क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ:मांडर में होने वाले लोकसभा चुनाव के दौरान डीसी राय महिमापत रे और एसएसपी अनीश गुप्ता वहां रात भर कैंप कर रहे हैं. मतदान की प्रक्रिया सुचारू रूप से चले इसके लिए यह निर्णय लिया गया. डीसी राय महिमापत रे ने बताया कि पोलिंग पार्टी में प्रतिनियुक्त अनुपस्थित लोगों के खिलाफ मंगलवार को कार्रवाई की जाएगी. एसएसपी अनीश गुप्ता ने बताया कि सभी बूथ पर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं. स्टैटिक फोर्स की प्रतिनियुक्ति हर बूथ पर की गई है. कई बूथों पर केंद्रीय अर्धसैनिक बल भी तैनात रहेंगे. सेक्टर मजिस्ट्रेट के साथ पुलिस बल की तैनाती की गई है. जोनल के साथ क्विक रिएक्शन टीम रहेगी. सुपर जोनल मजिस्ट्रेट के साथ सीनियर पुलिस ऑफिसर तैनात रहेंगे. उन्होंने बताया कि मांडर क्षेत्र में मिनी कंट्रोल रूम बनाया गया है, जिसमें रैफ की तैनाती की गई है. आवश्यकता पड़ने पर उन्हें किसी पोलिंग स्टेशन, लोकेशन या क्षेत्र में भेजा जा सकता है. उन्होंने कहा कि सभी पोलिंग बूथ की कनेक्टिविटी चेक कर ली गई है, सेक्टर्स को वायरलेस कनेक्टिविटी से जोड़ा गया है. डिस्पैच के बाद पोलिंग पदाधिकारी/कर्मियों की सुरक्षा के इंतजाम भी कर दिए गए हैं.

5 ब्लॉक के 429 बूथ

डीसी ने बताया कि लोहरदगा संसदीय क्षेत्र अंतर्गत मांडर विधानसभा में कुल पांच प्रखंड हैं, जिनमें 429 मतदान केंद्र हैं. पांच प्रखंड में पांच सुपर जोनल मजिस्ट्रेट बनाए गए हैं, जिनके साथ जिले के वरिष्ठ पदाधिकारी और सीनियर पुलिस अफसर भी होंगे. चुनाव के लिए 55 सेक्टर मजिस्ट्रेट और 13 जोनल मजिस्ट्रेट बनाए गए हैं. 41 भवनों में माइक्रो ऑब्जर्वर को लगाया गया है. मॉडल बूथों की संख्या 31 है साथ ही 44 पोलिंग स्टेशन की वेब कास्टिंग की जाएगी.

तीन लाख से ज्यादा वोटर्स

जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि मांडर विधानसभा क्षेत्र में कुल पुरुष मतदाता की संख्या 163576 है, जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 154992 है. सर्विस मतदाताओं की संख्या 2088 है, जिनमें 2078 पुरुष और 10 महिला मतदाता हैं. सर्विस मतदाताओं को मिलाकर क्षेत्र में कुल 320656 मतदाता है. अधिकारियों का कहना है कि मांडर विधानसभा क्षेत्र में कुछ बूथ संवेदनशील हैं कुछ अति संवेदनशील, लेकिन कोई बूथ क्रिटिकल नहीं.

मतदानकर्मी डिस्पैच

मतदान के लिए 1800 से अधिक कर्मियों को डिस्पैच किया गया है. रविवार को 6 विधानसभा क्षेत्र के लिए पोलिंग पार्टियों को रवाना किया जाएगा. सभी सेक्टर मजिस्ट्रेट के पास रिजर्व ईवीएम हैं. सभी ईवीएम की ट्रैकिंग जीपीएस से की जा रही है, जिससे किसी भी परिस्थिति में ईवीएम फिक्स रूट से बाहर ना जाए.