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LUCKNOW : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके संसदीय क्षेत्र वाराणसी में चुनौती देने वाले निर्दलीय प्रत्याशी अतीक अहमद और कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय के खिलाफ सबसे ज्यादा मुकदमे दर्ज है। यह खुलासा हुआ है एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्स (एडीआर) की रिपोर्ट से जो लोकसभा चुनाव के सातवें चरण में यूपी में अपनी सियासी किस्मत आजमाने वाले उम्मीदवारों द्वारा चुनाव आयोग को दिए गये एफिडेविट का एनालिसिस करके तैयार की गयी है। खास बात यह है कि माफिया अतीक अहमद का नाम सातवें चरण के करोड़पति प्रत्याशियों की लिस्ट में तीसरे स्थान पर भी है। इससे साफ हो जाता है कि राजनीति में अपराधियों का दखल किस कदर बढ़ता जा रहा है। एडीआर ने इस पर चिंता भी जाहिर की है।

26 फीसद आपराधिक प्रवृत्ति के

एडीआर के मुताबिक सातवें चरण में 26 फीसद आपराधिक प्रवृत्ति के प्रत्याशी मैदान में है जिसमें से 22 फीसद उम्मीदवार गंभीर आपराधिक प्रवृत्ति के हैं। सबसे ज्यादा आपराधिक मामलों में माफिया अतीक अहमद पहले स्थान पर है, जो निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में बनारस से चुनाव लड़ रहे है। दूसरे स्थान पर अजय राय है जो कांग्रेस प्रत्याशी है। अजय राय के ऊपर आठ आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। तीसरे नंबर पर घोसी से बसपा प्रत्याशी अतुल कुमार सिंह हैं। वहीं करोड़पति उम्मीदवारों में सबसे अमीरों की सूची में महाराजगंज से बसपा प्रत्यााशी पंकज चौधरी हैं जिनकी संपत्ति 37 करोड़ रुपये से अधिक है। दूसरे स्थान पर कुंवर रनजीत प्रताप नारायन सिंह हैं जो कुंशीनगर से कांगे्रस प्रत्याशी है। उनकी सम्पत्ति 29 करोड़ से अधिक है। तीसरे स्थान पर अतीक अहमद है जिनकी संपत्ति 25 करोड़ रुपये है।

सबसे ज्यादा दागी कांगे्रस में

सातवें चरण में सबसे ज्यादा दागी प्रत्याशी कांग्रेस के हैं। एडीआर के मुताबिक कांग्रेस के 67 फीसद, सपा के 63 फीसद, बसपा के 50 फीसद, भाजपा के 46 फीसद, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के 20 फीसद व प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के 17 फीसद उम्मीदवार दागी हैं। खास बात यह है कि चुनाव में  छोटे दलों के सारे प्रत्याशी दागी छवि के हैं।

इस बार बढ़ गये दागी

एडीआर के मुताबिक लोकसभा चुनाव 2014 के सापेक्ष जिस तरह से 2019 में गंभीर दागी प्रत्याशियों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है, वह बहुत ही चिंता का विषय है। इसी प्रकार से यदि आपराधियों की संख्या बढ़ती रही तो आने वाले समय में लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा पैदा होगा।

इन 13 सीटों पर होना है चुनाव

महाराजगंज, कुशीनगर, वाराणसी, गोरखपुर, बांसगांव, गाजीपुर, सलेमपुर, मिर्जापुर, बलिया, घोसी, देवरिया, चंदौली और राबट्र्सगंज।

सातों चरण का हाल

- 80 लोकसभा सीटों पर यूपी में हो रहा चुनाव

- 979 प्रत्याशियों ने चुनाव में पेश की है दावेदारी

- 958 प्रत्याशियों के एफिडेविट का एडीआर ने किया एनालिसिस

- 220 उम्मीदवारों (23 फीसद) ने अपना आपराधिक रिकॉर्ड घोषित किया

- 181 प्रत्याशियों (19 फीसद) पर गंभीर आपराधिक मामले हैं दर्ज

- 358 उम्मीदवारों (37 फीसद)ने खुद को करोड़पति घोषित किया

- 4।79 करोड़ रुपये औसत सम्पत्ति प्रति उम्मीदवार पायी गयी

फैक्ट फाइल

- 29 फीसद उम्मीदवारों की शैक्षणिक योग्यता 5वीं से 12वी के बीच

- 61 फीसद उम्मीदवार ग्रेजुएट तक शिक्षित है

- 58 फीसद उम्मीदवारों की आयु 25 से 50 वर्ष के बीच

- 42 फीसद उम्मीदवारों की उम्र 51 से 80 वर्ष के बीच

- 08 फीसद महिलाएं सातवें चरण के चुनाव मैदान में

टॉप फाइव दागी प्रत्याशी

उम्मीदवार    सीट    पार्टी    केस    गंभीर धाराएं

अतीक अहमद    वाराणसी    निर्दलीय    59    80

अजय राय    वाराणसी    कांग्रेस    8    16

अतुल कुमार सिंह    घोसी    बसपा    14    14

शिव कुमार    कुशीनगर    निर्दलीय    03    12

रामभुआल निषाद    गोरखपुर    सपा    07    10

टॉप फाइव करोड़पति प्रत्याशी

उम्मीदवार    सीट    पार्टी    संपत्ति

पंकज चौधरी    महाराजगंज    भाजपा    37.18 करोड़

रणजीत प्रताप सिंह    कुशीनगर    कांग्रेस    29.54 करोड़

अतीक अहमद    वाराणसी    निर्दलीय    25.50 करोड़

रवि किशन    गोरखपुर    भाजपा    20.84 करोड़

कमलेश पासवान    बांसगांव    भाजपा    17.17 करोड़

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मोदी से ज्यादा अमीर मनोज और महेंद्र

केंद्रीय संचार मंत्री मनोज सिन्हा, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय और पार्टी के ज्यादातर प्रत्याशी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अमीर हैं। एडीआर के एनालिसिस के मुताबिक प्रधानमंत्री की कुल चल-अचल संपत्ति करीब 2.46 करोड़ रुपये है। करोड़पति प्रत्याशियों की सूची में उनका 32वां नंबर है। जहां तक भाजपा प्रत्याशियों की बात है तो बलिया और कुशीनगर से पार्टी के प्रत्याशी वीरेद्र सिंह मस्त और विजय कुमार दूबे को छोड़ दें तो सभी मोदी से अमीर हैं।