। हैदराबाद के बाहरी इलाकों से पुलिस की चपेट में आने से बचने के लिए ये लोग बुधवार 25 मार्च को शाम 6 बजे छोटे-छोटे जत्थों में पैदल निकले थे। इसके बाद ये शनिवार (28 मार्च) को सुबह 6 बजे अपने घर पहुंचे। यहां पर इनके परिजनों ने इनका जोरदार स्वागत किया।

छुपकर पहुंचे प्रवासियों में अधिकांश बढ़ई व दैनिक मजदूर

लोहे के कंटेनरों में इतनी लंबा सफर करना काफी साहसिक है। 225 प्रवासियों में अधिकांश बढ़ई व सिविल कर्मचारी हैं। ये लोग काम और अनुभव के आधार पर प्रति माह 15,000 रुपये से 30,000 रुपये तक कमाते हैं। इसके अलावा या तो ग्रामीण या दैनिक ठेके पर कमाते है। ये साल में बस दो बार राजस्थान से तेलंगाना की यात्रा करते हैं। इन 225 लोगों की सुरक्षित वापसी के बाद शनिवार सुबह स्थानीय सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकी परीक्षण के लिए बुक किया गया।

योगी सरकार ने 1,000 बसों की व्यवस्था की

वहीं दूसरी उत्तर प्रदेश सरकार ने देश भर में सीमावर्ती जिलों में फंसे प्रवासी मजदूरों को निकालने के लिए बड़ा कदम उठाया है। योगी सरकार ने 1,000 बसों की व्यवस्था की है। एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि परिवहन विभाग के अधिकारियों, बस ड्राइवरों और कंडक्टरों से शुक्रवार रात संपर्क किया गया था। प्रवक्ता ने कहा, देर रात तक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बसों की व्यवस्था के लिए निर्देश जारी करने में व्यस्त थे। सीएम ने अधिकारियों को ऐसे लोगों और उनके परिवारों के लिए भोजन और पानी की व्यवस्था करने का भी निर्देश दिया।

प्रवासी मजदूरों को भोजन और पानी मुहैया कराया

शनिवार सुबह वरिष्ठ पुलिस अधिकारी लखनऊ के चारबाग बस स्टेशन पहुंचे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वहां पहुंचने वालों को भोजन और पानी मुहैया कराया जाए। बाद में बसें कानपुर, बलिया, वाराणसी, गोरखपुर, आजमगढ़, फैजाबाद, बस्ती, प्रतापगढ़, सुल्तानपुर, अमेठी, रायबरेली, गोंडा, इटावा, बहराइच और श्रावस्ती के लिए रवाना हुईं। राज्य के डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी और लखनऊ के पुलिस आयुक्त सुजीत कुमार पांडे व्यक्तिगत रूप से व्यवस्था की निगरानी के लिए बस स्टेशन पर मौजूद थे। कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए मंगलवार की रात्रि से लगाए गए 21-दिवसीय लॉकडाउन राज्यों से प्रवासियों ने अपने गांवों में के लिए पलायन शुरू कर दिया था।

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