-लोहियानगर तथा वेदव्यासपुरी के किसान पहुंचे एमडीए

-शताब्दीनगर योजना की तर्ज पर बढ़ा हुआ मुआवजा मांगा

- कहा, ये है हक की लड़ाई, नहीं मिला तो टकराव

Meerut: मुआवजे को लेकर किसानों और एमडीए के बीच की तकरार अब टकराव का रूप लेती नजर आ रही है। सोमवार के वेदव्यासपुरी व लोहियानगर के किसान एमडीए दफ्तर पहुंच गए। आक्रोशित किसानों ने एमडीए पर भ्रष्ट मुआवजा नीति का आरोप लगाते हुए ईट से ईट बजाने की बात कही।

क्या है मामला

मेरठ विकास प्राधिकरण ने अपनी आवासीय योजना शताब्दीनगर में किसानों को म्90 रुपए का मुआवजा दिया था, जबकि लोहियानगर व वेदव्यासपुरी को केवल क्म्भ् रुपए का मुआवजा ही दिया गया है। किसानों का आरोप है कि एमडीए अपनी ही भिन्न-भिन्न योजनाओं में अलग-अलग मुआवजा नीति अपना रहा है। किसानों की मांग है कि उनको भी शताब्दीनगर योजना की तर्ज पर ही मुआवजा दिया जाए। इसी मांग को लेकर किसानों ने सोमवार को एमडीए पर हल्ला बोल दिया।

टकराव की चेतावनी

एमडीए पहुंचे किसानों का उग्र रवैया देख प्राधिकरण सचिव सौम्य श्रीवास्तव ने उनको समझाने का प्रयास किया, लेकिन किसानों ने उनकी बात सुनने से इंकार कर दिया और अपनी बात पर अड़े रहे। किसानों का नेतृत्व कर रहे भाकियू नेता रविन्द्र दौरालिया ने कहा कि यदि एमडीए किसानों का उनका हक नहीं देता तो एमडीए की ईट से ईट बजा देंगे।

डीएम के पाले में गेंद

एमडीए सचिव सौम्य श्रीवास्तव ने किसानों के साथ बैठक कर कहा कि मुआवजा संबंधी पूरा मामला डीएम के अधीन है। उन्होंने कहा कि डीएम की अध्यक्ष ने एक कमेटी का गठन किया गया है। कमेटी ही सारे म़ुआवजा संबंधी सारे बिंदुओं पर विचार कर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इसी के बाद ही कोई निर्णय लिया जा सकेगा।

मुआवजा संबंधी पूरा मामला जिलाधिकारी के अधीन है। जिलाधिकारी के निर्देशन में एक कमेटी का गठन किया गया है। कमेटी की रिपोर्ट सौंपने के बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा।

-सौम्य श्रीवास्तव, सचिव एमडीए