RANCHI: कोरोना के दो पॉजिटिव मरीज सिटी में मिल चुके हैं। ऐसे में हर इलाके में सख्ती बरती जा रही है। वहीं सफाई और सोशल डिस्टेंसिंग पर पूरा फोकस भी है। लॉकडाउन के बावजूद लोग कुछ इलाकों में घरों से बाहर आम दिनों की तरह ही खरीदारी करते हुए दिखे। वहीं दूसरी ओर सभी निगेटिव थॉट को इग्नोर कर लोग इस महामारी से लड़ने में अपनी-अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं। यही कारण है कि ज्यादातर इलाकों में मंगलवार को सन्नाटा ही नजर आया। वहीं सफाई करने वालों ने तो नियमों की धच्जियां उड़ा डाली। रिम्स स्थित कोरोना सेंटर के ठीक बाहर भारी मात्रा में कचरा जला डाला। वहीं रिम्स के बाहर कुछ लोग इस आस में दिखे कि कोई उनकी मदद को आगे आए।

रैन बसेरा के सामने इंतजार-रिम्स मंदिर

सुबह 9.55 बजे

रिम्स में हर दिन गंभीर मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। कई ऐसे मरीज भी हैं जो 108 एंबुलेंस से आ तो गए पर अब उन्हें जाने के लिए सोचना पड़ रहा है। हॉस्पिटल से छुट्टी भी मिल गई है, फिर भी इंतजार है कि किसी तरह वे अपने घर पहुंच जाएं। ऐसे में कई लोग रैन बसेरा के बाहर इस इंतजार में बैठे हैं कि कोई उन्हें घर तक पहुंचा दें।

रोड पर ही जला दिया कचरा िरम्स ट्रामा

सुबह 10.00 बजे

रिम्स की इस बिल्डिंग को कोरोना इंटीग्रेटेड सेंटर बनाया गया है। जहां पर कोरोना के दो मरीजों का इलाज भी चल रहा है। बिल्डिंग के साथ आसपास की सफाई भी मायने रखती है, लेकिन कचरा उठाव करने वालों ने सफाई करने के बाद पूरा कचरा बिल्डिंग के नजदीक रोड पर जला दिया। इससे काफी देर तक धुआं निकलता रहा। वहीं आसपास लोगों को परेशानी भी हुई।

आम दिनों की तरह ही खरीदारी लालपुर बाजार

सुबह 10.17 बजे

लॉकडाउन के बाद से लोगों से घरों में रहने की अपील की जा रही है। मरीजों की संख्या बढ़ने के बाद लोग सोमवार को घरों से बाहर कम निकले, लेकिन मंगलवार को लालपुर बाजार में आम दिनों की तरह की खरीदारी हो रही थी। लोगों का आना-जाना लगा हुआ था, जबकि वहां ड्यूटी में तैनात पुलिस ने भी कोई एक्शन नहीं लिया।

कोई राशन तो कोई पानी को निकला कोकर बाजार

10.30 बजे

प्रशासन की अपील है कि लोग घरों से नहीं निकलें। वहीं राशन की डिलीवरी के लिए ऑनलाइन फैसिलिटी भी दा जी रही है। फिर भी लोग नहीं सुधर रहे हैं। कोई राशन लेने तो कोई पानी के लिए रोड पर निकल पड़ा। इस बहाने लोगों की बाजार की सैर भी हो गई। कुछ लोग तो 5-10 रुपए का भी सामान खरीदने बाहर घूमते दिखे।

फिरायालाल चौक

लॉकडाउन की घोषणा के बाद से लगातार फिरायालाल चौक के आस-पास सन्नाटा फैला रह रहा है। फिरायालाल चौक के पास कुछ पुलिसकर्मी लगातार ड्यूटी दे रहे हैं। कडी़ धूप में भी पूरी निष्ठा के साथ पुलिस के जवान अपना कर्तव्य निभा रहे हैं। कोई धार्मिक-सामाजिक संगठन तो किसी यूथ की टीम आकर इन्हें चाय और शरबत पिला देती है। मंगलवार को भी फिरायालाल चौक पर ड्यूटी कर रहे जवानों को पानी पिलाने के लिए यूथ की एक टीम पहुंची, इस टीम ने तीन कार्टन में पानी की बातले ले रखी थी, जिसे सभी जवानों में बांट दिया गया।

सर्जना चौक

सर्जना चौक से होकर पुरुलिया की तरफ जाने वाला रास्ता हो या लालजी-हीरजी रोड, जिधर नजर दौड़ाओ सिर्फ सन्नाटा ही सन्नाटा नजर आ रहा था। न कोई इंसान नजर आ रहा था और न ही जानवर। हमेशा लोगों की चहलकदमी से गुलजार रहने वाला सर्जना चौक 14 दिनों से जैसे वीरान पड़ा है। यहां न कोई दुकान खुल रही है न ही लोग घूमने आ रहे हैं। कुछ पुलिस के जवान दिन रात यहां लोगों की सुरक्षा में डटे है। पुलिसकर्मी कभी चौराहे पर ड्यूटी करते थक कर किसी दुकान के शेड के नीेचे बैठ कर सुस्ताने लगते।

रांची रेलवे स्टेशन

रांची रेलवे स्टेशन पर भी मंगलवार को सन्नाटा नजर आया। इधर लोगों का आना बिल्कुल बंद है। लोगों को यदि किसी चीज की जरूरत भी पड़ती है तो वे सरकार द्वारा जारी किए गए हेल्पलाइन पर नंबर संपर्क कर मंगा लेते हैं। यहां एक पुलिसकर्मी ने बताया कि इधर न कोई दुकान है और न ही कुछ और इसलिए कोई इधर नहीं आता। इक्के-दुक्क लोग ही इधर से गुजरते हैं। उनसे भी जांच-पड़ताल कर ही आगे जाने की परमिशन दी जाती है। बगैर काम के आने वाले लोगों से सख्ती बरती जाती है।

सुजाता चौक

सुजाता क के समीप ही चर्च कॉम्पलेक्स, रोश्पा टावर, जेडी हाई स्ट्रीट मॉल समेत अन्य कई कॉमर्शियल कॉम्पलेक्स और मार्केट हैं, जहां हर दिन लाखों रुपए का बिजनेस होता है, लेकिन लॉकडाउन में एक भी दुकाने नहीं खुली हैं। 14 दिनों से सभी दुकानें बंद पड़ी हुई हैं। लोगों को काफी नुकसान भी हो रहा है, लेकिन व्यापारियों का भी यही कहना है कि जान है तो जहान है। बिजनेस तो जिंदगी भर होता रहेगा। अभी समय है एकजुट होकर इस महामारी से लड़ने का। सुजाता चौक से होकर जाने वाले रास्ते क्लब रोड हो या पीपी कंपाउंड हर जगह एक ही कहानी है।

सबकुछ खरीद लेने की चाहत

स्थान - जालान रोड, अपर बाजार

समय - दिन के 1.10 बजे

अपर बाजार रांची की सबसे बड़ी थोक मंडी है। यहां घरेलू इस्तेमाल के हर सामान मिलते हैं। मंगलवार को यहां का नजारा आम दिनों में जैसा संडे के दिन रहता है, उसी तरह का देखने को मिला। अच्छी खासी संख्या में लोग बाजार में मौजूद थे। खरीदारी चल रही थी, जैसे आज ही सबकुछ खरीद कर घर पर रख लेना हो। सोने पे सुहागा लगा रहे हैं, वैसे दुकानदार जिनकी सामान आवश्यक वस्तुओं में नहीं आते। रंगरेज गली में तो चॉकलेट-टॉफी और खिलौनों तक की दुकानें खुली थीं।

सेंट्रिंग शुरू, मजदूर काम पर

स्थान - रॉक गार्डेन, कांके रोड

समय - दिन 1.35 बजे

लॉक डाउन के दौरान हर तरह का निर्माण कार्य बंद है। लेकिन, कांके रोड स्थित रॉक गार्डेन के ठीक सामने बन रही एक बड़ी इमारत (मॉल) में मजदूर काम करते देखे गये। करीब साठ फीट की ऊंचाई पर सेंट्रिंग का काम चल रहा था। करीब सात मजदूर यहां काम करते देखे गए। इमारत पूरी तरह से बंद है और वहां काम कराने वाला भी कोई मौजूद नहीं था, इसलिए काम की मौजूदा स्थिति की जानकारी देने वाला भी कोई नहीं मिला। हां, कड़ी धूप में मेहनत कर पसीना बहाते मजदूर कोरोना से बेखौफ नजर आए।

मोरहाबादी इलाके में वीरानी

स्थान - यूनिवर्सिटी कैंपस, मोरहाबादी

समय - दिन के 2.10 बजे

आम दिनों में मोरहाबादी इलाके में खुब चहल-पहल रहती है, लेकिन मंगलवार को इस एरिया में केवल सफाईकर्मी और मुख्यमंत्री किचन की तैयारी करते कुछ मजदूर ही नजर आए। डीसी रेसिडेंस से लेकर बिरसा स्टेडियम के मुहाने तक पूरी तरह से सन्नाटा पसरा था। हालांकि, मोरहाबादी के ही न्यू एरिया और एदलहातू जैसी बस्तियों में लोगों का घूमना-फिरना जारी था। अच्छी खासी संख्या में लोग घर से बाहर निकल कर पानी भरते, सब्जियां खरीदते और दूसरे काम निपटाते हुए देखे गए।

जिंदगी पटरी पर लाने की तैयारी

स्थान - रांची रेलवे स्टेशन

समय - दिन 2.50 बजे

14 अप्रैल के बाद क्या होगा? क्या लॉक डाउन आगे बढ़ेगा या खत्म होगा। अगर खत्म होगा, तो जिंदगी की रफ्तार तेज होगी, लिहाजा इसे पटरियों पर दौड़ाने के लिए रेल कर्मी जी-जान लगाकर काम कर रहे हैं। मंगलवार को रांची रेलवे स्टेशन के पास पटरियों की जांच के साथ ही इलेक्ट्रिक वायर्स की छोटी-मोटी खामियों को दूर किया गया। कंडक्टर्स भी दुरुस्त किए जा रहे थे। एक सर्विस कोच की छत पर खड़े होकर कड़ी धूप में रेलवे के आठ-दस कर्मचारी काम में जुटे थे। अगर लॉक डाउन खत्म होता है, तो किसी को तकलीफ न हो, इसलिए अभी से तैयारी की जा रही है।