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-लोकसभा चुनाव में मॉइनारिटी कैंडीडेट्स ने झोंकी ताकत
- पिछले लोकसभा चुनाव में सूबे में नहीं खुला था खाता
- इस बार कई कद्दावर मुस्लिम नेता चुनाव के मैदान में

ashok.mishra@inext.co.in
LUCKNOW: लोकसभा चुनाव में नामांकन शुरू होने के साथ ही यह सवाल भी मौजू होता जा रहा है कि आखिर इस बार कौन मुस्लिम प्रत्याशी यूपी से संसद तक जाने में सफल रहता है। पिछले लोकसभा चुनाव में सूबे से एक भी मुस्लिम प्रत्याशी जीत दर्ज कराने में सफल नहीं रहा था। इनमें कई तो बेहद कम अंतर से हार गये थे। सपा, बसपा और कांग्रेस के 18 मुस्लिम प्रत्याशी दूसरे स्थान पर आए थे जिनमें कई महिलाएं भी थी। इस बार फिर तमाम दलों के कद्दावर मुस्लिम नेता चुनाव मैदान में हैं और उम्मीद जताई जा रही है कि इनमें से कोई न कोई संसद की चौखट चूमने में सफल रहेगा।

फैक्ट फाइल

- 3.84 करोड़ मुसलमान रहते हैं यूपी में
- 19 फीसद हिस्सा है सूबे की कुल आबादी का
- 20 फीसद से अधिक मुस्लिम आबादी वाले 21 जिले
- 143 विधानसभा सीटें हैं मुस्लिम बाहुल्य

यहां सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी
- 50.57 फीसद रामपुर में
- 47.12 फीसद मुरादाबाद में
- 43 फीसद बिजनौर में
- 42 फीसद सहारनपुर और मुजफ्फरनगर में  

कई बड़े नेताओं को मिली शिकस्त
पिछले लोकसभा चुनाव में कई बड़े मुस्लिम नेताओं को भी करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था। इनमें मुजफ्फरनगर के बसपा प्रत्याशी कादिर राणा भी शामिल हैं जिनको भाजपा के संजीव बालियान ने चार लाख से ज्यादा वोटों से हराया था। इसी तरह देवरिया में कलराज मिश्र ने बसपा के नियाज अहमद को 2.65 लाख वोटों से शिकस्त दी थी। बरेली में भाजपा के संतोष गंगवार ने सपा की आयशा इस्लाम को हराया था तो कैराना में हुकुम सिंह ने सपा के नाहिद हसन को शिकस्त दी थी। मेरठ में भाजपा के राजेंद्र अग्रवाल ने बसपा के मोहम्मद शाहिद इखलाक को 2.32 लाख वोटों से हराया था। इसी तरह बागपत में भाजपा प्रत्याशी सत्यपाल सिंह ने सपा के गुलाम मोहम्मद को और बिजनौर में भाजपा प्रत्याशी कुंवर भारतेंदु ने सपा के शाहनवाज राणा को मात दी थी। इसी तरह फतेहपुर में भाजपा की साध्वी निरंजन ज्योति ने बसपा के अफजल सिद्दीकी, प्रतापगढ़ में अपना दल के कुंवर हरिवंश सिंह ने बसपा के आसिफ निजामुद्दीन सिद्दीकी, अमरोहा में भाजपा के कंवर सिंह तंवर ने सपा की हुमैरा अख्तर, धौरहरा में भाजपा की रेखा वर्मा ने बसपा के दाऊद अहमद, डुमरियागंज में भाजपा के जगदंबिका पाल ने बसपा के मोहम्मद मुकीम, बहराइच में भाजपा के टिकट पर सावित्री बाई फुले ने सपा के शब्बीर अहमद, श्रावस्ती में भाजपा के दद्दन मिश्रा ने सपा के अतीक अहमद, सहारनपुर में भाजपा के राघव लखनपाल ने कांग्रेस के इमरान मसूद, सीतापुर में भाजपा के राजेश वर्मा ने बसपा की कैसर जहां और संभल में भाजपा के सत्यपाल सिंह ने सपा के शफीकुर्रहमान बर्क को हराया था।
 
रामपुर का चुनाव हुआ था सबसे रोचक
मुस्लिम बाहुल्य सीट होने की वजह से पिछले लोकसभा चुनाव में रामपुर में हुआ मुकाबला सबसे रोचक साबित हुआ था। रामपुर में भाजपा प्रत्याशी डॉ। नेपाल सिंह ने सपा के नसीर अहमद खान को महज 23435 वोटों से शिकस्त दी थी। इस बार रामपुर में सपा की ओर से कद्दावर मुस्लिम नेता और कई बार सपा सरकार में मंत्री रह चुके मोहम्मद आजम खान चुनाव लडऩे जा रहे हैं जबकि भाजपा ने दो बार रामपुर से सांसद रह चुकीं जयाप्रदा को टिकट दिया है। वहीं कांग्रेस ने संजय कपूर को चुनाव मैदान में उतारा है।
 
इस बार ये आजमा रहे किस्मत
हालिया लोकसभा चुनाव में कई मुस्लिम प्रत्याशी एक बार फिर चुनाव मैदान में हैं। इनमें से कई कद्दावर नेता हैं। अब तक घोषित प्रत्याशियों पर नजर डालें तो बसपा ने सहारनपुर से हाजी फजलुर्रहमान को टिकट दिया है तो कांग्रेस ने इमरान मसूद पर फिर भरोसा जताया है। कैराना में तबस्सुम हसन सपा के टिकट पर मैदान में हैं तो बिजनौर से कांग्रेस के नसीमुद्दीन सिद्दीकी चुनाव लडऩे जा रहे हैं। मुरादाबाद में सपा ने पहले नासिर कुरैशी को टिकट दिया था जिसे बदलकर अब टीके हसन को दिया गया है। यहां कांग्रेस की ओर से मशहूर शायर इमरान प्रतापगढ़ी प्रत्याशी बनाए गये हैं। संभल से एक बार फिर सपा के शफीकुर्ररहमान चुनाव लडऩे जा रहे हैं। इसी तरह अमरोहा में बसपा के कुंवर दानिश अली, मेरठ में बसपा के हाजी मोहम्मद याकूब कुरैशी, बदायूं में कांग्रेस के सलीम इकबाल शेरवानी, लखीमपुर खीरी में कांग्रेस के जफर अली नकवी, सीतापुर में कांग्रेस से कैसर जहां, संतकबीरनगर में कांग्रेस के परवेज खान चुनाव लडऩे जा रहे हैं।
 
25 मुस्लिम बाहुल्य सीटें
सूबे में 25 मुस्लिम बाहुल्य सीटें हैं जिनमें से अधिकांश पर सपा-बसपा गठबंधन और कांग्रेस ने अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए है। इन 25 सीटों में 13 सीटें बसपा जबकि 12 सपा के खाते में आई है। इसके अलावा प्रगतिशील समाजवादी पार्टी ने भी कई मुस्लिम नेताओं को टिकट दिया है। बसपा के हिस्से में आगरा, अलीगढ़, सलेमपुर, मेरठ, फतेहपुर सीकरी, जौनपुर, घोसी, कैसरगंज, सहारनपुर, गाजीपुर, अमरोहा व भदोही आई हैं जबकि सपा के हिस्से में लखनऊ, बरेली, बदायूं, चंदौली, फिरोजाबाद, बहराइच, मुरादाबाद, आजमगढ़, रामपुर, संभल और कन्नौज हैं। इसी तरह विधानसभा चुनाव में यूपी की 403 सीटों में से 143 मुस्लिम बाहुल्य मानी जाती हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में बसपा ने इनमें से 100 सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशी उतारे थे।

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