क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ :लोकसभा चुनाव 2019 में उम्मीदवारों की घोषणा ने आईपीएस अफसरों का राजनीति से मोह भंग कर दिया है. अब आईपीएस अधिकारियों को राजनीति रास नहीं आ रही है. दरअसल, चार आईपीएस अधिकारी इस चुनाव में ताल ठोंकने के लिए पूरी ताकत झोंक रहे थे लेकिन गंभीर बात यह रही उनमें किसी को भी पार्टी ने टिकट नहीं दिया. इतना ही नहीं, जमशेदपुर से पूर्व सांसद और झाविमो से कांग्रेस में शामिल होने वाले वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार का टिकट भी कट गया. महागठबंधन में जमशेदपुर सीट झामुमो के खाते में चली गयी और झामुमो ने चंपई सोरेन को वहां से उम्मीदवार घोषित कर दिया है. इस चुनाव में पलामू संसदीय सीट के भाजपा उम्मीदवार वीडी राम इकलौते ऐसे कैंडिडेट हैं, जो एक्स आईपीएस रह चुके हैं.

छन से जो टूटा सपना

टिकट की आस में कांग्रेस में शामिल हुए तीन पूर्व आईपीएस अधिकारियों राजीव कुमार, अरुण उरांव और रामेश्वर उरांव को इस चुनाव में पार्टी ने टिकट देने से इनकार कर दिया. पार्टी ने कहा कि महागठबंधन का उद्देश्य पूरा करना हमारा लक्ष्य है. प्रदेश के तीन पूर्व आईपीएस अधिकारियों को इस बार टिकट नहीं मिलना ब्यूरोक्रेसी में चर्चा का विषय है. आईएएस और आईपीएस लॉबी में होने वाली चर्चा पर यकीन करें तो पूर्व आईपीएस और पार्टी अध्यक्ष ने तीनों के सपनों पर पानी फेरते हुए चुनाव में इन्हें टिकट से वंचित करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है.

पूर्व डीजीपी राजीव कुमार को हताशा

कला और गीत संगीत के शौकीन राजीव कुमार ने अभी हाल ही में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की रैली में पार्टी का दामन थामा था. वो पलामू से वीडी राम के विपक्ष में लड़ने का सपना लेकर मैदान में उतरे. लोकलुभावने वादों के साथ उन्हें ज्वाइनिंग तो दी गयी लेकिन ऐन वक्त पर एक्स डीजीपी का टिकट ही कट गया. इधर, दो पूर्व आईपीएस अधिकारी अरुण उरांव और रामेश्वर उरांव पहले से ही कांग्रेस के साथ हैं.

लोहरदगा के दावेदार हुए चुनाव से बाहर

पार्टी के अंदरखाने से मिली जानकारी के अनुसार रामेश्वर उरांव और अरुण उरांव के बीच लोहरदगा संसदीय सीट को लेकर दावेदारी थी. जबकि राजीव कुमार को दिल्ली भेजने के लिए वाया पलामू का रास्ता तय करना था. लेकिन तीनों में से किसी नेता को टिकट नहीं मिला. क्योंकि महागठबंधन के घटक दलों के बीच हुई रस्साकशी की वजह से जेपीसीसी प्रमुख अजय कुमार का चुनाव लड़ना सशंकित हो गया. इसी लपेटे में तीनों पूर्व आईपीएस अधिकारी भी आ गए. जबकि सत्तारूढ़ बीजेपी ने एक बार फिर पूर्व आईपीएस वीडी राम पर दांव लगाया है.

कार्यकर्ताओं के फीडबैक पर थोपी जिम्मेदारी

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता राजीव रंजन का कहना है कि सभी लोकसभा सीट के लिए जिन कैंडिडेट्स का चुनाव हुआ है उनका उस क्षेत्र के नेताओं और कार्यकर्ताओं से फीडबैक के आधार पर चयन किया गया है, ताकि सही कैंडिडेट्स को ही चुनावी मैदान में उतारा जा सके. उन्होंने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष डॉ अजय की भूमिका इसमें नहीं है. अगर ऐसा होता तो उन्हें अपनी सीट का त्याग नहीं करना पड़ता. बल्कि स्क्रीनिंग कमेटी के निर्णय के बाद ही कैंडिडेट्स का चुनाव हुआ है, ताकि महागठबंधन के उद्देश्य को पूरा किया जा सके.