- नई किस्म की ईवीएम में नोटा के साथ 384 उम्मीदवारों की क्षमता

- बनारस से 111 किसान के चुनाव लड़ने से निजामाबाद जैसी बनेगी स्थिति

 

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VARANASI : लोकसभा-2014 में वाराणसी ससंदीय सीट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कुल 42 उम्मीदवारों ने किस्मत आजमाई थी. इस बार यह संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि नरेंद्र मोदी के खिलाफ 111 तेलंगाना के किसानों ने चुनाव लड़ने की घोषणा की है. इसके अलावा भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर समेत और लोगों ने चुनाव लड़ने का इरादा जताया है. अगर यही स्थिति रही तो बनारस में भी एम-3 ईवीएम से चुनाव होंगे. पिछली बार टाइप-2 ईवीएम से मतदान हुआ था, जिसमें सिर्फ 64 उम्मीदवारों को ही लेने की क्षमता है.


निजामाबाद में इस्तेमाल होगा एम-3

लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण में देश की 91 लोकसभा सीटों पर मतदान होगा, जिसमें तेलंगाना की निजामाबाद संसदीय सीट भी शामिल है. जहां 185 उम्मीदवार मैदान में हैं, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है. टाइप-2 ईवीएम में सिर्फ 64 उम्मीदवारों को ही लेने की क्षमता है. ऐसी स्थिति में अब इस सीट पर बैलट पेपर से नहीं बल्कि एम-3 ईवीएम से ही चुनाव होंगे. यही स्थिति बनारस में भी बन सकती है.

 

क्या है एम-3 की खासियत

एम-3 में टेंपर डिटेक्शन का फीचर है, यदि इससे कोई छेड़छाड़ करता है तो यह अपने आप काम करना बंद कर देती है. इसके अलावा यह मशीन अपने कुछ खराबी आए तो स्वयं दुरस्त कर लेती है. यानी यदि सॉफ्टवेयर में कोई फाल्ट है तो यह उसे पकड़ लेगी यह इसके डिस्प्ले पर प्रदर्शित होने लग जाएगा. इस मशीन के कंट्रोल यूनिट और बैलट यूनिट आपस में संवाद करने में सक्षम हैं. यदि बाहर से कोई कंट्रोल यूनिट या बैलट यूनिट लगाई जाएगी तो इसके डिजिटल सिग्नेचर मैच नहीं होंगे और सिस्टम काम करना बंद कर देगा. नई किस्म की एम-3 ईवीएम में 384 उम्मीदवारों के साथ नोटा को जोड़ा जा सकता है.

 

टाइप-2 ईवीएम में 64 की क्षमता

बीईएल द्वारा बनाई गई नई किस्म की एम-3 ईवीएम में 24 बैलट यूनिटें (एक बैलट यूनिट में 16 उम्मीदवार) जोड़े जा सकते हैं. इससे पूर्व टाइप-2 ईवीएम में सिर्फ 64 उम्मीदवारों को ही लेने की क्षमता थी. इससे ज्यादा उम्मीदवार होने की स्थिति में मतदान के लिए बैलट पेपर इस्तेमाल का प्रावधान था.

 

बनारस में कुल संसाधन

4798 बैलट यूनिट

3490 कंट्रोल यूनिट

3771 वीवीपैट

2920 मतदान केंद्र